शुक्रवार, मई 02, 2008

बाईपास सर्जरी न करवानी पड़े,75% ब्लाकेज है.....

डॉक्टर साहब,पंद्रह दिन पहले मेरे पति के सीने में अचानक बहुत तेज दर्द हुआ जो कि छाती के बाएं बाजू से गर्दन के बाएं हिस्से तथा बाएं कंधे की ओर सरकता सा महसूस हो रहा था। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, बेहद घबराहट हो रही थी और ऐसा लग रहा था कि ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ गया हो। मैंने निकट के डॉक्टर को बुलाया तो वे तत्काल ही अपनी कार से ही अस्पताल ले गये। आज ही मेरे पति अस्पताल से घर वापिस आए हैं। बताया गया कि उनकी दिल की नसों में 75% ब्लाकेज होने के कारण ये दर्द हुआ था इसे "एंजाइना पेक्टोरिस" कहते हैं। जल्द ही बाईपास सर्जरी के लिये बोला गया है। हम लोग बहुत डरे हुये हैं। मेहरबानी करके कुछ ऐसा आयुर्वेदिक इलाज हो तो बताइये कि हमें बाईपास सर्जरी न करवानी पड़े और ये ब्लाकेज बस दवाएं खाने से ही खुल जाएं।
सोनालिका सिंह,मथुरा
सोनालिका बहन, आप बिलकुल बेफिक्र हो जाइये क्योंकि आयुर्वेद में आपके पति की समस्या का कारगर हल मौजूद है। उन्हें बाईपास सर्जरी जैसा मंहगा और जोखिम भरा उपाय करने की आवश्यकता नहीं है। मैंने आपके द्वारा भेजी एंजियोग्राफी की रिपोर्ट देख ली है। अब ध्यान दें कि वे अनावश्यक चिन्ता न करें,उन्हें उपवास आदि करने से रोक दें, मांसाहार न करें(अंडे भी नहीं), शराब सेवन और धूम्रपान करते हों तो तत्काल ही बन्द करें, आहार-विहार का समय सुनिश्चित करें, न्यूनतम परिश्रम करें, एकदम हल्का व्यायाम करें, नमक और शक्कर का प्रयोग बन्द कर देना ही हितकर है, दही तथा लहसुन का भरपूर सेवन करें, रात्रि को तांबे के लोटे में पानी भर कर रख दें व सुबह निहारे मुंह उठते ही उस पानी को पी लें ताकि कब्ज न रहे, सुबह नाश्ते में अंकुरित चने व किशमिश मिला कर खूब चबा कर खाएं, तैलीय भोजन न करें ये बेहद नुकसानदेह सिद्ध होगा। निम्न दवाओं को नियम पूर्वक सेवन कराएं और देखिये कि आयुर्वेद क्या चमत्कार करता है ७५% क्या अगर ८०% भी ब्लाकेज हो तो कैसे बिना आपरेशन के ठीक करता है.......
१ . अर्जुन की छाल का जवकुट यानि मोटा-मोटा चूर्ण ३ ग्राम व २५ ग्राम मिश्री लेकर २५० ग्राम दूध में उबालें और इसी दूध का प्रतिदिन प्रातः व सांयकाल सेवन करें।
२ . अर्जुनारिष्ट + अश्वगंधारिष्ट दोनो को मिला कर दो चम्मच बराबर जल मिला कर दिन में दो बार भोजन के बाद लें।
३ . अकीक पिष्टी १०० मिग्रा. + मुक्तापिष्टी १२५ मिग्रा. + जहरमोहरा पिष्टी २०० मिग्रा + अर्जुन की छाल का महीन चूर्ण २५० मिग्रा. + प्रभाकर बटी २५० मिग्रा की एक गोली + सितोपलादि चूर्ण एक ग्राम ; इन सबको मिला कर कुल मात्रा की तीन बराबर पुड़िया बनाएं व दिन में तीन बार शहद के साथ सेवन कराएं, दवा को इसी अनुपात में बना कर रख लें व नियमित रूप से न्यूनतम तीन माह सेवन कराएं यदि अधिक दिन भी सेवन कराया तो कोई नुकसान नहीं होगा। ये एकदम निरापद एवं हानिरहित उपचार हैं।

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