गुरुवार, जून 19, 2008

मेरा जीवन बर्बाद होने से बचा लीजिए..........

डॉक्टर साहब को चरण स्पर्श, आपका ब्लॉग देखकर मैं आपके प्रति नतमस्तक हूँ क्योंकि आप निस्वार्थ लोगों की मदद कर रहे हैं। डॉक्टर साहब मुझे लगता है कि आप मेरे लिए मसीहा बनकर आए हैं। क्योंकि मेरी परेशानी ही कुछ ऐसी है कि जिसे ना तो किसी को बता सकते हैं और ना ही अंदर_ही_अंदर घुटकर जी सकते हैं। काफी प्रयासों (गुगल पर सर्च करके) मुझे आपका ब्लॉग प्राप्त हुआ। मुझे लगता है कि आप ही एकमात्र ऐसे इंसान है जो दूसरे इंसानों का दुख-दर्द समझते हैं। डॉक्टर साहब मेरी उम्र ३० वर्ष है, मेरी सेकंड मैरिज हुई है। पहली पत्नी के साथ मैंने २ साल सुखी वैवाहिक जीवन बिताया (इस समय कोई समस्या नहीं थी, फिर भी कोई संतान उत्पन्न नही हुई) लेकिन भगवान की मर्जी के आगे किसका बस चलता है, पहली बीवी नहीं रही। फिर २ साल इंतजार करने के बाद अब (फरवरी २००८) में मेरी दूसरी शादी मेरे से १० साल छोटी उम्र की लड़की से हुई है (मेरी बीवी की उम्र है २० साल और मेरी ३० साल) लेकिन अब मेरी पहले जैसी सेक्स की इच्छा नहीं रही। अब मेरी सेक्स में रुचि खत्म हो गई है। और सेक्स करने की कोशिश करता हूँ तो लिंग में पर्याप्त कठोरता नहीं आ पाती और बहुत जल्द ही शीघ्र पतन हो जाता है, जिससे मैं अपनी पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पा रहा हूँ। मुझे दुख इस बात का है कि अभी तो शुरुआत है, अभी तो बच्चे भी पैदा करना होंगे, यह सब सोचकर मेरा मन घबराता है। अगर ३० साल की उम्र में यह हाल है तो ४० तक भगवान जाने क्या होगा, और वह (मेरी बीवी) ने तो अभी जवानी में कदम ही रखा है। उसे तो कम से कम १०-१५ साल तक संतुष्ट करना ही होगा नहीं तो अनर्थ हो जाएगा। आप जानते होंगे डॉक्टर साहब की क्या अनर्थ हो जाएगा? (मेरा जीवन, और इज्जत बर्बाद हो जाएगी)। प्लीज डॉक्टर साहब मुझे इस मनुष्य जीवन का आनंद लेने का मार्ग बताएँ। वरना मुझे आत्महत्या के लिए और कोई रास्ता नहीं दिखाई देता। मैं क्या करू? एक बात और बताना चाहता हूँ कि पहली शादी के पहले मैंने ५-७ साल तक हस्तमैथुन भी किया था, और मुझे लगता है कि इसी के कारण मेरी आज यह हालत हुई है। प्लीज डॉक्टर साहब मेरा जीवन बर्बाद होने से बचा लीजिए। कोई अच्छी-सी दवाई बताएँ मैं आपका जीवन भर आभारी रहूँगा। प्लीज आपसे मेरा बार-बार निवेदन है। आपकी सलाह के इंतजार में....
धन्यवाद
दिनेश कर्मा
दिनेश जी,विश्वास प्रदर्शित करने के लिये आपका आभारी हूं। आपकी समस्या जितनी बड़ी आपको महसूस हो रही है सच में वह आपकी मानसिक स्थिति के कारण है अन्यथा सब कुछ सामान्य है बस छोटी सी समस्या है। पहले तो एक बात विशेष ध्यान दीजिये कि आप रोज रात को भोजन के बाद एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गर्म जल में घोल कर पी लिया करें ताकि कब्जियत न रहे और पेट बराबर साफ होता रहे। अब लीजिये कि क्या उपचार लेना होगा --
१ . शतावर ४० ग्राम + गोखरू ४० ग्राम + कुलंजन ४० ग्राम + विदारीकंद ४० ग्राम + कौंच(केवांच) के बीज ४ ग्राम + उटंगन के बीज ४ ग्राम + छोटी पीपल ४ ग्राम + छोटी इलायची के बीज ४ ग्राम + नागकेशर ४ ग्राम + सफेद मूसली ४ ग्राम + लाल चंदन ४ ग्राम + छरीला ४ ग्राम + गिलोय(गुळवेल)सत्व ४ ग्राम + वंशलोचन ४ ग्राम + मोचरस १० ग्राम ; इन सबको आप किसी भी आयुर्वेद के दवा विक्रेता से सरलता से ले सकते हैं इन्हें पीस कर सुबह शाम गाय के दूध से दो-दो चम्मच सेवन करें तथा उसके बाद १० ग्राम नारियल की गरी चबा लें।
२ . अश्वगंधा चूर्ण,चीनिया कपूर, खुरासानी अजवायन, जायफ़ल, जावित्री, अकरकरा,बच, शुद्ध भांग, रस सिंदूर ; इन सबको सात-सात ग्राम की मात्रा में लेकर कसकर घोंट लें। इन्हें पचास ग्राम मिश्री पीस कर मिला लें। इस मिश्रण को चार-चार ग्राम की मात्रा में रात में भोजन के बाद मलाई मिला कर चाट लीजिये और अगर मिल सके तो ऊपर से एक मूली खा लीजिये।
३ . पुष्पधन्वा रस एक-एक गोली सुबह शाम दूध से लीजिये।
४ . वानरी गुटिका एक गोली + स्वर्णबंग एक रत्ती(१२५ मिग्रा)+ कौंचा पाक एक चम्मच मिला कर दिन में दो बार चाट लें ऊपर से दूध पी लीजिये।
यकीन मानिये कि चार दिन बाद आप खुद ही मुझे मेल करके धन्यवाद कर रहे होंगे कि चमत्कार हो गया। औषधि सेवन तीन माह तक करें व सेवन काल में मिर्च-मसाले व खटाई का सेवन न करें,मांसाहार बंद कर दें।

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