शुक्रवार, जनवरी 23, 2009

बच्चे न हो पाने का कारण मेरी बीमारी Oligospermia है

आदरणीय़ डाक्टर साहब मैं आपको अपनी रिपोर्ट्स की फ़ाइल भेज रहा हूं। मुझे शादी को पांच साल हो गये हैं लेकिन बच्चे न होने के कारण जब जांच कराने का सिलसिला शुरू हुआ तब पता चला कि दोष मेरी पत्नी में नहीं बल्कि मुझमें है। बताया गया कि मेरे वीर्य में शुक्राणुओं की कमी है और इतनी कमी है कि गर्भ स्थापना के लिये जितने शुक्राणु चाहिये उससे बहुत कम हैं। मुझे डाक्टर ने ये भी बताया कि इसका इलाज आयुर्वेद में ही है। मेहरबानी करके हमारी मदद करिये ताकि हमारे घर में भी बच्चा आ सके। हम जीवन भर आपका उपकार न भूलेंगे।
संजय सिक्का,कुवैत
संजय जी,आपके द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट्स की बड़ी मोटी सी फ़ाइल देखी है उसमें से अधिकांश टैस्ट तो अनावश्यक ही कराए गये हैं। मैं आपकी मनोस्थिति समझ रहा हूं कि कैसे आपका डाक्टर खून चूस रहे हैं। आपकी बीमारी आयुर्वेद के अनुसार "अल्पशुक्राणुत्व" कहलाती है जो कि कोई इतनी बड़ी बीमारी नहीं है कि जिसके लिये इतने परीक्षण करवाने के बाद भी अब तक आपके घर में संतान नहीं है। इस समय आपकी रिपोर्ट के अनुसार यह संख्या १० मिलियन/मिली. तथा गति २५% है, आप निम्न उपचार चालीस दिन तक लगातार लीजिये -
१. पुष्पधन्वा रस १ गोली + आमलकी रसायन २५० मिग्रा. + अश्वगंधादि चूर्ण १ ग्राम + गिलोय सत्त्व २५० मिग्रा. ; इन सबको एक करके देसी पान के बिना कुछ लगाये पत्ते पर रख कर सुबह -दोपहर-शाम को चबा लीजिये।
२ . धातुसंजीवन बटी १ गोली + वानरी वटी १ गोली + शुक्रमात्रिका वटी १ गोली + चंद्रप्रभा वटी १ गोली ; दिन में तीन बार मिश्री व एक चम्मच शहद मिला कर मीठे करे गये ठंडे दूध के साथ लीजिये।
३ . कामदेव चूर्ण ३ ग्राम + गोक्षुरादि चूर्ण ३ ग्राम + शिलाजित्वादि वटी १ गोली दिन में दो बार मलाई के साथ मिला कर चाट लीजिये।
दवाएं खाली पेट न लें। नियमित व्यायाम करें। देर रात तक न जागा करें।
इस बात का ध्यान रखिये कि कब्जियत न रहे इस लिये त्रिफला चूर्ण आदि का सेवन आवश्यकता होने पर अवश्य करें क्योंकि यदि दवाएं ठीक से पचेंगी ही नहीं तो लाभ कैसे करेंगी। तेलीय,खटाई, चटपटी मसाले दार व बाजारू साफ़्ट ड्रिंक्स, चायनीज व्यंजनों से बिलकुल दूर रहिये, औषधि सेवन काल में सम्भोग न करें।

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