मंगलवार, फ़रवरी 03, 2009

हमेशा जुकाम रहने के कारण उपहास का पात्र बन गया हूं।

आदरणीय वैद्यजी सादर प्रणाम
मुझे करीब पिछले डेढ़ साल से लगातार जुकाम बनी रहती है मेरी उम्र ३३ साल है। मैं एक स्कूल मे टीचर हूं लेकिन हमेशा जुकाम रहने के कारण उपहास का पात्र बन गया हूं। कोई सटीक उपचार बताइये। मुझे आयुर्वेद पर पूरा विश्वास है।
जयराज मिश्र,बबेरू
जयराज जी, आयुर्वेद पर विश्वास प्रदर्शित करने के लिए धन्यवाद स्वीकार करिये। मैंने आपकी भेजी हुई रिपोर्ट्स को देखा है आप परेशान न होइये। निम्न उपचार लगातार चालीस दिन तक लीजिये और ध्यान रहे कि फ़्रिज का पानी या बाजारू ठंडे पेय न पियें और कफ़वर्धक पदार्थों से सख्त परहेज करें-
१ . सितोपलादि चूर्ण २ ग्राम + त्रिभुवन कीर्ति रस १२५ मिग्रा. + लक्ष्मीविलास रस नारदीय १२५ मिग्रा. + श्रंग भस्म २५० मिग्रा. + रस सिंदूर १०० मिग्रा. + गोदन्ती भस्म २५० मिग्रा. को लेकर एक मात्रा बनाएं; इस मिश्रण की तीन खुराक दिन में शहद के साथ सेवन करें।
२ . हरिद्राखण्ड आधा चम्मच + चित्रक हरीतकी आधा चम्मच दिन में दो बार सेवन करें और ऊपर से हलका सा गर्म जल पियें।
आपको मात्र दो तीन दिन में ही आराम आने लगेगा।

1 आप लोग बोले:

बेनामी ने कहा…

Doctor ji Namastay

Sir mere Ko kuch dino se Masudo me dard ho rha h aur pani peene per thanda aur gram lagta kripya kuch Ayurvedik upchar batay.

Ramkrishan Tanwar , Jaipur Rajasthan