गुरुवार, फ़रवरी 19, 2009

बार-बार आवाज के साथ गैस पास होती रहती है

आदरणीय सर जी, नमस्ते
मैं एक प्राईवेट कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत हूं मेरी उम्र ४३ साल है। मेरी समस्या बताने में भी मुझे शर्म सी महसूस हो रही है। पेट में पाचन की गड़बड़ी के कारण हमेशा आवाज के साथ गैस पास होती रहती है जिसके कारण सारे आफ़िस के लोग मुझे पीठ पीछे विचित्र नामों से पुकारते हैं। मेरी इमेज का सत्यानाश हो रहा है। योगाभ्यास करने के लिये समय ही नहीं मिल पाता है आप मेहरबानी करके कोई दवा बताएं जिससे कि पेट साफ़ हो जाया करे और गैस न बने। आपकी बड़ी मेहरबानी होगी। धन्यवाद
राकेश पोचा,मुज़फ़्फ़रनगर
राकेश जी आपकी समस्या को मैं पूरी गम्भीरता से ले रहा हूं आप ऐसा न समझें कि मैं आपकी बात को मजाक में ले रहा हूं आपने यही बात समझाने में पत्र काफ़ी लम्बा कर दिया है। मैं सीधे ही आपके उपचार की बात करता हूं क्योंकि आपने अपने भोजन के विषय में जैसा लिखा है कि आप अत्यंत सादा भोजन लेते हैं, लीजिये उपचार प्रस्तुत है -
१ . सेंधा नमक १५० ग्राम + अकरकरा २५ ग्राम + सोंठ २५ ग्राम + पीपर २५ ग्राम + काली मिर्च २५ ग्राम + सफ़ेद जीरा २५ ग्राम + शुद्ध गंधक २५ ग्राम + काला जीरा २५ ग्राम + शुद्ध हींग २.५(ढाई) ग्राम + रस सिंदूर ६ ग्राम + टाटरी ५० ग्राम; इन सबको कस कर घोंट कर मिला लें व कड़ाही में डाल कर पकाएं व नींबू का इतना रस डालें कि सारी दवा भीग जाए बस जब पाक जैसा हो जाए तो उतार लीजिये और जंगली बेर के बराबर यानि लगभग ५०० मिग्रा. की गोलियां बांध लें। ये एक - एक गोली आप हर चार घंटे के अन्तर पर गर्म जल से लीजिये दिन में कुल चार बार। खाली पेट दवा नहीं लेना है ये ध्यान रखें। चाय या काफ़ी का सेवन कम से कम करें। ये औषधि अनेक उदर रोगों में मात्र अनुपान भेद से प्रयोग करी जाती है यानि गर्म जल के स्थान पर यदि सिरके(विनेगर) से दें तो पेट में होने वाले वायुगोले पर बहुत अच्छा परिणाम देती है, विशूचिका(पेचिश) में आप इस दवा को पोदीने के अर्क से दे सकते हैं यानि गोली एक काम अनेक।

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