सर नमस्ते
मेरी उम्र ४६ साल है। मुझे आंतो में जख्म हैं जिसके कारण मल से खून और पस(मवाद) आता है और बहुत दर्द होता है पहले मुझे पेट में जलन रहा करती थी लेकिन अब जलन के साथ में भयंकर दर्द भी रहता है। कुछ लोगों ने बताया कि इसे ग्रहणी रोग कहते हैं। हास्पिटल में मुझे बीमारी का नाम ulcerative colitis (अल्सरेटिव कोलायटिस) बताया है। तकलीफ़ करीब दो माह से है उर दवाएं खाते रहने के बाद भी रत्ती भर अंतर महसूस नहीं होते दिख रहा है। क्या मैं जीवित बचूंगा? क्या आयुर्वेद में इसका इलाज है?
जयेश हडकर,ठाणे(महाराष्ट्र)
जयेश जी, जैसा कि आपने अपनी मल,रक्त व मूत्र की रिपोर्ट की स्कैन करी हुई प्रति भेजी है। देख कर मैं आपके रोग की गम्भीरता व आपकी तकलीफ़ को समझ रहा हूं। यदि आयु शेष है तो फिर दवाएं अवश्य असर करती हैं पर आप हौसला रखें और निम्न दवाएं लीजिये -
कुटज छाल का चूर्ण(यदि घनसत्व मिले तो दवा तेजी से असर करती है) ४ ग्राम(घनसत्त्व २ ग्राम) + शुद्ध वंशलोचन १ ग्राम + लौह भस्म १ ग्राम + शीतल(कबाब)चीनी १ ग्राम + छोटी इलायची १ ग्राम इन सब को बारीक पीस कर रखें
इसमें से एक ग्राम दवा की मात्रा मट्ठे या जल के साथ दिन में दो बार सुबह शाम दें यदि हो सके तो तुलसी के पत्ते के काढ़े को दिन में दो बार दो-दो चम्मच पिलाएं।
आप यह दवा तीन माह तक लगातार लें इस औषधि से आपको पहले ही दिन से आराम महसूस होने लगेगा।
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बुधवार, दिसंबर 03, 2008
मल से खून और पस(मवाद) आता है,बीमारी का नाम ulcerative colitis है।
Published :
12/03/2008 12:12:00 am
Author :
डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)
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