सोमवार, फ़रवरी 23, 2009

PROLAPSE OF UTERUS बताया,योनि एकदम शिथिल और ढीली हो गयी है

डाक्टर साहब नमस्ते
मेरी पत्नी को गर्भाशय में तकलीफ़ के कारण हास्पिटल ले जाने पर जांच करा और बताया गया कि सर्जरी कराना पड़ेगा। उनकी बीमारी PROLAPSE OF UTERUS बताया गया है। क्या आपरेशन कराना उचित रहेगा या आयुर्वेद में कोई इलाज है जिससे कि बिना सर्जरी के ठीक हो सकें। उन्हें सफ़ेद पानी(श्वेत प्रदर यानि लिकोरिया) की भी समस्या है। योनि एकदम शिथिल और ढीली हो गयी है उन्हें ऐसा एहसास होता है जैसे कि योनि की अंदरूनी दीवारें एक दूसरे पर फिसल रही हों बड़ी अड़चन हो रही है कभी कभी तेज चुभता हुआ सा दर्द भी होता है।
जयराम दीक्षित,बाड़मेर
जयराम जी बिलकुल परेशान न हों क्योंकि आपने जो रिपोर्ट्स भेजी हैं उनके आधार पर मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि ऐसी कोई बात नही है कि आपरेशन कराना पड़े। आप अपनी पत्नी को भी आश्वासन दीजिये कि वे बिना सर्जरी के ही स्वस्थ हो जाएंगी। आप निम्न दवा तैयार कर लीजिये-
१ . माजूफल + मुलायम सुपारी + बड़ी इलायची + कचूर + धाय के फूल + तज + छोटी हरड़ + फ़िटकरी + गुलाब के सूखे फूल + सुपारी के सूखे फूल + बड़ी हरड़ का छिलका + गुड़मार ; इन सभी बारह जड़ी-बूटियों को आयुर्वेदिक कच्चा माल बेचने वाले के पास से ले लीजिये सभी को बराबर मात्रा में ले लीजिये यानि कि सभी ५०-५० ग्राम ले लीजिये। इन सबको बारीक पीस लीजिये व साफ़ मलमल के महीन कपड़े में २० ग्राम की मात्रा को एक पोटली की तरह से बांध लीजिये व उसे योनि में इस तरह स्थापित करिए कि पोटली का धागा बाहर लटका रहे ताकि निकालने में सुविधा हो। यह काम अत्यंत हल्के हाथ से करें अन्यथा यदि खरोंच आदि आ गयी तो तकलीफ़ बढ़ सकती है। आपकी पत्नी ये काम स्वयं कर लें तो बेहतर है।
प्रतिदिन स्नान के बाद एक पोटली तीन घंटे के लिए स्थापित करवाइए। इस उपचार को चालीस दिन कम से कम दीजिये और यकीन मानिये कि कोई सर्जरी नहीं करानी पड़ेगी साथ ही अन्य सारी समस्याएं स्वतः समाप्त हो जाएंगी। खट्टी तथा तेज मिर्च-मसालेदार भोजन से परहेज करें।

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