कई लोगों ने मुझसे जो सवाल पूंछा है उन सभी का उत्तर मैं अपने एक पुराने केस का संदर्भ देकर हल कर रहा हूं । यह केस भी आप लोगों की तरह ही थायराइड की समस्या से संबंधित था ।
मानव शरीर कुल मिला कर एक अत्यंत जटिल सी कम्प्यूटराइज्ड प्रतीत होती रचना है जो कि कई हार्डवेयर्स को संलग्न करके बनाई गई है जिसमें श्वसन तंत्र से लेकर पाचन तंत्र तथा रक्तपरिसंचरण तंत्र से लेकर प्रजनन तंत्र तक सभी अपने आप में बेजोड़ हैं । किन्तु एक बात है कि ये सारे तंत्र कहीं न कहीं से एक दूसरे पर अवलम्बित हैं । इस जटिल सिस्टम में लेकिन एक तंत्र ऐसा भी है जो स्वयं किसी पर विशेषतः अवलम्बित नहीं रहता बल्कि अपने द्वारा बाकी तंत्रों का नियमन करता है और इसकी विशेषता यह है कि इसके पुर्जे एक दूसरे से प्रत्यक्षतः जुड़े नहीं रहते हैं , यह है हमारा "एंडोक्राइन सिस्टम" । इस सिस्टम में यदि कोई पुर्जा कम या ज्यादा काम करने लगे तो हम अजीबोगरीब सी बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं । इसी सिस्टम का का एक पुर्जा है - थायराइड ग्रन्थि । यदि थायराइड ग्रन्थि में विकार आ जाएं तो विचित्र लक्षण पैदा हो जाते हैं । मैं प्रसंगवश यहां इस ग्रन्थि की क्रिया में हीनता के उपचार दे रहा हूं । देख लीजिए कि हो सकता है कि आप या आपके किसी परिचित को ऐसे लक्षण हों और आप उसे कोई अलग ही बीमारी मान कर इलाज करवा रहे हों क्योंकि मेरे पास जो रोगी आया था उसके घर के लोग तो उसकी झाड़फूंक करवा रहे थे । मरीज में पिछले सात वर्ष से इन लक्षणों से ग्रस्त था जबकि इसके पहले ये व्यक्ति अच्छे तरीके से कामधंधा करके घर चला रहा था किन्तु धीरे-धीरे न जाने क्या हुआ कि एकदम निकम्मा सा हो गया और नौकरी छोड़े घर पर पड़ा रहता है । जब मेरे पास मरीज को उसके घर वाले खटिया पर लाद कर लाए तो उसमें मुझे निम्न लक्षण मिले जिन पर आप भी ध्यान दें :-
१ . सारे बदन में सूजन
२ . खुरदुरी त्वचा
३ . आवाज में भारीपन और घरघराहट
४ . बैठे-बैठे ही ऊंघने लगना
५ . काम की इच्छा न होना
६ . वजन बहुत बढ़ गया था
७ . याददाश्त की कमी
८ . किसी व्यक्ति या वस्तु को भी पहचानने में कठिनाई हो रही थी
९ . पेशाब करने में तकलीफ़ हो रही थी
१० . कब्जियत रहा करती थी
११ . शरीर एक्दम बेकार सा हो गया था और पिछले सात वर्षों में मरीज अधिकांश समय बिस्तर पर पड़े-पड़े ही बिताता था ।
नाड़ी परीक्षण से तथा मौजूद लक्षणों से समझ में आ गया कि किसी भूत-प्रेत ने नहीं पकड़ रखा है बल्कि अवटु ग्रन्थि या थायराइड की हीनता के कारण ऐसा है । मरीज के घर वालों का मन रखने के लिये थायराइड फंक्शन टैस्ट भी करवा लिया अन्यथा कई बार मरीज और उसके घर वालों को लगने लगता है कि बाहर तो टैस्ट में ही हजारों रुपए खर्च हो जाते हैं और यहां तो डाक्टर ने बस हाथ पकड़ कर बिना कुछ ज्यादा पूंछतांछ के दवा लिखना शुरू कर दिया , इस बात का मनोवैज्ञानिक तौर पर गलत असर पड़ता है । जाहिर सी बात है कि थायराइड फंक्शन टैस्ट की रिपोर्ट ने उन लोगों के सामने मेरी बात की पुष्टि कर दी ।
रोगी को जो उपचार दिया वह आप भी जान लीजिए जिससे मात्र तीन माह में वह पुनः अपने काम पर लौट आया और जीवन सुचारू रूप से चलने लगा ।
गंडमाला कण्डन रस २५० mg की एक गोली
त्र्यूषणाद्य लौह २५० mg की एक गोली (कुछ कंपनियां इस औषधि को चूर्ण के रूप में बनाती हैं )
गोक्षुरादि गुग्गुलु २५० mg की दो गोली
कांचनार गुग्गुलु २५० mg की दो गोली
आरोग्यवर्धिनी वटी २५० mg की एक गोली
पुनर्नवा मण्डूर २५० mg की एक गोली (कुछ कंपनियां इस औषधि को चूर्ण के रूप में बनाती हैं )
इन सब दवाओं की एक खुराक बनाएं ,मात्रा थोडी ज्यादा लगती है किन्तु अतिशीघ्र लाभ करती है । इस पूरी दवा सुबह शाम दो बार खुराक शहद के साथ देकर ऊपर से दो चम्मच "दशमूलारिष्ट" के पिला दिया गया । ध्यान रहे कि व्यक्ति-देश -काल-बीमारी की तीव्रता के प्रभाववश कदाचित आपको यथोचित लाभ मिलने में कम या थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है इस बात को लेकर जरा भी निराश न हों और साथ ही यदि प्राणायाम करते चलें तो सोने में सुगंध जैसी बात होगी ।
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कुछ सुझाव
बुधवार, फ़रवरी 27, 2008
थायराइड की समस्या
Published :
2/27/2008 11:20:00 am
Author :
डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)
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