मंगलवार, मई 06, 2008

पक्षाघात(पैरालिसिस) के तीन अलग-अलग केस.....

आदरणीय डॉक्टर साहब,मेरे पापा को पक्षाघात(पैरालिसिस) हो गया था ,एक सप्ताह अस्पताल में रहने के बाद अब वे घर आ गये हैं। तमाम दवाएं दे दी गयी हैं पर पापा की जिद है कि वे बस आयुर्वेद की दवा ही खाना चाहते हैं और उन्हें यकीन है कि उससे वे पूर्णतया स्वस्थ हो जाएंगे। अस्पताल में बताया गया कि पापा को ये समस्या हाई ब्लड प्रेशर के कारण हुई थी। मेहरबानी करके कोई सटीक दवा बताएं।
रजनी तिवारी,जयपुर
रजनी बहन,आपके पापा के संबंध में आपने जो जानकारी भेजी है वह अत्यंत संक्षिप्त है फिर भी जो औषधियां चल रही हैं यदि उनसे पर्याप्त लाभ दिखायी दे रहा है तो बस उन दवाओं के सेवन के बाद एक घंटे के अंतर पर वृहत वात चिंतामणि रस एक-एक रत्ती(१२५ मिग्रा.) दिन में दो बार शहद के साथ कम से कम पंद्रह दिन तक लगातार दीजिये, चमत्कारिक लाभ दिखाई देगा।
इसी तरह की समस्या भेजी है संगमनेर से निर्मल ने जो कहते हैं कि उनकॆ पिता जी को पक्षाघात(पैरालिसिस) हो गया एक माह पहले हुआ था किन्तु उसका कारण लो ब्लड प्रेशर बताया गया था तो क्या यही दवा देना उचित होगा या फिर कोई अलग उपचार देना होगा। पिताजी को अब एलोपैथी की कोई दवा नहीं दी जा रही है।
निर्मल, संगमनेर
निर्मल जी, आप अपने पिताजी को ऊपर बताई दवा न देकर वातकुलान्तक रस एक-एक रत्ती(१२५ मिग्रा.) को दिन में दो बार शहद के साथ कम से कम एक माह तक लगातार दीजिये, स्थायी लाभ दिखाई होगा।
अजय चंदेल,आगरा से लिखते हैं कि इनके मामा जी को भी हाई ब्लड प्रेशर के कारण पक्षाघात(पैरालिसिस) हो गया ,बीस दिन हुए लेकिन उन्हें मधुमेह(डायबिटीज) भी है तो क्या दवा में फेर बदल करना होगा या यही दवा दूं?
अजय जी,आप ऊपर बताई गयी दवा के साथ में दिन में दो बार साथ में त्रिबंग भस्म एक-एक रत्ती(१२५ मिग्रा.) दिन में दो दीजिये बाकी जो पथ्य मधुमेही को कराए जाते हैं वे जारी रखें। औषधियां कम से कम तीन माह तक लगातार दीजिये, स्थायी लाभ दिखाई होगा।


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