गुरुवार, जनवरी 29, 2009

मासिक धर्म(M.C.) महीने में दो-तीन बार तक हो जाता है

आदरणीय डाक्टर साहब
चरण स्पर्श
मेरी पत्नी की उम्र छत्तीस साल है। उसको समस्या पिछले छह माह से है कमर में दर्द, हाथ पैरों में थकान से एकदम गल जाने जैसा एहसास, सिर में हमेशा भारीपन बने रहना, शरीर में रूखापन सा आ जाने के साथ ही मासिक धर्म(M.C.) महीने में दो-तीन बार तक हो जाता है और काफ़ी ज्यादा मात्रा में बहाव होता है। उसे कमजोरी आती जा रही है बड़ी निराशा हो रही है। कोई आयुर्वेदिक इलाज बताइये।
सौहेल सैय्यद,बुरहानपुर
सौहेल भाई,परेशान मत होइये साथ ही निराश भी न हों। बाजारू आहार बिलकुल बंद करा दीजिये तीखा,मिर्च-मसालेदार भोजन से परहेज कराएं और निम्न उपचार दीजिये-
१ . पुष्यानुग चूर्ण २ ग्राम + आंवला चूर्ण १ ग्राम + मोचरस ५०० मिलीग्राम + नागकेशर १ ग्राम + प्रवाल पिष्टी २५० मिलीग्राम + स्फटिका(शुभ्रा)भस्म २५० मिलीग्राम ; कुल मिलाकर यह एक छोटा चम्मच खुराक हो जाएगी। इस एक मात्रा को वत्सकादि क्वाथ के दो चम्मचों के साथ दिन में दो बार भोजन के बाद दीजिये।
२ . चंद्रप्रभा वटी २ गोली रात को सोते समय पानी से दीजिये।
गरिष्ठ आहार न लें हल्का खाना खिलाएं ताकि पाचन सही बना रहे। इस उपचार को दो माह तक लगातार देने से और परहेज से रहने से हमेशा के लिये समस्या समाप्त हो जाएगी।

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