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2009
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अप्रैल
(11)
- हस्तमैथुन तो कर लेता हूं किसी तरह लेकिन संभोग करने...
- बच्चा तीन माह का है लेकिन वह दूध नहीं पीता...
- हमेशा जुकाम रहता है नाक की हड्डी टेढी है
- शराब छोड़ने के उपाय
- पत्नी को माहवारी नहीं होती है
- मोटापा असाध्य रोग तो हरगिज नहीं है।
- सिर में दर्द नहीं अजीब सी समस्या है
- नपुंसकता आ गयी है अंग में ताकत ही नहीं है
- लो बी.पी. के कारण पैरालिसिस का अटैक हुआ है
- मेरा बेटा एकदम कमवजन दुबला पतला है
- सायटिका से साल भर से परेशान हूं
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Hello sir main saudi arabia main job karta hoon meri problem sex se related hai .sir maine do baar sex kiya hai dono bar main 4 sec ke andar...
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Sir, Main ak 26 varshiy vivahit ladka hoon.meri samasya yeh hai ki 1. mere gupt ang mein thik se tanav nahi aata hai aur jo aata hai to kuc...
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नमस्कार महोदय उम्र २९ वर्ष वजन ४३ केजी कद १६५सेमि ५'५'' दुबला शरीर, अविवाहित, अध्यनरत महोदय मै बहुत हि दुबला व कमजोर हू. कृपया म...
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Namaskar Doctor Shahab. Me aapse apni samasya ka samadan chahta ho. sabse pahle me aapko apne bare me batana chahta ho meri aayo 21 year he ...
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प्रणाम डॉक्टर साहब, सर्वप्रथम तो आपका बहुत-बहुत शुक्रिया जो आपने मेरी समस्या पर इतनी तत्परता से प्रतिक्रिया दी. आपको मैं थोड़े से विस्ता...
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डॉ साहब ,आपको सादर नमस्कार . मैंने आपके बहुत सारे ब्लोग्स पढ़े हैं । वहाँ से प्रेरित होकर मई भी आप को मेल कर रहा हू आशा रख...
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यह सभी वर्गों के पुरुषों के लिये अत्यंत उत्तम स्वास्थ्यवर्धक वटी ( टैबलेट) है जो कि बेहद प्रभावी तथा बहुमूल्य जड़ी-बूटियों का बेहतरीन मिश्रण ...
कुछ सुझाव
रविवार, अप्रैल 26, 2009
हस्तमैथुन तो कर लेता हूं किसी तरह लेकिन संभोग करने लायक उत्तेजना नहीं आ पाती|
सर जी
नमस्ते
मैं अपनी समस्या बताने में हिचकिचा रहा था लेकिन जब आपने आश्वासन दिया कि नाम प्रकाशित नहीं करा जाएगा और पहचान गुप्त रखी जाएगी तो मैं अपनी समस्या बता रहा हूं। मेरी उम्र अट्ठाइस साल है लेकिन मेरी ही गलतियों के कारण अब मेरी स्थिति ऐसी हो गयी है कि मेरा लिंग उत्तेजित ही नहीं होता है, हस्तमैथुन तो कर लेता हूं किसी तरह लेकिन संभोग करने लायक उत्तेजना नहीं आ पाती है। मेरी नवविवाहिता पत्नी ने मुझे कोसना और चिड़चिडा़ना शुरू कर दिया है। मेरा आत्महत्या करने का मन करता है लेकिन बूढ़े माता-पिता को देख कर रह जाता हूं। कोई उपचार बताइये मैं बाजारू दवाएं नहीं लेना चाहता क्योंकि एक तो वो बहुत मंहगी है दूसरे उनकी शुद्धता पर मुझे भरोसा नहीं होता। मेरी मदद करिये।
नाम प्रकाशित न करें
भाई, ये मात्र आपकी ही नहीं अनेक लोगो की समस्या है जिसे लोग मुझे अलग-अलग तरह से बताते हैं इसलिये आप सब की समस्या का हल मैं एक साथ बता रहा हूं ताकि अलग से सब को उत्तर न देना पड़े। विस्तार में न जाकर सीधे दवा का जिक्र करते हैं-
१. अश्वगंधा चूर्ण+सफ़ेद मूसली चूर्ण+सेमल मूसला चूर्ण+शतावर चूर्ण+ तालमखाना+गिलोय सत्त्व+ कौंच के बीच+ बड़े गोखुरू २०-२० ग्राम सभी लें इन्हें कस कर पीस लें फिर इस मिश्रण में बंगभस्म+प्रवाल भस्म+लौह भस्म प्रत्येक एक-एक ग्राम तथा केशर दो ग्राम मिला कर कस कर घोंट लीजिये। सब एकदम एकजान हो जाने पर इसमें सारे मिश्रण के बराबर वज़न की मिश्री यानि खड़ी शक्कर मिला लीजिये। दिन में दो बार इस चूर्ण का सेवन दूध के साथ चार-चार ग्राम करिये। इसका सेवन कम से कम चालीस दिन तक तो करें ही और अधिक लें तो कोई हानि नहीं है। बस औषधि सेवन के दौरान संयम रखिये व स्त्री संबंध से परहेज करें।
२. स्वर्ण बंग एक -एक रत्ती शहद के साथ सुबह-दोपहर-शाम सेवन करें व ऊपर से दूध पी लीजिये।
३.हरड़+बहेड़ा+आंवला+शिलाजीत+लौहभस्म+बंगभस्म समान भाग लेकर कस कर घॊट लीजिये व शहद के साथ खरल करके आधा-आधा ग्राम की गोलियां बना लीजिए और सुबह शाम दूध से लीजिये। इससे आपको कब्जियत न रहेगी व खुल कर भूख लगेगी।
इस उपचार को चालीस दिन तक लें अवश्य लाभ होगा कई हजार लोगों के ऊपर आजमाए हुए सरल और सस्ते प्रयोग हैं आप इन्हें घर पर आसानी से बना सकते हैं यदि भस्म आदि मिलने में दिक्कत हो तो हमें ई-मेल करिये हम उत्पादन मूल्य पर आपको भस्म भेज देंगे।
बच्चा तीन माह का है लेकिन वह दूध नहीं पीता...
आदरणीय डाक्टर साहब
नमस्कार
मेरा बच्चा तीन माह का है लेकिन वह दूध नहीं पीता है क्या करा जाए क्या कोई घरेलू उपाय बता सकते हैं कि वह दूध पिया करे। मेहरबानी होगी।
संजय सिंह,बिजनौर
संजय जी,कभी कभी ऐसा होता है कि बच्चे दूध नहीं पीते यह "स्तन्यद्वेष" कहलाता है। आप परेशान न हों यदि कोई विशेष असामान्य लक्षण न हों तो आप बच्चे को निम्न घरेलू उपचार दीजिये-
१. आंवला+ हरड़ का एकदम महीन चूर्ण शहद में मिला कर बच्चे की जीभ पर माता अपनी साफ़ करी हुई उंगली से घिस दे। आप को आश्चर्य होगा कि बच्चा दूध पीने लगेगा। ऐसा दिन में दो बार करिये।
२. बाल चतुर्थी( यानि कि अतीस+ छोटी पीपल+ काकड़ासिंगी + नागरमोथा समान भाग बारीक करा चूर्ण) दिन में दो बार शहद के साथ चार रत्ती की मात्रा दीजिये।
इस उपचार को एक सप्ताह तक दीजिये बस समस्या समाप्त हो जाएगी। बाल चतुर्थी उसे तीन माह आगे तक दे सकते हैं कोई परेशानी नहीं है।
शनिवार, अप्रैल 25, 2009
हमेशा जुकाम रहता है नाक की हड्डी टेढी है
नमस्कार महोदय
उम्र २९ वर्ष
वजन ४३ केजी कद १६५सेमि ५'५'' दुबला शरीर
मुझे बचपन से ही जुखाम की समस्या रही है / अलोपैथी के डाक्टर ने साइनस बताया था नाक की सफाई भी की, काफी दवा भी खाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ /आज कल होम्योपैथी दवा खा रहा हूँ/फिर भी समस्या खत्म नही हो रही है / शायद हड्डी टेढी है. मै कवि हु /मंच पर कविता गान में काफी दिक्कत होती है पढने लिखने में भी मन नही लगता है / सिर भारी सा रहता है कफ बहुत निकलता /क्रपया स्थाई समाधान बताये .
धन्यवाद
-- With Kind Regards,
बृजेन्द्र शरण श्रीवास्तव 'उत्कर्ष' ,कानपुर
बृजेन्द्र भाई,आपकी समस्या को गहराई से समझा है और इस नतीजे पर हूं कि हड्डी आदि बढ़ने की बात तो मात्र मन बहलाने की बाते होती हैं। आप परेशान न होइये। आप इन दवाओं को नियमित रूप से तीन माह तक लीजिये और विश्वास रखिये कि आप स्वस्थ हो जाएंगे।
१. श्रंग भस्म २ रत्ती + शुक्ति भस्म २ रत्ती + गोदन्ती भस्म २ रत्ती + पिप्पली चूर्ण २ रत्ती इसकी एक मात्रा बनाएं और ऐसी मात्रा सुबह शाम शहद के साथ सेवन करें।
२. लक्ष्मीविलास रस नारदीय दो गोली दोपहर में खाने से आधे घंटे पहले अदरख+ तुलसी के रस के रस के साथ लीजिये।
३. पथ्यादि काढ़ा दस ग्राम दिन में दो बार सुबह शाम चाय या दूध लेने के पहले मुख शुद्धि करके तुरन्त एवं रात को सोते समय लीजिये।
४. नाक में दिन में दो बार षडबिन्दु तेल की छह-छह बूंदें डालिये।
आप यकीन मानिये कि इसके सेवन के कुछ दिनों बाद ही आप स्वयं महसूस करने लगेंगे कि न तो सिर में भारीपन है और न ही कफ़ आ रहा है। कविता पाठ और गायन आदि में कोई परेशानी न होगी।
गुरुवार, अप्रैल 23, 2009
शराब छोड़ने के उपाय
Dear Sir,
My name is Manoj Kumar Singh, sir maine apke bare me suna hai isliye apse kuchh kahana chahta hun..mere bade bhai hain jo militry se retayard ho chuke hai..lekin we bahut jyada daru pine lage hain. 24 ghante we deshi daru ke nashe me dhut rahte hai. apni sari pension ka daru pee jate hain. meri bhabhi aur unke do bachche bahut pareshan hain. mera pura parivar bahut dukhi hai..sir iska koi ilaj ho to jarur batana..ab to ye hal hai ki we ghar ka saman bhi bech kar daru pi ja rahe hain..koi aisi dava ho jo unhe isse mukti dila sake apka bahut ahsan hoga...
Manoj Kumar Singh
मनोज जी आपने जो समस्या बतायी है वह इस देश में अनेकों घरों की समस्या बनी हुई है। आयुषवेद परिवार ने हमेशा इस दिशा में प्रयास करा है कि समाज नशामुक्त हो सके ताकि राष्ट्रनिर्माण को बल मिल सके। लीजिये आपके भाईसाहब की इस आदत से छुटकारा दिलाने के सरल व सहज उपाय प्रस्तुत हैं।शराब छोड़ने के लिए जो लोग इच्छुक होते हैं लेकिन वो मानते हैं कि उनकी कमज़ोर इच्छाशक्ति के चलते वे शराब नहीं छोड़ पा रहे हैं तो उन्हें ये नुस्खे अवश्य प्रयोग करने चाहिए । सोने-चांदी का काम करने वाले सोनारों के पास से शुद्ध गंधक का तेज़ाब यानि कि सल्फ़्युरिक एसिड ले आइए और आप जो शराब पीने जा रहे हैं उसके बने हुए पैग में चार बूंद यह तेज़ाब डाल दीजिए और जैसे सेवन करते है वैसे ही पीजिए और आप देखेंगे कि धीरे-धीरे आपकी शराब पीने की इच्छा अपने आप ही कम होने लगी है । इसी क्रम में आप एक दिन खुद ही शराब के प्रति अरुचि महसूस करने लगेंगे और पीना अपने आप छूट जाएगा ,ध्यान रखिए कि आप और कोई उपाय न करें बस खाने पर ध्यान दें कि स्वास्थ्यवर्धक आहार लें ।दूसरा यह कि शिमला मिर्च(कैप्सिकम) जो कि मोटी-मोटी होती हैं व खाने में तीखी नहीं होती व सब्जी बनाने में प्रयोग करी जाती हैं ,ले लीजिए और उनका जूसर से रस निकाल लीजिए व इस रस का सेवन दिन में दो बार आधा कप नाश्ते या भोजन के बाद करें । आप चमत्कारिक रूप से पाएंगे कि आपकी शराब की तलब अपने आप घटने लगी है और एक दिन आप खुद ही पीने से इंकार कर देते हैं चाहे कोई कितना भी दबाव क्यों न डाले । ये दोनो उपाय सन्यासियों के आजमाए हुए हैं जोकि लोगों की शराब छुड़ाने के प्रसिद्ध रहे हैं। आप यकीन मानिये कि इन सरल से उपायों से चालाक किस्म के लोग मजबूर शराबियों की आदत छुड़ाने की दवा के रूप में देकर लाखों रुपए कमाते हैं लेकिन आयुषवेद परिवार चूंकि सेवा के लिये कटिबद्ध है इसलिये हमारा उद्देश्य मात्र आपको सही सलाह देना है। यदि आपको कोई आयुर्वेदिक औषधि जो कि आयुषवेद की तरफ से बतायी गयी है और आपके क्षेत्र में नहीं मिल रही है तो हम उसे आपके आदेश पर बना कर मात्र उत्पादन मूल्य पर स्पीड पोस्ट से आप तक पहुंचा देते हैं।
शुक्रवार, अप्रैल 17, 2009
पत्नी को माहवारी नहीं होती है
mari patni ko m.c nahi hoti hai AGE-26
ye uske sath bacpan se hai
unko m.c hoti hai to kabl madacine se hoti hai
agar wo madacine band kar de to usha manth m.c nahi hoti hai.
es liya wo kabhi pregnent nahi ho pati hai. DR. ka kahna hai ki wo kabhi pregnent nahi ho sakti.
PLEASE aap koi AYURVED UPCHAR bataya.
jis se unhe m.c har manth hona lage
sir please mujhe jarrur batya
sir Agr aap ko aur information lana ho to mujhe batya.
raj jain
जैन साहब आपने जिस तरह से संक्षिप्त में समस्या को बताया है उतना पर्याप्त नहीं है लेकिन फिर भी अनुमान के आधार पर जो संभावित कारण हो सकते हैं जैसे कि हार्मोनल गड़बड़ियां,अत्यधिक मोटापा,गर्भाशय में कोई दोष होना,खून की भयंकर कमी होना आदि; उन दोषों के शमन हेतु उपाय बता रहा हूं। मेहरबानी करके विस्तार से बताएं और तब तक निम्न उपचार दें-
१. चंद्रप्रभा वटी + कन्यालोहादि वटी एक एक गोली सुबह शाम दो दो चम्मच दशमूलारिष्ट+कुमार्यासव के साथ दीजिये।
२. आरोग्यवर्धिनी वटी सुबह-शाम एक एक पानी से दीजिये।
३.सोमनाथी ताम्रभस्म एक एक रत्ती दिन में दो बार एक चम्मच शहद में मिला कर चटाएं
कोई भी औषधि खाली पेट न दें। भोजन में पालक, मेथी, मूली,सोया आदि हरी पत्तेदार सब्जियां दें; काले अंगूर, टमाटर, चुकंदर(बीटरूट), आंवला, बैंगन आदि दीजिये। दूध, घी, शक्कर से बने पदार्थ दीजिये।
बुधवार, अप्रैल 15, 2009
मोटापा असाध्य रोग तो हरगिज नहीं है।
नमस्कार डॉ साहब आज आप के ब्लॉग पर आया और आप के द्वारा दिए गए उपचारों को पढ़ा , मन मे आशा जाग्रत हुई की मै भी आप से अपने असाध्य रोग के बारे मे चिकित्सा प्राप्त करूं , डॉ साहब मै ३५ साल का व्यक्ति हूं और मोटापा नाम की बीमारी से ग्रस्त हूं , सभी प्रकार के कोर्स कर चुका हूं परन्तु किसी मे भी कोई कामयाबी नहीं मिली है / मै अपने बारे मे आप को विवरण भेज रहा हु यदि संभव हो तो मुझे इस बीमारी से छुटकारा दिले अब तक मे न जाने कितनी प्रकार की दवाई खा चुका हूं।
उम्र -३५ साल
वजन - ११० केजी
लम्बाई -५ फ़ुट १० इंच
कमर का घेरा - ४० इंच कृपया कोई जल्दी असरकारी और सुलभ चिकित्सा बताइये ।
अनाम
भाईसाहब आपने अपनी समस्या के साथ में जो विवरण दिया है और बताया है कि आप तमामोतमाम किस्म की दवाएं खा चुके हैं लेकिन प्रसन्नता है ये देख कर कि आप अभी भी आयुर्वेद को मौका देना चाहते हैं और निराश नहीं हुए हैं। आप निम्न दवाओं को लीजिये-
१. त्रिमूर्ति रस एक गोली + मेदोहर गुग्गुलु दो गोली + त्रयूषणादि लौह दो रत्ती(२५० मिलीग्राम) इनकी एक मात्रा बनाएं व दिन में इस तरह तीन बार इस मात्रा का सेवन मेदारि पेय के दो चम्मच के साथ करें।
शेष आप भली प्रकार से जानते हैं कि आपको क्या खाना है और क्या नहीं। इस औषधि को कम से कम तीन माह बिना रुके लीजिये आप यकीन मानिये कि चमत्कारिक लाभ होगा आप स्वयं ही हमें बताएंगे कि ये कैसे हो रहा है पर ध्यान रहे कि औषधियों की शुद्धता अनिवार्य है। आप एक बात तो मान ही लीजिये कि मोटापा असाध्य रोग तो हरगिज नहीं है।
मंगलवार, अप्रैल 14, 2009
सिर में दर्द नहीं अजीब सी समस्या है
sir,I am 25 year old.I am suffering from headace from 1 year but it is not a type of pain but it is a little bit of sensation in my mind.when it happens my head and neck blocked and i can'nt move my headall the time and when i sleep sometime blood does not properly flow and it become unconsious.plz tell me what it is and the reason.i can walk fast.plz help me.I will b very thank ful to u.
simple अरोरा
सिम्पल अरोरा जी आपने जो स्थिति बतायी है क्या उसके बारे में कोई परीक्षण कराया था? यदि कोई टैस्ट कराया हो तो उसकी रिपोर्ट अवश्य भेजें और तब तक के लिये निम्न औषधियों का सेवन करिये-
१. ब्राह्मी बटी एक गोली+ स्मृति सागर रस एक गोली दिन में तीन बार सारस्वतारिष्ट के दो चम्मच के साथ लीजिये।
२. विषतिंदुक वटी एक गोली + आरोग्यवर्धिनी वटी एक गोली दिन में दो बार पानी से लीजिये।
इस उपचार को चालीस दिन तक लीजिये। पूर्ण विश्वास है कि आपकी समस्या समाप्त हो जाएगी।
बुधवार, अप्रैल 08, 2009
नपुंसकता आ गयी है अंग में ताकत ही नहीं है
आदरणीय डाक्टर साहब मेरी उम्र पैंतीस साल है और मेरी शादी हुए दो साल हो गये हैं। पहले मैं चरस का नशा करा करता था लेकिन अब शादी के बाद से बिलकुल छोड़ दिया है और कोई किसी किस्म का नशा नहीं करता हूं। बहुत हिचकिचाहट हो रही है बताने में कि मुझे बिलकुल भी कामोत्तेजना नहीं होती यानि कि अंग में जरा भी ताकत नहीं महसूस होती है। पत्नी की तरफ़ से ये हाल हो चला है कि उसने कहना शुरू कर दिया है कि पहले अपना इलाज कराओ वरना अगर मुझसे कोई गलत कदम उठ गया तो दोष मत देना। बहुत परेशान हूं ये बीमारी ऐसी है कि जितने वैद्य हकीम और डाक्टर मिले अबतक वो बस ज्यादा से ज्यादा पैसे झटकने के चक्कर में रहते हैं। आपसे बहुत उम्मीद बंध गयी है कि आप जल्द से जल्द मेरी तकलीफ़ दूर करेंगे।
(नाम पता न प्रकाशित करें)
प्रिय बंधु जैसा कि आपने अपने बहुत लंबे पत्र में अपनी समस्या बतायी है मैं समझता हूं कि आपको कितनी परेशानी उठानी पड़ रही है। आप नशा करना छोड़ चुके हैं ये बहुत प्रसन्नता का विषय है। आपने अपने भोजन के बारे में बताया कि आप शाकाहारी हैं। आप निम्न दवाएं लीजिये और यकीन मानिये कि आप नपुंसक हरगिज नहीं हैं बेफ़िक्र हो जाइए बस धैर्य रख कर चालीस दिन दवाएं लीजिये फिर आप खुद ही जरूरत के अनुसार आगे दवा लेना है या नहीं निर्धारित कर लीजियेगा-
१। मुलैठी का चूर्ण २० ग्राम + अश्वगंधा का चूर्ण २० ग्राम + विधारा चूर्ण १० ग्राम ; इन सबको कस कर घोंट लीजिये और फिर इस मिश्रित चूर्ण में से तीन ग्राम मात्रा लेकर सिद्ध मकरध्वज एक रत्ती(१२५ मिलीग्राम) मिला कर मिश्री मिले दूध के साथ दिन में दो बार भोजन के बाद लीजिये।
२. मन्मथ रस एक गोली + पानी में भिगो कर छिलका निकाला इमली के बीज जिसे चियां या चिंचोका भी कहते हैं १ ग्राम पीसा हुआ + दो ग्राम गुड़ मिला कर सुबह शाम दूध से लीजिये।औषधि सेवन काल में सम्भोग से परहेज करिये फिर चालीस दिन बाद जब आपकी समस्या हल हो जाए तो आप सामान्य जीवन जियें। कब्जियत न होने दें आवश्यकता होने पर त्रिफ़ला चूर्ण ले लीजियेगा।
सोमवार, अप्रैल 06, 2009
लो बी.पी. के कारण पैरालिसिस का अटैक हुआ है
मोहम्मद एजाज़,बरौनी
मोहम्मद एजाज़ भाई आपने जो भी रिपोर्ट्स भेजी हैं मैंने उन्हें देखा समझा है आपके पिताजी ने अपनी समस्या को नज़रअंदाज़ करके खुद को परेशानी में डाल लिया है। आपके स्थानीय डाक्टर ने सही कहा है कि उन्हें पक्षाधात का कारण न्यून रक्तचाप ही है। लीजिये समाधान प्रस्तुत है आप उन्हें ये औषधियां कम से कम चालीस दिन तक दीजिये और पक्षाघात से मुक्त होने के बाद लो बी.पी. के लिये अवश्य उपचार लें जिसे आप आयुषवेद के पेज पर दांयी तरह लगे छोटे से सर्च इंजन में टाइप करके तलाश सकते हैं -
१. वातकुलान्तक रस १०० मिग्रा. + योगेन्द्र रस १०० मिग्रा. शहद के साथ दीजिये।
भोजन पर नियंत्रण आवश्यक है पथ्य पूर्वक रहें वातवर्धक पदार्थ न खाएं।
शुक्रवार, अप्रैल 03, 2009
मेरा बेटा एकदम कमवजन दुबला पतला है
सर जी नमस्कार मेरे बेटॆ की उम्र सतरह साल है उसका कद भी ज्यादा ऊंचा नहीं है पांच फुट तीन इंच का है और वजन अड़तीस किलो है यानि आप समझ सकते हैं कि वो कैसा दिखता होगा। जब वह बारह साल का था तब तक तो वह अच्छा लगता था लेकिन अब तो वह एकदम खराब दिखता है जबकि खानापीना सब सही है। खून की जांच कराई थी तो खून की थोड़ी कमी बताई गयी है। कोई आयुर्वेदिक दवा बताएं कि उसका आलस और सुस्ती दूर होकर तेजी आ सके और वजन भी बढ़ जाए। धन्यवाद
नेमा सिंह राठौर,जयपुर
राठौर साहब आपने बेटे की कई रिपोर्ट्स भेजी हैं मैंने देखा है आप परेशान न हों कोई बीमारी नहीं है। आप उसे ये उपचार दीजिये -
१. कासीस भस्म १० ग्राम + सुदर्शन चूर्ण १६० ग्राम ; इस दवा को दो ग्राम रोज दिन में दो बार खाने के एक घंटे पहले पानी से दीजिये और खाना खाने के बाद सिलोपलादि चूर्ण दो-दो ग्राम दस दस मिनट के अंतर पर तीन बार सूखा ही फांकने को दीजिये पानी न दें। यदि पानी मांगे तो भी आधे घंटे बाद ही दीजिये।
२. अश्वगंधादि चूर्ण आधा चम्मच(तीन ग्राम) दिन में दो बार सुबह नाश्ते के बाद और शाम को दूध से दीजिये।
विश्वास रखिये कि मात्र एक महीने में आपको अंतर दिखना शुरू हो जाएगा। इस उपचार को चार माह तक जारी रखिये।
गुरुवार, अप्रैल 02, 2009
सायटिका से साल भर से परेशान हूं
सरिता तिवारी,सहारनपुर
बहन जी आपकी समस्या कोई खास गम्भीर नहीं है लेकिन चूंकि आपने जैसा कि बताया कि आप शिक्षिका हैं तो आपका अधिकांश कार्य खड़े रह कर ही करना होता है जिससे ज्यादा परेशानी होती है। लीजिये आपकी समस्या का हल प्रस्तुत है आप निम्न उपचार लीजिये-
१. मीठी सुरंजान २० ग्राम + सनाय २० ग्राम + सौंफ़ २० ग्राम + शोधित गंधक २० ग्राम + मेदा लकड़ी २० ग्राम + छोटी हरड़ २० ग्राम + सेंधा नमक २० ग्राम इन सभी को लेकर मजबूत हाथों से घोंट लें व दिन में तीन बार तीन-तीन ग्राम गर्म जल से लीजिये।
२. लौहभस्म २० ग्राम + रस सिंदूर २० ग्राम + विषतिंदुक बटी १० ग्राम + त्रिकटु चूर्ण २० ग्राम इन सबको अदरक के रस के साथ घोंट कर २५० मिलीग्राम के वजन की गोलियां बना लीजिये और दो-दो गोली दिन में तीन बार गर्म जल से लीजिये।
खाली पेट दवाएं न लें और ध्यान रखें कि बासी रखा हुआ भोजन और बाजारू आहार हरगिज न खाएं। बाजारू शीतल पेय बिलकुल न पिएं। तीन माह तक इस उपचार को लगातार ले लेने से आपकी समस्या स्थायी तौर पर खत्म हो जाएगी। लाभ तो आपको मात्र तीन दिन में ही दिखने लगेगा।
Read in English
आप इन औषधियों को मात्र उत्पादन मूल्य पर हमसे मंगवा सकते हैं
अग्निकुमार रस
अर्शोघ्नी बटी
आनंद भैरव रस
अजीर्ण कंटक रस
अर्शकुठार रस
आमवातेश्वर रस
आमवातारि रस
अश्वकंचुकी(घोड़ाचोली)रस
अग्नितुंडी बटी
अमरसुंदरी बटी
आरोग्यवर्धिनी
बटी
आमलकी रसायन
इच्छाभेदी रस
उपदंश कुठार रस
उन्माद गजकेशरी
रस
एकांगवीर रस
एलादि वटी
कनकसुंदर रस
कफ़कुठार रस
कुष्ठकुठार रस
कफ़केतु रस
कुमारकल्याण रस
कामदुधा रस
कृव्यादि रस
कफ़कर्तरी रस
कल्पतरू रस
कामधेनु रस
कृमिकुठार रस
कृमिमुग्दर रस
कफ़चिंतामणि रस
कांकायन बटी
कन्यालोहादि बटी
खैरसार बटी
खदिरादि बटी
गंधक बटी
गंधक रसायन
गर्भपाल रस
गुड़मार बटी
गुल्मकुठार रस
ग्रहणीकपाट रस
ग्रहणी गजेन्द्र
रस
चंद्रप्रभा बटी
चतुर्भुज रस
चंद्रामृत रस
चंदनादि बटी
चंद्रान्शु रस
चतुर्मुख रस
चित्रकादि बटी
चिंतामणि
चतुर्मुख रस
चंद्रकला रस
चिंतामणि रस
चौंसठ प्रहरी
पीपल
जवाहरमोहरा
दंतोद्भेदगदान्तक
रस
हिंगुलेश्वर रस
हृदयार्णव रस
हिंग्वादि बटी,
ज्वरांकुश रस
जयमंगल रस
लघुमालिनी बसंत
रस
लहशुनादि बटी
लवंगादि बटी
लक्ष्मीनारायण रस
लक्ष्मीविलास रस
लक्ष्मीनारायण
रस(नारदीय)
लाई रस
लीलाविलास रस
लोकनाथ रस
मधुमेहनाशिनी बटी
महाज्वरांकुश रस
महाशंख बटी
महामृत्युंजय रस
महावात विध्वंसन
रस
महालक्ष्मी विलास
रस
मकरध्वज बटी
मन्मथाभ्र रस
मूत्रकृच्छान्तक
रस
मरिच्यादि बटी
मृत्युन्जय रस
नृपतिवल्लभ रस
नागार्जुनाभ्र रस
नष्टपुष्पान्तक
रस
नित्यानंद रस
पीयूषवल्ली रस
पूर्ण चंद्र रस
प्रदररिपु रस,
प्रवाल पंचाम्रत
रस
प्रतापलंकेश्वर
रस
प्रमेहगज केशरी
रस
पुष्पधन्वा रस
प्रदरारि रस
प्रदरान्तक रस
रसपीपरी रस
रसराज रस
रामबाण रस
रजःप्रवर्तिनी
बटी,
रसादि रस
रक्तपित्तान्तक
रस
संजीवनी बटी
संशमनी बटी
समीरपन्नग रस
सारिवादि बटी
सर्पगंधाघन बटी
सूतशेखर रस
श्रंगाराभ्र रस
स्मृतिसागर रस
सिद्धप्राणेश्वर
रस
सोमनाथ रस
शिलाजीत बटी,
शिलाजित्वादि बटी
शिलासिंदूर बटी,
शिरःशूलादिवज्र
रस
शिरोवज्र रस
शूलवज्रिणी बटी
शंख बटी
शंकर बटी
शूलगजकेशरी रस
श्वास कुठार रस,
श्वासकास
चिंतामणि रस
शीतांशु रस
शुक्रमात्रिका
बटी
त्रिभुवन कीर्ति
रस
त्रिमूर्ति रस,
त्रैलोक्य
चिंतामणि रस
तारकेश्वर रस
बोलबद्ध रस
ब्राह्मी बटी
वात गजांकुश रस
वातकुलान्तक रस
बसंत कुसुमाकर रस
वृहत वातगजांकुश
रस
वृहत बंगेश्वर रस
विरेचन बटी
वृहत वातचिंतामणि
रस
वृहत
गर्भचिंतामणि रस
वीर्यशोधन बटी
वृद्धिबाधिका बटी
व्योषादि बटी
विषतिंदुक बटी
व्याधिहरण रसायन,
वृहत कामचूड़ामणि
रस
योगेन्द्र रस
अभ्रक भस्म
(साधारण,शतपुटी,सहस्त्रपुटी)
अकीक पिष्टी/भस्म
हजरुलयहूद
भस्म/पिष्टी
गोदन्ती भस्म
जहरमोहरा खताई
भस्म/पिष्टी,
कुक्कुटाण्डत्वक
भस्म
कहरवा पिष्टी
कान्तसार लौह
भस्म
कपर्द(वराटिका)भस्म
कासीस भस्म
लौह भस्में
(तीन
प्रकार)
मण्डूर भस्म
श्रंग भस्म
मुक्ताशुक्ति
भस्म/पिष्टी,
नाग भस्म
प्रवाल
पिष्टी/भस्म
शंख भस्म
शुभ्रा(स्फटिका)
भस्म
स्वर्णमाक्षिक
भस्म
ताम्र भस्म
टंकण भस्म
त्रिबंग भस्म
बंग भस्म
यशद भस्म
कासीस गोदन्ती
भस्म
संगेजराहत भस्म
संगेयेशव
भस्म/पिष्टी
गोमेदमणि
भस्म/पिष्टी
माणिक्य
भस्म/पिष्टी
मुक्ता(मोती)भस्म/पिष्टी
नीलम भस्म/पिष्टी
पुखराज
भस्म/पिष्टी
चांदी(रजत)भस्म
पन्ना(तार्क्ष्य)भस्म/पिष्टी
लाजावर्त
भस्म/पिष्टी
अम्लपित्तान्तक
लौह
चंदनादि लौह
(ज्वर
व प्रमेह)
ताप्यादि लौह
(रजत/बिना
रजत)
धात्री लौह
नवायस लौह
प्रदरारि लौह
प्रदरान्तक लौह
पुनर्नवादि
मण्डूर
विषमज्वरान्तक
लौह
सर्वज्वरहर लौह
सप्तामृत लौह
शिलाजित्वादि लौह
यक्रदप्लीहारि
लौह
रक्तपित्तान्तक
लौह
शोथारि लौह
मेदोहर विडंगादि
लौह
अमृतादि गुग्गुल
आभा गुग्गुल
कांचनार गुग्गुल
कैशोर गुग्गुल,
गोक्षुरादि
गुग्गुल
पुनर्नवादि
गुग्गुल
लाक्षादि गुग्गुल
पंचतिक्तघृत
गुग्गुल
रास्नादि गुग्गुल
सप्तविंशतिको
गुग्गुल
सिंहनाद गुग्गुल,
त्रयोदशांग
गुग्गुल
त्रिफला गुग्गुल
योगराज गुग्गुल
महायोगराज
गुग्गुल
वातारि गुग्गुल,
मेदोहर(नवक)
गुग्गुल
अभ्रक पर्पटी
स्वर्ण पर्पटी
बोल पर्पटी
लौह पर्पटी
प्राणदा पर्पटी
ताम्र पर्पटी
पंचामृत पर्पटी
विजय पर्पटी
रस पर्पटी
शीतल पर्पटी
श्वेत पर्पटी
मकरध्वज
चंद्रोदय
मल्ल सिंदूर
मल्ल चंद्रोदय
रस सिंदूर
शिला सिंदूर
स्वर्णबंग
ताल सिंदूर
रसमाणिक्य,
शिलाजीत(गीला/सूखा)
स्वर्णबंग क्षार