डा.साहब नमस्ते, मेरे पापा की उम्र ४५ साल है। उन्हें पिछले दो माह से भयंकर चक्कर आया करते थे तो स्थानीय एम.डी. के पास ले जाने पर उसने तमाम जांच करीं और बताया कि सैरिब्रो स्पाइनल फ़्लुइड(cerebro spinal fluid) बढ़ा हुआ है। सलाह दी है कि इसके लिये पापा की रीढ़ की हड्डी में छेद कर पानी निकाला जाएगा जिसे सुन कर ही मेरी माता जी को बहुत कष्ट हो रहा है कि पता नहीं कैसी होगी ये प्रक्रिया और पापा को कितनी तकलीफ़ होगी। क्या आयुर्वेद में इसका कोई ऐसा इलाज है कि ये छेद करने के झंझट से बचा जा सके सिर्फ़ दवा खाकर ही बीमारी ठीक हो जाए। धन्यवाद
मोहित राज,फरीदाबाद
मोहित जी आपके पापा की समस्या के संबंध में आप अपनी माता जी को सर्वप्रथम आश्वस्त कर दीजिये कि आपके पापा को रीढ़ की हड्डी में छेद करके पानी निकलवाने के कष्टप्रद और खर्चीले आपरेशन से गुजरना नही पड़ेगा बल्कि वे मात्र मुंह से खाई जाने वाली औषधि से ही ठीक हो जाएंगे। आप नीचे लिखी दवाओं को एकत्र करके औषधि योग बना लें और उसका लगातार दो माह तक सेवन कराएं फिर उसके बाद जांच करवा लें यदि आवश्यकता हो तो औषधि एक माह और जारी रखें अन्यथा बंद कर दें--
१ . रस सिन्दूर २ ग्राम + जवाखार(यवक्षार) २ ग्राम + रेवतचीनी २ ग्राम + छोटी इलायची के दाने २ ग्राम + भारंगी २ ग्राम + तेजपत्र २ ग्राम + हरड़ २ ग्राम + इंद्रायण मूल २ ग्राम ; इन सब को लेकर जोर से खरल करें और मिश्रण तैयार हो जाने पर इसमें १५ ग्राम ताम्र भस्म तथा १५ ग्राम अभ्रक भस्म(साधारण) मिला लें। इस चूर्ण की एक-एक रत्ती मात्रा दिन में तीन बार दूध के साथ दें किन्तु ध्यान रहे कि खाली पेट दवा न दें। इस चूर्ण को अम्बुशोषण चूर्ण नाम से जाना जाता है। यह देह में पसीने की ग्रन्थियों, किडनी व आतों की क्रिया को बढ़ा कर मस्तिष्कगत बढ़े हुए जल को मल-मूत्र व पसीने से बाहर निकाल देता है।
आप अपने पिताजी को तेज मिर्च-मसालेदार आहार से परहेज करवाएं व औषधि सेवन काल में कोई नशा न करने दें साथ ही मांसाहार(अंडे भी) बंद करा दें।
Translate
Archive
-
▼
2008
(154)
-
▼
जून
(18)
- पखाना नही होता है सप्ताह में एक बार ही बस.......
- छह साल से हाथ के कांपने से परेशान हैं ...
- ढेर सारी बीमारियां एक साथ हैं ऐसा लगता है.......
- बाल झड़ रहे हैं.........
- माताजी को लाभ हुआ....
- नींद में लार आती है......
- मेरा जीवन बर्बाद होने से बचा लीजिए..........
- The doctors called this diseases "MYELITIES".
- जुखाम बना ही रहता है और........
- सफेद दाग हैं, माताजी व बहन को भी हैं यानि कि आनुवा...
- नाक से बहुत भयंकर बदबू आती रहती है........
- गर्भाशय के अंदर antricrial side पर एक fibroid है.....
- श्रवण शक्ति कमजोर हो गयी है....
- पक्षाघात(लकवा) की समस्या है पूरा बांया अंग प्रभावि...
- सैरिब्रो स्पाइनल फ़्लुइड(cerebro spinal fluid) बढ़ा ...
- मेरी समस्या है मेरा मोटापा..........
- आंख में नाखूना रोग है जिसका इलाज सिर्फ़ आपरेशन है.....
- आंखो की पलकों में रूसी, खुजली व पानी भी आता है।
-
▼
जून
(18)
लोकप्रिय पोस्ट
-
Hello sir main saudi arabia main job karta hoon meri problem sex se related hai .sir maine do baar sex kiya hai dono bar main 4 sec ke andar...
-
Sir, Main ak 26 varshiy vivahit ladka hoon.meri samasya yeh hai ki 1. mere gupt ang mein thik se tanav nahi aata hai aur jo aata hai to kuc...
-
नमस्कार महोदय उम्र २९ वर्ष वजन ४३ केजी कद १६५सेमि ५'५'' दुबला शरीर, अविवाहित, अध्यनरत महोदय मै बहुत हि दुबला व कमजोर हू. कृपया म...
-
Namaskar Doctor Shahab. Me aapse apni samasya ka samadan chahta ho. sabse pahle me aapko apne bare me batana chahta ho meri aayo 21 year he ...
-
प्रणाम डॉक्टर साहब, सर्वप्रथम तो आपका बहुत-बहुत शुक्रिया जो आपने मेरी समस्या पर इतनी तत्परता से प्रतिक्रिया दी. आपको मैं थोड़े से विस्ता...
-
डॉ साहब ,आपको सादर नमस्कार . मैंने आपके बहुत सारे ब्लोग्स पढ़े हैं । वहाँ से प्रेरित होकर मई भी आप को मेल कर रहा हू आशा रख...
-
यह सभी वर्गों के पुरुषों के लिये अत्यंत उत्तम स्वास्थ्यवर्धक वटी ( टैबलेट) है जो कि बेहद प्रभावी तथा बहुमूल्य जड़ी-बूटियों का बेहतरीन मिश्रण ...
कुछ सुझाव
मंगलवार, जून 10, 2008
सैरिब्रो स्पाइनल फ़्लुइड(cerebro spinal fluid) बढ़ा हुआ है।
Published :
6/10/2008 08:44:00 am
Author :
डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Read in English
आप इन औषधियों को मात्र उत्पादन मूल्य पर हमसे मंगवा सकते हैं
अग्निकुमार रस
अर्शोघ्नी बटी
आनंद भैरव रस
अजीर्ण कंटक रस
अर्शकुठार रस
आमवातेश्वर रस
आमवातारि रस
अश्वकंचुकी(घोड़ाचोली)रस
अग्नितुंडी बटी
अमरसुंदरी बटी
आरोग्यवर्धिनी
बटी
आमलकी रसायन
इच्छाभेदी रस
उपदंश कुठार रस
उन्माद गजकेशरी
रस
एकांगवीर रस
एलादि वटी
कनकसुंदर रस
कफ़कुठार रस
कुष्ठकुठार रस
कफ़केतु रस
कुमारकल्याण रस
कामदुधा रस
कृव्यादि रस
कफ़कर्तरी रस
कल्पतरू रस
कामधेनु रस
कृमिकुठार रस
कृमिमुग्दर रस
कफ़चिंतामणि रस
कांकायन बटी
कन्यालोहादि बटी
खैरसार बटी
खदिरादि बटी
गंधक बटी
गंधक रसायन
गर्भपाल रस
गुड़मार बटी
गुल्मकुठार रस
ग्रहणीकपाट रस
ग्रहणी गजेन्द्र
रस
चंद्रप्रभा बटी
चतुर्भुज रस
चंद्रामृत रस
चंदनादि बटी
चंद्रान्शु रस
चतुर्मुख रस
चित्रकादि बटी
चिंतामणि
चतुर्मुख रस
चंद्रकला रस
चिंतामणि रस
चौंसठ प्रहरी
पीपल
जवाहरमोहरा
दंतोद्भेदगदान्तक
रस
हिंगुलेश्वर रस
हृदयार्णव रस
हिंग्वादि बटी,
ज्वरांकुश रस
जयमंगल रस
लघुमालिनी बसंत
रस
लहशुनादि बटी
लवंगादि बटी
लक्ष्मीनारायण रस
लक्ष्मीविलास रस
लक्ष्मीनारायण
रस(नारदीय)
लाई रस
लीलाविलास रस
लोकनाथ रस
मधुमेहनाशिनी बटी
महाज्वरांकुश रस
महाशंख बटी
महामृत्युंजय रस
महावात विध्वंसन
रस
महालक्ष्मी विलास
रस
मकरध्वज बटी
मन्मथाभ्र रस
मूत्रकृच्छान्तक
रस
मरिच्यादि बटी
मृत्युन्जय रस
नृपतिवल्लभ रस
नागार्जुनाभ्र रस
नष्टपुष्पान्तक
रस
नित्यानंद रस
पीयूषवल्ली रस
पूर्ण चंद्र रस
प्रदररिपु रस,
प्रवाल पंचाम्रत
रस
प्रतापलंकेश्वर
रस
प्रमेहगज केशरी
रस
पुष्पधन्वा रस
प्रदरारि रस
प्रदरान्तक रस
रसपीपरी रस
रसराज रस
रामबाण रस
रजःप्रवर्तिनी
बटी,
रसादि रस
रक्तपित्तान्तक
रस
संजीवनी बटी
संशमनी बटी
समीरपन्नग रस
सारिवादि बटी
सर्पगंधाघन बटी
सूतशेखर रस
श्रंगाराभ्र रस
स्मृतिसागर रस
सिद्धप्राणेश्वर
रस
सोमनाथ रस
शिलाजीत बटी,
शिलाजित्वादि बटी
शिलासिंदूर बटी,
शिरःशूलादिवज्र
रस
शिरोवज्र रस
शूलवज्रिणी बटी
शंख बटी
शंकर बटी
शूलगजकेशरी रस
श्वास कुठार रस,
श्वासकास
चिंतामणि रस
शीतांशु रस
शुक्रमात्रिका
बटी
त्रिभुवन कीर्ति
रस
त्रिमूर्ति रस,
त्रैलोक्य
चिंतामणि रस
तारकेश्वर रस
बोलबद्ध रस
ब्राह्मी बटी
वात गजांकुश रस
वातकुलान्तक रस
बसंत कुसुमाकर रस
वृहत वातगजांकुश
रस
वृहत बंगेश्वर रस
विरेचन बटी
वृहत वातचिंतामणि
रस
वृहत
गर्भचिंतामणि रस
वीर्यशोधन बटी
वृद्धिबाधिका बटी
व्योषादि बटी
विषतिंदुक बटी
व्याधिहरण रसायन,
वृहत कामचूड़ामणि
रस
योगेन्द्र रस
अभ्रक भस्म
(साधारण,शतपुटी,सहस्त्रपुटी)
अकीक पिष्टी/भस्म
हजरुलयहूद
भस्म/पिष्टी
गोदन्ती भस्म
जहरमोहरा खताई
भस्म/पिष्टी,
कुक्कुटाण्डत्वक
भस्म
कहरवा पिष्टी
कान्तसार लौह
भस्म
कपर्द(वराटिका)भस्म
कासीस भस्म
लौह भस्में
(तीन
प्रकार)
मण्डूर भस्म
श्रंग भस्म
मुक्ताशुक्ति
भस्म/पिष्टी,
नाग भस्म
प्रवाल
पिष्टी/भस्म
शंख भस्म
शुभ्रा(स्फटिका)
भस्म
स्वर्णमाक्षिक
भस्म
ताम्र भस्म
टंकण भस्म
त्रिबंग भस्म
बंग भस्म
यशद भस्म
कासीस गोदन्ती
भस्म
संगेजराहत भस्म
संगेयेशव
भस्म/पिष्टी
गोमेदमणि
भस्म/पिष्टी
माणिक्य
भस्म/पिष्टी
मुक्ता(मोती)भस्म/पिष्टी
नीलम भस्म/पिष्टी
पुखराज
भस्म/पिष्टी
चांदी(रजत)भस्म
पन्ना(तार्क्ष्य)भस्म/पिष्टी
लाजावर्त
भस्म/पिष्टी
अम्लपित्तान्तक
लौह
चंदनादि लौह
(ज्वर
व प्रमेह)
ताप्यादि लौह
(रजत/बिना
रजत)
धात्री लौह
नवायस लौह
प्रदरारि लौह
प्रदरान्तक लौह
पुनर्नवादि
मण्डूर
विषमज्वरान्तक
लौह
सर्वज्वरहर लौह
सप्तामृत लौह
शिलाजित्वादि लौह
यक्रदप्लीहारि
लौह
रक्तपित्तान्तक
लौह
शोथारि लौह
मेदोहर विडंगादि
लौह
अमृतादि गुग्गुल
आभा गुग्गुल
कांचनार गुग्गुल
कैशोर गुग्गुल,
गोक्षुरादि
गुग्गुल
पुनर्नवादि
गुग्गुल
लाक्षादि गुग्गुल
पंचतिक्तघृत
गुग्गुल
रास्नादि गुग्गुल
सप्तविंशतिको
गुग्गुल
सिंहनाद गुग्गुल,
त्रयोदशांग
गुग्गुल
त्रिफला गुग्गुल
योगराज गुग्गुल
महायोगराज
गुग्गुल
वातारि गुग्गुल,
मेदोहर(नवक)
गुग्गुल
अभ्रक पर्पटी
स्वर्ण पर्पटी
बोल पर्पटी
लौह पर्पटी
प्राणदा पर्पटी
ताम्र पर्पटी
पंचामृत पर्पटी
विजय पर्पटी
रस पर्पटी
शीतल पर्पटी
श्वेत पर्पटी
मकरध्वज
चंद्रोदय
मल्ल सिंदूर
मल्ल चंद्रोदय
रस सिंदूर
शिला सिंदूर
स्वर्णबंग
ताल सिंदूर
रसमाणिक्य,
शिलाजीत(गीला/सूखा)
स्वर्णबंग क्षार
0 आप लोग बोले:
एक टिप्पणी भेजें