मंगलवार, मई 20, 2008

Left Ovarian Tumor, enlarged polycystic right ovary and.......

My wife, Smt. Ritu, 30, consulted the Doctor for her regular severe pain and other connected problems, irregular MC, weight loss etc. We've one male child, whose is now 5 years old.Results of Sonography conducted by a MD (Radiology) are as under : 1. Bulky uterus with large subserous leiomyoma in left anterior wall.2. Enlarged polycystic right ovary. Clinical crrelation is suggested.Another sonography reveals : 1. A solitary mass observed on left side of uterus 9.4cmx8.5cm.2. Right Ovary not seen.Impression : Left Ovarian Tumor.Several medicines and other treatments were received after these reports. Again after two-three months (after suggested medicines etc. course completion), we visited the Doctor for the same problem (pain, etc.)The Doctor has strongly advised to undergo for Hysterectomy, i.e. Uterus & Ovary removal.Sir, though, we do not want any child in future, we are not in a mood about Uterus Removal. Sir, I only want to know that whether the uterus removal is necessary or not ? She has also taken Ayurvedic Treatment, but the problem is not ready to go.Sir, I will be highly obliged, if your kind opinion is received, in this regard. I've also attached a PDF file, containing the above request in Hindi, kindly download the same.Thanking you, Sir.Yours faithfully,Ashok Kumar Verma
आत्मन बंधु वर्मा जी, सर्वप्रथम तो आपका धन्यवाद करना चाहता हूं कि आपने मुझे इस योग्य माना कि सलाह ले सकें। किन्तु एक बात का क्षोभ भी मन में होता है कि आयुर्वेद और हिन्दी को अभी भी आप जैसे विद्वान लोग दोयम दर्जे का मानते हैं किन्तु जब एलोपैथी से मन भर जाता है या व्यर्थ धन व्यय करके भी लाभ नहीं होता तब लोग हार कर आयुर्वेद या होम्योपैथी की शरण में आते हैं। बात बस इतनी है कि जो लोग व्यवसायिक बुद्धि रखते हैं चाहे वो एलोपैथ हों या आयुर्वेद अथवा किसी अन्य चिकित्सा पद्धति से उपचार करने वाले, आप जैसे दुखी और परेशान लोग उनके लिये मात्र ग्राहक से अधिक कुछ नहीं होते उन्हें आपका दर्द अपने लाभ का केन्द्र नजर आता है। मैं आपके सामने आयुर्वेद की महिमा का बखान करके कुछ सिद्ध नहीं करना चाहता लेकिन इतना स्पष्ट करना चाहता हूं कि आधुनिक तरीकों से आयुर्वेद को समझ पाना बचकाना प्रयास है। संभव है कि आपको इस बात का बुरा लग रहा हो कि उपचार के स्थान पर उपदेश दे रहा हूं। लीजिये आपकी पत्नी की समस्या का हल प्रस्तुत है।
१ . सर्वेश्वर पर्पटी ६ ग्राम + शुद्ध बर्किया हरताल ६ ग्राम + स्वर्ण भस्म ६ ग्राम + अभ्रक भस्म(सहस्त्रपुटी) ६ ग्राम + मुक्ता पिष्टी ६ ग्राम + हीरा भस्म २५० मिली ग्राम + पन्ना पिष्टी ३ ग्राम + गिलोय सत्व ६० ग्राम इन सभी औषधियों को भली प्रकासे से घोंट लीजिये व सहजन(Drumstick) की छाल के रस को इसमें मिला कर २५० मिलीग्राम की गोलियां बना लें। इस गोली को एक-एक गोली दिन में दो बार शहद के साथ दें व ऊपर से तीन चम्मच सहजन की छाल का रस पिला दिया करें।
२ . रस माणिक्य १२० मिग्रा. + आरोग्यवर्धिनी बटी १२० मिग्रा + पंचामृत रस १२० मिग्रा मिला कर शहद के साथ दिन में दो बार दें।
३. पंचतिक्त घृत गुग्गुलु दो दो गोली दिन में तीन बार गर्म दूध से दें।
४ . विषतिन्दुक बटी दो गोली + रस पर्पटी ५०० मिग्रा. + सोंठ ५०० मिग्रा. + कालीमिर्च ५०० मिग्रा. + मीठा विष(इसे बछनाग या वत्सनाभ नाम से भी जाना जाता है)५०० मिग्रा. + अजवाइन ५०० मिग्रा. + छोटी(लेंडी) पीपर ५०० मिग्रा. बारीक पीस कर पोस्त डोडा के काढे को मिला कर २५० मिग्रा. की गोलियां बना लें व एक-एक गोली दिन में दो बार गुनगुने जल से दें।
इस उपचार को छह माह तक जारी रखिये व अपने संतुष्टि व लाभ की पुष्टि के लिये पुनः टैस्ट करवा लें। ईश्वर से प्रार्थना है कि आपकी पत्नी शीघ्रातिशीघ्र स्वस्थ हो जाएं। खट्टे व चटपटे आहार से परहेज़ कराएं।

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