मंगलवार, सितंबर 01, 2009

चश्मा लगता है.....

Namaskaar Sir..........

Mera naam mayank upadhyay hai.

Main B.Tech 1st year me hoo.. aur Indian Air Force me Jaana Chahta hoo.......par mujhe chashma laga hai........ -3.5 D ka.....aur ye badhta hi jaa rha hai..... kripya mujhe mere chashme se chutkaara dilaiye....... kuch aushadhiyaa bhi bata deejiye yogaasano ke saath sath........ dhanyawaad



प्रिय मयंक जी

नमस्कार

आपने नज़र की कमजोरी के बारे में लिखा है। आपने बताया कि दिन ब दिन ये कमजोरी बढ़ रही है तो कुछ औषधियां इस प्रकार लीजिये--

१. षड्बिन्दु तेल --- नाक में दिन में दो बार दोनो छिद्रों में तीन-तीन बूंद डालिये और कुछ देर तक सिर को पीछे की तरफ़ रख कर लेटिये ताकि तेल बाहर न आ जाए ध्यान रखे कि इसे मुंह में मत खींचियेगा नुकसान तो नहीं होगा लेकिन कम लाभ होगा इसे खुद ऊपर चढ़ने दीजियेगा।

२. सप्ताम्रत लौह ---- २५० मिग्रा. दिन में दो बार शहद में मिलाकर चाटिये।

गैस,धड़कन, पसीना, थकान, टेन्शन, शारीरिक व मानसिक कमजोरी,, शारीरिक व मानसिक कमजोरी,

श्रीमान जी, नमस्कार, में 48 साल का हूँ, वैसे सामान्यतया स्वस्थ हूँ, परंतु कुछ समय (3\4 साल) से कुछ भी खाने से गैसबनती हे, सिर में अंदर धमक म्ह्सुस होती हे, पसीना ज्यादा आता हे, "" गर्मी बहुत ज्यादा लगती हे, दिल कि धड़कन मह्सुस होती हे,सारे दिन थकान रहती हे, शारीरिक व मानसिक कमजोरी, एलर्जिक जुखअम (20 सालों से) , नींद सपनों भरी सुबह नींद के बाद भी थकान पिंडलीयों में दर्द, खाने के बाद थकान नींद , याद क्म होना, गुस्सा ज्यादा, थोड़ा भी काम करने से सारे शरीर बहुत पसीना व थोड़े टेन्शन से भी बहुत पसीना, बी। पी. , शुगर नार्मल हे, डा. के अनुसार यह " शारीरिक व मानसिक कमजोरी," हे कोई उपाय बताये? गर्म दवा न दे, काम धंदे के कारण पहरेज नही हो सकता हे,
विष्णु
प्रिय विष्णु जी
नमस्कार
आपने अपनी समस्या के जिन लक्षणों को बताया है उससे बिलकुल स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि ये मात्र पित्त विकार है जो कि जीर्ण हो जाने के कारण आपको अधिक कष्ट दे रहा है।। आपने कहा कि काम धंधे के कारण परहेज संभव नहीं है तो ये बात विचित्र है कि आप अपने काम को शरीर से अधिक महत्त्व दे रहे हैं। जब शरीर स्वस्थ नहीं रहेगा तो काम क्या मन और आत्मा से कर सकते हैं इस लिये भाई हम तो मानते हैं कि पहले शरीर स्वस्थ रखिए वरना मेहनत करके कमाया हुआ पैसा बीमारी के इलाज में चला जाता है। आप तेज-मिर्चमसाले दार खाना न खाएं, बासी भोजन न करें, शराब तम्बाकू आदि के सेवन से बचें, चाय काफ़ी आदि भी आपको नुकसान अक्रेंगे, बाजारू ठंडे पेय न लें ये आपके लिये विष समान हैं। आप निम्न औषधियां लीजिये-
१. गिलोय सत्व ५०० मिग्रा + प्रवाल पिष्टी १२५ मिग्रा + एक चम्मच गुलकंद दिन में दो बार लीजिये।
२. अश्वगंधारिष्ट दो दो चम्मच दिन में दो बार भोजन के आद बराबर पानी मिला कर लीजिये।
इस उपचार को चालीस दिन तक न्यूनतम लीजिये।

प्लीहा बढ़ी हुई है, बांयी किडनी में २० मि.मी. की पथरी है

NAMSTE DOCTOR JI
MERA NAAM RAJPAL HAI & MAIN UNMARRIED HOON. MAIN BAHUT PARESHAN HOON . MERI PLEEHA (SPLEEN) BADI HUI HAI . MERI LEFT KIDNEY MEIN 20 MM KI PATHRI & GALL BLADDER MEIN 14 MM KI PATHRI HAI. MERA HIMOGLOBIN (9.0) BHI BAHUT KAM HAI . SARIR KAM KARTE HUE JALDI TAKH JATA HAI . URIN YELLOW DARK & JALAN KE SATH THODA AATA HAI .. NIGHT MEIN NEEND BHI BAHUT KAM AATI HAI .CHEHRA NISTEJ & GAL ANDER DHASE HAI .DOCTOR SAHEB , PLEASE MERI PROBLEMS SOLVE KIJIYA. KOI UCHIT SAMADHAN BATIYA.
RAJPAL
प्रिय राजपाल जी,आपकी समस्या कि आपकी प्लीहा बढ़ी हुई है, बांयी किडनी में २० मि.मी. की पथरी है, पित्ताशय में १४ मि.मी. की पथरी है, हीमोग्लोबिन ९ है, जल्द थकान हो जाती है, पेशाब गाढ़ा पीला और जलन के साथ कम मात्रा में होता है, रात में नींद बहुत ही कम आती है, चेहरा निस्तेज है और गाल अंदर धंसे हुए हैं। राजपाल जी आपकी समस्या एक ही है न कि कई सारी; ये एक ही समस्या के अनेक लक्षण हैं। आप निम्न औषधियां लीजिये-
१. कलमी शोरा २० ग्राम + पपड़िया नौशादर २० ग्राम + मीठा सोडा(खाने वाला सोडा) २० ग्राम लेकर बारीक पीस लीजिये। इस मिश्रण में से ३ ग्राम दवा पुनर्नवासव के दो चम्मच के साथ दिन में दो बार लीजिये।
२.रसराज रस आधी रत्ती दिन में दो बार शहद से लीजिये।
३. मुक्ता शुक्ति भस्म २ रत्ती + पीपल चूर्ण दो ग्राम दूध में मिला कर दिन में दो बार सेवन करें।
इस उपचार को दो माह तक नियमित लीजिये आपको आनंददायक परिणाम देखने को मिलेगा।