बुधवार, मई 28, 2008

मुझे तीन बार गर्भपात हो गया वो भी मात्र दो-ढाई माह में......

डाक्टर साहब,मेरी उम्र तीस साल है और मेरा विवाह हुए पांच साल हो चुके हैं। विवाह के तीन साल बाद जब हम दोनो ने बच्चे के बारे में विचार किया तो मुझे तीन बार गर्भपात हो गया वो भी मात्र दो-ढाई माह में मुझे समझ नहीं आ रहा कि ऐसा क्यों हो रहा है जबकि हम दोनो तो अत्यंत सावधानी बरतते हैं। एक वैद्य को दिखाया तो उन्होंने कहा कि ये एक प्रकार की बन्ध्यत्व जैसी समस्या ही है। मैंने घबरा कर जबलपुर आकर अपने मायके में सारे टैस्ट कराए जो कि डाक्टर ने कहे लेकिन वो कहती हैं कि मुझे कोई समस्या नही है लेकिन क्या इतनी बार मिसकैरिज होना सामान्य हो सकता है? शहर की डाक्टर ने बहुत सारी दवाएं दी जिन्हें मैंने दीन माह तक खाया और वो सारे पथ्य पाले जो उसने कहे लेकिन पिछले ही माह मुझे फिर मात्र डेढ़ माह में ही मिसकैरिज हो गया, मैं क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा और परिवार के लोगों का भी मुंह टेढ़ा होना शुरू हो गया है क्योंकि सब उस वैद्य की बात को पकड़ कर बैठ गये हैं। आप ही रास्ता बताइये।
रंजना तिवारी,गाडरवारा
रंजना बहन,कई बार ऐसा होता है कि व्यवसायिक नजरिया रखने वाले लोग चाहे वो चिकित्सक हों या किसी अन्य पेशे में आपको डरा देने में ही अपने धंधे की भलाई समझते हैं। मैं कहता हूं कि जिस वैद्य ने आपको कह दिया कि ये बन्ध्यत्व जैसी समस्या ही है उसे मेरी तरफ से कह दीजिये कि वैद्यकी छोड़ कर बागवानी वगैरह जैसा कोई काम अपना लें जिसमें घास काटने का मौका मिले, ऐसे धूर्तों से सावधान रहना चाहिये; ये शहर गांव हर जगह पाए जाते हैं। आप बिलकुल भी चिन्ता न करें आपकी समस्या कोई बहुत बड़ी नहीं है ये आश्वासन मैं आपको देता हूं आप नीचे बताई गई औषधियों का सेवन नियम पूर्वक कम से कम तीन माह तक करिये और जब गर्भ धारणा हो उसके बाद एक माह तक बंद कर दें व पुनः तीन माह तक जारी रखिये। ईश्वर आपके गर्भस्थ की रक्षा करेंगे-
१ . कामिनी कुलमण्डन रस एक गोली + पुष्पधन्वा रस एक गोली को सुबह शाम शहद के साथ दिन में दो बार भोजन के बाद लीजिये।
२ . अशोकारिष्ट + दशमूलारिष्ट बराबर मात्रा में मिला कर दिन में दो बार बराबर मात्रा में जल मिला कर पीजिये।
३ . पुष्यानुग चूर्ण एक चम्मच श्हद के साथ दिन में दो बार खाएं और अगर संभव हो तो ऊपर से चावल का धोवन पिएं।
४ . फलघृत एक चौथाई चम्मच दिन में दो बार भोजन के बाद लें।
मांसाहार यदि करती हों तो त्याग दीजिये और तेज मिर्च-मसालेवाले आहार से परहेज रखिये शेष तो जितनी सावधानियां आप रखती हैं बहुत हैं।

1 आप लोग बोले:

Punit Pandey ने कहा…

श्रीवास्‍तव जी,
आपका आयुर्वेद पर ब्‍लाग देखकर बहुत खुशी हुई। इस प्रकार के ब्‍लॉग हिन्‍दी जगत में बहुत कमी थी। लिखते रहिए। मैं भी थाेडा बहुत आयुर्वेद का अघ्‍ययन करता हूं। आप मेरा ब्‍लाग PunitPandey.com देख सकते हैं।
पुनीत