आदरणीय डाक्टर साहब मेरी उम्र पैंतीस साल है और मेरी शादी हुए दो साल हो गये हैं। पहले मैं चरस का नशा करा करता था लेकिन अब शादी के बाद से बिलकुल छोड़ दिया है और कोई किसी किस्म का नशा नहीं करता हूं। बहुत हिचकिचाहट हो रही है बताने में कि मुझे बिलकुल भी कामोत्तेजना नहीं होती यानि कि अंग में जरा भी ताकत नहीं महसूस होती है। पत्नी की तरफ़ से ये हाल हो चला है कि उसने कहना शुरू कर दिया है कि पहले अपना इलाज कराओ वरना अगर मुझसे कोई गलत कदम उठ गया तो दोष मत देना। बहुत परेशान हूं ये बीमारी ऐसी है कि जितने वैद्य हकीम और डाक्टर मिले अबतक वो बस ज्यादा से ज्यादा पैसे झटकने के चक्कर में रहते हैं। आपसे बहुत उम्मीद बंध गयी है कि आप जल्द से जल्द मेरी तकलीफ़ दूर करेंगे।
(नाम पता न प्रकाशित करें)
प्रिय बंधु जैसा कि आपने अपने बहुत लंबे पत्र में अपनी समस्या बतायी है मैं समझता हूं कि आपको कितनी परेशानी उठानी पड़ रही है। आप नशा करना छोड़ चुके हैं ये बहुत प्रसन्नता का विषय है। आपने अपने भोजन के बारे में बताया कि आप शाकाहारी हैं। आप निम्न दवाएं लीजिये और यकीन मानिये कि आप नपुंसक हरगिज नहीं हैं बेफ़िक्र हो जाइए बस धैर्य रख कर चालीस दिन दवाएं लीजिये फिर आप खुद ही जरूरत के अनुसार आगे दवा लेना है या नहीं निर्धारित कर लीजियेगा-
१। मुलैठी का चूर्ण २० ग्राम + अश्वगंधा का चूर्ण २० ग्राम + विधारा चूर्ण १० ग्राम ; इन सबको कस कर घोंट लीजिये और फिर इस मिश्रित चूर्ण में से तीन ग्राम मात्रा लेकर सिद्ध मकरध्वज एक रत्ती(१२५ मिलीग्राम) मिला कर मिश्री मिले दूध के साथ दिन में दो बार भोजन के बाद लीजिये।
२. मन्मथ रस एक गोली + पानी में भिगो कर छिलका निकाला इमली के बीज जिसे चियां या चिंचोका भी कहते हैं १ ग्राम पीसा हुआ + दो ग्राम गुड़ मिला कर सुबह शाम दूध से लीजिये।औषधि सेवन काल में सम्भोग से परहेज करिये फिर चालीस दिन बाद जब आपकी समस्या हल हो जाए तो आप सामान्य जीवन जियें। कब्जियत न होने दें आवश्यकता होने पर त्रिफ़ला चूर्ण ले लीजियेगा।
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