रविवार, फ़रवरी 22, 2009

भील वैद्य जी की चमत्कारिक दवा जो कि मल्टीपर्पज है......

आदरणीय सर
प्रणाम
हमारे यहां साप्ताहिक हाट में एक वैद्य जी अपनी दवाएं लेकर आते हैं उनकी दवाएं कई बार तो बड़ी चमत्कारिक सा प्रभाव दिखाती हैं वो जाति से भील हैं। उनसे अगर दवाओं के बारे में कुछ जानना चाहें तो पैसा लेकर भी बताने को तैयार नहीं होते उनका कहना है कि ये जानकारियां पिता से पुत्र के आगे पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ती हैं। वो एक लाल पाउडर लाते हैं जो कि एक मल्टीपर्पज दवा रहती है और मैंने उस दवा से एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों को लाभान्वित होते देखा है। आपको दवा का नमूना भेज रहा हूं मेहरबानी करके बताएं कि ये क्या है? इसका उपयोग वे अजीर्ण, बदहजमी के कारण पेटदर्द, गैस ट्रबल, अफ़ारा यानि गैस से पेट फूलना, आखों की धुंध, जाली, रतौंधी( नेत्र रोगों में चारगुना काले सुरमें के साथ मिलाकर आंख में लगाने को बताते हैं), सिरदर्द, बेहोशी तथा तेज जुकाम में नसवार की तरह से सूंघने को बताते हैं, दांत दर्द में मंजन की तरह से घिसने को कहते हैं। आखिर ये जादू भरी दवा क्या है आप जनहित में इसे बता सकते हैं तो अवश्य बताएं।
अनुजकांत शर्मा, छत्तीस गढ़
अनुज जी आपने जो दवा का नमूना भेजा है उसे जांचने पर पता चलता है कि उसमें बराबर मात्रा में काली मिर्च , नौसादर(नवसागर) तथा गेरू के सिवाय कुछ नहीं है। आप आश्चर्य न करें कि यह योग देखने में अत्यंत साधारण व सस्ता है किंतु इसके मूल्य पर न जाएं यह वाकई में इन सभी रोगों में अलग -अलग अनुपान के साथ देने से चमत्कारिक लाभ देगा। पेट के विकारों में इसे गर्म जल या सौंफ़ के पानी के साथ दीजिये। मात्रा दो रत्ती रखिये। इसे आप भी घर पर बना कर रख सकते हैं जो कि "किचन-रेमेडी" की तरह से घर में रहे तो अच्छा रहता है।

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