रविवार, जून 29, 2008

पखाना नही होता है सप्ताह में एक बार ही बस.......

डाक्टर साहब नमस्कारमेरी बेटी २२ साल की है. उसकी खुराक सामान्य है. एक समय में ३ रोटी खाती है. उसे पखाना नही होता है. सप्ताह में एक बार. उसकी यह दिक्कत पिछले ५ साल से हैं. ज्यादा मसाला हमलोग नही खाते हैं. घर से बाहर का खाना कम ही खाती है. कुछ दिनों के लिए एलोपथिक दवाई ली. पहले पहल दवाई ने काम किया. अब वो भी नही काम कर रहा. आप कुछ निदान बताये?अग्रिम धन्यवादराजेश रोशन -- Rajesh Roshanhttp://rajeshroshan.com
राजेश साहब,आपने बताया कि बिटिया की उम्र २२ वर्ष है किन्तु मलत्याग हेतु उचित वेग नही आता और जबकि वह भोजन सामान्य रुप से ले ही रही है तो स्वस्थ शरीर में भोजन ग्रहण करने के बाद पाचन की क्रिया पूर्ण होने के दौरान विभिन्न आवश्यक तत्त्वॊं का आंतो द्वारा चूषण कर लिया जाता है और शेष रहे पदार्थ को मल के रूप में आकुंचन-प्रकुंचन गति द्वारा आगे बढ़ा कर मलाशय तक पहुंचा दिया जाता है। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो स्वाभाविक है कि यह दर्शाता है कि कुछ ऐसा है जोकि असामान्य व रुग्ण है। आपने समस्या को तनिक संक्षिप्त में लिखा है और कुछ आवश्यक बातों का जिक्र नहीं कर पाए हैं जैसे कि क्या बच्ची का मासिक धर्म का चक्र सामान्य है? एलोपैथी की कौन सी दवा दी गयी थी जो कि अब कारगर नहीं है? क्या पेट में दर्द या ऐसी कोई अनुभूति होती है? खैर इन बातों को जाने दीजिये मैं इस बीमारी को आयुर्वेद के निदान के अनुसार चिरस्थायी मलावरोध मानता हूं जो कि आंतो की मांसपेशियों की दुर्बलता के कारण होता है और इस समस्या में सबसे बड़ा नुकसान मरीज को तब होता है जब उसे तेज से तेज जुलाब या रेचक पदार्थ और औषधियां दी जाती हैं। इस तरह से मरीज का मर्ज और बढ़ कर बदतर हालत में आ जाता है। निम्न औषधियों को नियम से दें --
१ . नाराच रस एक गोली + विश्वतापहरण रस एक गोली दिन में तीन बार हलके गर्म जल से लें।
२ . अग्नितुण्डी बटी एक गोली + विजयपर्पटी २५० मिग्रा. + दशमूलषटफल घृत १० ग्राम को मिला कर एक पाव दूध से दिन में भोजन के बाद दो बार दें।
३ . कुमार्यासव २५ मिली + द्राक्षारिष्ट २५ मिली दिन में दो आर भोजन के बाद दें।
चोकर की रोटियां खाने में प्रयोग करें तथा चना भिगो कर उसमें नमक व अदरख मिला कर नाश्ते के लिये सुबह दें। इस उपचार को न्यूनतम एक माह तक धैर्यपूर्वक प्रयोग करें उसके बाद मेहरबानी करके मुझे सूचित करें यदि अधीर होंगे तो लाभ की संभावना न्यून होगी।

2 आप लोग बोले:

E-Guru Maya ने कहा…

धन्यवाद इस जानकारी हेतु.

SANJEET KUMAR ने कहा…

Dr Rupesh ji aap ka site dekha acha laga per ker ,waise mai begusarai se sanjeet hu manish ji ka friend.jaan ker ye acha laga kee net per aapke dwara de ja rahi suvidha kitni important hai..mai apne jilaye mai aapke advice leker agar logo kee seva ker paya to mera soubhag hoga..aapke co-operation kee apekcha hai .thanku--sanjeet,Begusarai