शुक्रवार, फ़रवरी 06, 2009

पंद्रह दिन पहले paralysis हो गया

आदरणीय सर
चरणस्पर्श
मेरे चाचाजी जिनकी उम्र पैंतालीस साल है पंद्रह दिन पहले paralysis हो गया है और उनके शरीर का दांया भाग लगभग निष्क्रिय सा हो गया है। आपसे प्रार्थना है कि तत्काल उपचार बतायें ताकि बीमारी पुरानी होने से पहले ही स्वस्थ होने की प्रक्रिया शुरू हो जाए। धन्यवाद
नितिन चंद्रवंशी,आगरा
नितिन जी, आप निराश और परेशान बिलकुल न हों आयुर्वेद में पक्षाघात का सटीक उपचार है। मैंने आपकी भेजी हुई तमाम रिपोर्ट्स को देखा है। आप अपने चाचाजी को निम्न औषधियां दें-
१ . मल्ल सिंदूर २ ग्राम + हरताल भस्म ३ ग्राम + विषतिंदुक वटी ५ ग्राम + एकांगवीर रस २० ग्राम + जंगली कबूतर की सूखी हुई बीट २० ग्राम + जायफ़ल ५ ग्राम (इस योग में कबूतर की बीट एक महत्त्वपूर्ण घटक है अतः उसे न निकालें अन्यथा लाभ पर्याप्त न होगा। ये आपको प्रयास करने पर मिल ही जाएगी कोई दुर्लभ पदार्थ नहीं है) इन सभी को लेकर पान के पत्ते के रस के साथ घोंटिये जब रस सूख जाए तब फिर उतना रस डालिये कि सारी दवाएं भीग जाएं, इसी तरह कुल तीन बार पान के पत्ते के रस को इस दवा में घोंट कर सुखा दीजिये और उड़द के दाने के समान गोलियां बना लीजिये। इस पूरे कार्य में आपको मुश्किल से एक दिन ही लगेगा बस आलस्य न करें। इस गोली को दो-दो गोली दिन में तीन बार महारास्नादि काढ़े के साथ दीजिये।
२ . कब्जियत के निवारण के लिये रात्रि भोजन के बाद दो चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने जल से दीजिए।
३ . सर्पगंधा घन वटी एक गोली दिन में एक बार भोजन के बाद दीजिये।
४ . प्रभावित अंगों पर दिन में दो बार महामाषादि तेल की हल्के हाथ से मालिश करिये।

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