रविवार, मई 18, 2008

बच्चा नींद में दांतो को रगड़ कर अजीब सी किचकिच की आवाज निकालता रहता है

डाक्टर साहब नमस्ते, मेरे बेटे की उम्र ९ वर्ष है। वह दुबला-पतला है लेकिन हमेशा खेलता-कूदता है ,पढ़ाई में भी तेज़ है कोई बीमारी प्रतीत नहीं होती लेकिन मैंने एक बात पिछले एक माह से देखा है कि वह जब गहरी नींद में होता है तब कुछ बड़बडाता है या फिर दांतो को रगड़ कर अजीब सी किचकिच की आवाज निकालता रहता है। उसे जगा देने पर इस बात का एहसास नहीं होता। मैंने अपने पति को बताया तो उन्होंने बोला कि शायद पेट में कीड़े हैं क्योंकि वो अक्सर अपने लैट्रिन के स्थान को खुजाता रहता है। बच्चे की इस समस्या के लिये कोई आयुर्वेदिक उपाय बताइये मैं बच्चों को अंग्रेजी दवा देने से डरती हूं।
सलोनी रंगनायकी,इलाहाबाद
सलोनी बहन, आपके पति का अनुमान सही है। आपका बच्चा पेट के कीड़ो के कारण ही दांतो को किटकिटाता है और साथ ही मलद्वार को खुजाना भी क्रिमिरोग का ही एक बड़ा लक्षण है। आप परेशान न हों ये कोई गम्भीर बीमारी नहीं है। बच्चे को मधुर आहार जब तक दवा दें बंद करना ही बेहतर रहेगा। बच्चे को निम्न दवाएं दें--
१ . क्रिमिकुठार रस १ गोली दिन में दो बार धतूरे के पत्तों के दो बूंद रस के साथ दो चाय के चम्मच शहद मिला कर दें। याद रखिये धतूरा यदि अधिक मात्रा में पेट में चला जाए तो विषाक्तता के लक्षण दिखाता है अतः इसमें मात्रा का विशेष ध्यान रखिये कि यदि बच्चा पांच साल से नीचे है तो उसे धतूरे के रस के साथ न दे कर बस मात्र शहद से ही दें और पांच से आठ साल तक के बच्चों को एक बूंद रस तथा आठ साल से चौदह साल तक के बच्चों को दो बूंद रस दें। ये दवा मात्र तीन दिन ही देना है फिर बंद कर दीजिये।
२ . पहली दवा देने के तीन दिन के बाद रात को सोते समय एक चम्मच पंचसकार चूर्ण गर्म जल से दें।
३ . विडंगादि चूर्ण एक एक चम्मच दिन में एक बार दोपहर में भोजन के पहले गर्म जल से सेवन करायें।
४ . क्रिमिघातिनी गुटिका एक-एक गोली सुबह-शाम पानी से दिया करें। इस दवा को एक सप्ताह तक दें और फिर बंद कर दें।
बच्चे की भोजन की स्वच्छता आदि पर ध्यान दीजिये बस आपका बच्चा पंद्रह दिनो में सामान्य हो जाएगा।

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