नमस्कार महोदय
उम्र २९ वर्ष
वजन ४३ केजी कद १६५सेमि ५'५'' दुबला शरीर
मुझे बचपन से ही जुखाम की समस्या रही है / अलोपैथी के डाक्टर ने साइनस बताया था नाक की सफाई भी की, काफी दवा भी खाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ /आज कल होम्योपैथी दवा खा रहा हूँ/फिर भी समस्या खत्म नही हो रही है / शायद हड्डी टेढी है. मै कवि हु /मंच पर कविता गान में काफी दिक्कत होती है पढने लिखने में भी मन नही लगता है / सिर भारी सा रहता है कफ बहुत निकलता /क्रपया स्थाई समाधान बताये .
धन्यवाद
-- With Kind Regards,
बृजेन्द्र शरण श्रीवास्तव 'उत्कर्ष' ,कानपुर
बृजेन्द्र भाई,आपकी समस्या को गहराई से समझा है और इस नतीजे पर हूं कि हड्डी आदि बढ़ने की बात तो मात्र मन बहलाने की बाते होती हैं। आप परेशान न होइये। आप इन दवाओं को नियमित रूप से तीन माह तक लीजिये और विश्वास रखिये कि आप स्वस्थ हो जाएंगे।
१. श्रंग भस्म २ रत्ती + शुक्ति भस्म २ रत्ती + गोदन्ती भस्म २ रत्ती + पिप्पली चूर्ण २ रत्ती इसकी एक मात्रा बनाएं और ऐसी मात्रा सुबह शाम शहद के साथ सेवन करें।
२. लक्ष्मीविलास रस नारदीय दो गोली दोपहर में खाने से आधे घंटे पहले अदरख+ तुलसी के रस के रस के साथ लीजिये।
३. पथ्यादि काढ़ा दस ग्राम दिन में दो बार सुबह शाम चाय या दूध लेने के पहले मुख शुद्धि करके तुरन्त एवं रात को सोते समय लीजिये।
४. नाक में दिन में दो बार षडबिन्दु तेल की छह-छह बूंदें डालिये।
आप यकीन मानिये कि इसके सेवन के कुछ दिनों बाद ही आप स्वयं महसूस करने लगेंगे कि न तो सिर में भारीपन है और न ही कफ़ आ रहा है। कविता पाठ और गायन आदि में कोई परेशानी न होगी।
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