शनिवार, मई 17, 2008

यह ब्रेन ट्यूमर की समस्या तो नहीं है ????

डाक्टर साहब नमस्ते, मेरी उम्र २८ वर्ष है। मैं विवाहित महिला हूं। मेरे सिर के समस्त दाहिने भाग की नसों में व गर्दन में बहुत तेज दर्द होता है जिससे मैं बहुत परेशान हूं। सर, मैंने कई डाक्टरों की दवाएं खा ली हैं लेकिन जब दर्द निवारक दवा खा लेती हुं तो कुछ दिन ठीक रहता है। यह कोन सा रोग है? सिर के बांए हिस्से में कोई परेशानी नहीं है। इस दर्द से मैं बहुत सहमी व डरी हुई हुं। यह ब्रेन ट्यूमर की समस्या तो नहीं है। आप इस समस्या का निदान बताने की कृपा करें। मैं सदा आपकी आभारी रहूंगी, सर कोई अच्छा सा उपचार बताना व रोग का नाम भी बताना।
प्रिया,नोएडा
प्रिया बहन, आपने ज्यादा बात अपने दर्द के बारे में नहीं बता पायी है कि किस समय बढ़्ता है या किस समय अपने आप कम हो जाता है अथवा क्या इस दर्द के साथ आपको उल्टी जैसा भी महसूस होता है, मासिक धर्म सामान्य है अथवा नहीं, क्या पूर्वकाल में भीषण जुकाम सर्दी हुई थी। आपको क्या किसी ने ब्रेन ट्यूमर के बारे में कहा है या ये मात्र आपका ही विचार है? क्या किसी कारणवश विशेष चिन्ता है या मानसिक श्रम करना पड़ता है या रात्रि जागरण करना पड़ता है? कितने समय से इस तरह का दर्द हो रहा है? कील ठोंकने जैसा दर्द होता है या कुछ विशेष अनुभूति होती है? आप परेशान न हों फिलहाल तो मुझे ऐसा नहीं प्रतीत हो रहा कि आपको ब्रेन ट्यूमर जैसी कोई समस्या है ये महज आपका भ्रम है, मेरे अनुसार आप "अर्धावभेदक" नामक शिरोरोग से पीड़ित हैं। आप निम्न उपचार लीजिये और दिन में सोना सर्वथा बंद कर दें तथा अत्यधिक पति संसर्ग से भी बचें --
१ . त्रिफला चूर्ण ३० ग्राम + चिरायता १० ग्राम + हल्दी १० ग्राम + नीम की छाल १० ग्राम + गिलोय(गुडूची या गुरिच) १० ग्राम लेकर गुड़ मिला कर काढ़ा बनाएं यानि चाय की तरह से पका लें और सुबह शाम इसका हलके गर्म-गर्म ही आधा कप सेवन करें।
२ . गूलर(ऊमर या उम्बर) के फलों को पीस कर सिर पर मोटा सा लेप दिन में कई बार करा करें
३ . महालक्ष्मीविलास रस एक-एक गोली सुबह शाम दूध के साथ दीजिये। खाली पेट न दें।
४ . गोदन्ती भस्म २५० मिग्रा. + प्रवाल पिष्टी २५० मिग्रा. + छोटी इलायची के पीसे हुए बीज १२५ मिग्रा मिला कर एक मात्रा बनाएं तथा इस दवा को सुबह ही सूरज निकलने से पहले ही ६० ग्राम दही के साथ खा लें था ऐसा रोज सुबह तीन दिन तक लगातार करें फिर बंद कर दें।
५ . षड्बिन्दु तेल की छ्ह बूंदे दोनो नासिका छिद्रों में तथा कानों में तीन-तीन बूंदे सुबह शाम डाला करें।
इस उपचार को दो माह तक जारी रखें। मांसाहार त्याग दें। अवश्य लाभ होगा चिन्ता न करें।

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