मैं कुछ आपसे सवाल करना चाहता हूं जो मेरे बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित है...पिछले दिनों मेरे 6 वर्षीय पुत्र को जुकाम वगैरह हुआ और उन्हीं दिनों में सोते वक्त उसकी नाक बजने लगी थी। एक दिन तो उसकी नाक इतनी तेज बज रही थी कि मैं डर गया। मुझे दूसरे कमरे में जाकर सोना पड़ा। इतने छोटे बच्चे को बड़े लोगों जैसे खर्राटे की दिक्कत क्यों आई? क्या नाक की हड्डी वगैरह बढ़ने की प्राब्लम है क्या? जुकाम ठीक होने के बाद अब खर्राटे की आवाज थोड़ी धीमी पड़ी है पर खर्राटे अब भी लेता है। इसके लिए क्या करना चाहिए। यशवंत सिंह (yashwantdelhi@gmail.com)नई दिल्ली
** आपके बेटे की समस्या गम्भीर तो नहीं है पर समस्या रखी ही क्यों जाए ,इसलिए समाधान और निदान भी लिख रहा हूं
जैसा कि आपने बताया है कि पूर्व में बच्चा प्रतिश्याय यानि ज़ुकाम से ग्रस्त हुआ है । बहुत सम्भावना है कि बच्चे की समस्या से परेशान हो कर आपने कोई उष्णवीर्य औषधि दे दी होगी जिससे कि नासिका मार्ग से स्रवित होकर जो मल बाहर निकल जाता वह शुष्क हो गया है । ध्यान दीजिये कि कथित सर्जन इसे नाक की हड्डी का बढ़ना बता कर आपरेशन की सलाह देते हैं और आपकी जेब काटते हैं थोड़ा विचार करिए कि नाक की हड्डी अगर बढ़ सकती है फिर तो देह की कोई भी हड्डी इसी तरह विकारग्रस्त होकर बढ़नी चाहिए लेकिन ऐसा हरगिज नहीं होता है ये सब मूर्ख बनाने की बाते हैं । बच्चे को खेल-खेल में पांच दस बार अनुलोम -विलोम प्राणायाम करा दिया करें । औषधि के तौर पर यदि चाहें तो किसी भी अच्छी कंपनी का षड्बिन्दु तैल ले लीजिए और सुबह-शाम दोनो नासिका छिद्रों में तीन-तीन बूंद टपका कर कुछ देर गरदन के नीचे तकिया लगा कर लिटा दें ताकि तेल बाहर न आ जाए । बच्चा तेल को मुंह में भी खींच ले तो परेशान न हों कोई हानि नहीं होगी । दो-तीन दिन में बच्चा स्वस्थ हो जाएगा लेकिन बची दवा का क्या करें तो वह भी इसी प्रकार सेवन करा दें क्योंकि यह तेल दुबारा जुकाम के प्रति बच्चे में प्रतिरोधन क्षमता भी विकसित कर देगा और उसे थोड़ा बहुत अपथ्य करने पर भी आसानी से विकार नहीं होगा ।
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कुछ सुझाव
शुक्रवार, फ़रवरी 15, 2008
बच्चे के खर्राटे....
Published :
2/15/2008 04:18:00 am
Author :
डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)
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स्वर्णबंग
ताल सिंदूर
रसमाणिक्य,
शिलाजीत(गीला/सूखा)
स्वर्णबंग क्षार
2 आप लोग बोले:
डाक्टर साहब, कभी समय निकाल कर बड़ों के खर्राटों का भी इलाज बता दीजिएगा क्योंकि यह बहुत से लोगों की तक़लीफ है ।
डाक्टर साहब शुक्रिया, मैं इस पर अमल करूंगा। एक सलाह है कि आप अपनी मेल आईडी ब्लाग के बाईं तरफ हमेशा के लिए लिख दें ताकि कोई भी आपको मेल करके सवाल पूछ ले। और हां, कमेंट में आप अनाम लोगों को भी कमेंट की छूट दीजिए क्योंकि हो सकता है वो अपना नाम छुपाकर किसी रोग वगैरह के बारे में इलाज पाना चाहें।
यशवंत
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