रविवार, मई 11, 2008

गर्भाशय भ्रंश(Prolepse of Uterus)बताया गया है, मैं सर्जरी नहीं चाहती...

डा.साहब नमस्ते
मुझे टैस्ट करने के बाद गर्भाशय भ्रंश यानि Prolepse of Uterus बताया गया है और कहा गया है कि इस बीमारी का सर्जरी के अलावा कोई उपचार नहीं है। मुझे सर्जरी कराने में डर लग रहा है और साथ ही ये बहुत मंहगा उपचार है। इसलिये आपसे निवेदन है कि आयुर्वेद का कोई उपाय बताएं ताकि सर्जरी न करानी पड़े और मैं सहज ही गर्भ धारण कर सकूं। बड़ी मेहरबानी होगी मैं जो धन सर्जरी में खर्च होने जा रहा है उसका आधा तो खुशी से दे सकती हूं।
प्रार्थना मेहता,झालावाड़
प्रार्थना बहन, आप बिलकुल चिंतामुक्त हो जाइए आपको सर्जरी कराने की आवश्यकता हरगिज़ न्हीं होगी बस मुझे थोड़ा सा समय उपचार के लिये दे दीजिये; रही बात कि आप मुझे धन देना चाहती हैं तो स्पष्ट करना चाहता हूं कि ये सेवाकार्य है मैं किसी प्रकार का शुल्क नहीं स्वीकारता, हां यदि आप मां बनने के बाद अपने बच्चे के नाम से मेरे इस सेवा अभियान को जारी रखने के लिये कुछ दान करना चहें तो उसे सहर्ष स्वीकार सकता हूं,अग्रिम धन्यवाद। अब आपके लिये जो औषधि लिख रहा हूं उसके सारे घटक आपको आयुर्वेदिक दवाओं का कच्चा माल बेंचने वाले पंसारियों के पास से आराम से प्राप्त हो जाएगा----
१ . माजूफल + मुलायम सुपारी + बड़ी इलायची + कचूर + धाय के फूल + तज + छोटी हरड़ + फिटकरी + गुलाब के फूल + सुपारी का फूल + बड़ी हरड़ का बक्कल + गुड़मार ; इन सभी बारह वस्तुओं को पचास-पचास ग्राम की मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लें। एक साफ धोए हुए पतले मलमल के कपड़े में इस मिश्रित चूर्ण की २५ ग्राम मात्रा लेकर पतले डोरे से बांध कर योनि में स्थापित करें तथा तीन घन्टे बाद निकाल लें। इस प्रकार आप तीन माह तक करें और पति संसर्ग से परहेज करें। यकीन मानिये कि आपकी समस्या कहां गायब हो गयी ये चिकित्सकों को भी आश्चर्य लगेगा।
२ . सुपारी पाक एक-एक चम्मच सुबह शाम सेवन करें।
३ . अशोकारिष्ट दो-दो चम्मच दिन में तीन बार बराबर जल मिला कर लिया करें।
तैलीय,मिर्च-मसालेदार आहार से बचें। कोई वजन उठाने का कार्य भी न किया करें। प्राणायाम करना चाहें तो किसी योग्य आचार्य से सीख कर ही करें।

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