नमस्कार सर,
मेरी कुछ महीनों के बाद शादी होने वाली है बचपन से लेकर अब तक जो गलतियां करी यानि कि हस्तमैथुन किया उसके कारण मुझे शीघ्रपतन की समस्या हो गयी है। मात्र दो-तीन सेकेंड में ही वीर्य स्खलन हो जाता है। क्या इसका इलाज संभव है क्योंकि मैंने तमाम इश्तेहार देखे हैं लेकिन ऐसे लोगों से सम्पर्क करने में डर भी लगता है साथ ही सुना है कि ऐसे लोग ब्लैकमेल भी करते हैं। मैंने तो बहुत सारे सैक्सोलाजिस्ट के लेख अखबारों में पढ़े हैं कि हस्तमैथुन से कोई नुकसान नहीं होता लेकिन मुझे तो अब भयंकर कमजोरी भी लगती है समझ नहीं आता कि क्या सच है? आप मेरी मदद करिए ताकि मेरा वैवाहिक जीवन सुखमय रहे।
सुनील व बहुत सारे पीड़ित भाई
भाईसाहब आप सभी लोगों से एक निवेदन है कि मेरी बात को जरा गौर से समझिये कि क्या वो माली अक्लमंद है जो कि हजारों फूलों का इत्र खींच कर नाली में बहा दे ठीक वैसी ही बेवकूफ़ी हस्तमैथुन करना है। दुष्ट किस्म के लोग जो हस्तमैथुन की वकालत करते हैं कि इससे कुछ नुकसान नहीं होता मैं उनके लिये बस भगवान से सही बुद्धि की प्रार्थना ही कर सकता हूं भुगतना तो आप लोगों को पड़ रहा है। आप लोग तत्काल इस भयंकर हानिकारक आदत को छोड़ने के लिये प्रयास करिए और निम्न औषधि लीजिये।
१ . धनिया का चूर्ण (जो कि सब्जी तरकारी में मिलाया जाता है हरा धनिया न लें) २५ ग्राम + कपूर ५ ग्राम + मिश्री ५० ग्राम ; इन सबको बारीक घोंट लीजिये और एक टाइट ढक्कन की शीशी में रख लीजिये। सुबह-शाम आधा चाय का चम्मच पानी से निगल लें। खाली पेट न लें।
२ . मकरध्वज बटी १ गोली सुबह-दोपहर-शाम शहद मिला कर मीठे करे गये दूध के साथ लीजिये।
पहली दवा का सेवन पंद्रह दिन तक करने के बाद पंद्रह दिन तक बंद कर दें लेकिन दूसरी दवा का सेवन लगातार करिये। कम से कम तीन माह तक यह उपचार लीजिये ताकि पुनः शक्ति हासिल हो सके। कब्जियत न रहने दें इसके लिये यदि जरूरत हो तो आवश्यतानुसार त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।
Translate
Archive
-
▼
2008
(154)
-
▼
दिसंबर
(22)
- आयुर्वेद में मल्टीविटामिन्स का विकल्प
- पिछले १५ सालों अनजान व्याधियों से परेशान हूँ
- पत्नी का ब्लड प्रेशर एकदम नीचा रहता है सैक्स की भी...
- कामशक्तिवर्धक दवाऒ के सेवन से स्वप्नदोष की समस्या ...
- स्तनों में बहुत ढीलापन आ गया है
- मुझे ब्रेन-हैमरेज तक होने की संभावना है........
- मोटापा कम होने के बाद त्वचा ढीली हो गयी है
- मायग्रेन का दर्द है
- बेटे की याददाश्त बढ़ाने के लिये क्या करें?
- हस्तमैथुन किया उसके कारण मुझे शीघ्रपतन की समस्या ह...
- पिता जी को प्रोस्टेट ग्लैण्ड कैंसर है
- मेरी सहेली के सौन्दर्य का राज क्या है?
- सर्वाइकल स्पोन्डिलायटिस हुआ है
- इच्छा होते हुए भी लैंगिक उत्थान ही नहीं होता है क्...
- मेरा भी वैवाहिक जीवन बर्बाद है शीघ्रपतन के कारण....
- दांतो में हमेशा टीस मारता हुआ दर्द होता रहता है,पा...
- लिंग में उत्तेजना नहीं वैवाहिक जीवन सत्यानाश हो रह...
- मेरा दोस्त पागल हो गया है उसे बचा लीजिये
- मेनोपाज़(menopause) की स्थिति से गुजर रही हूं
- गर्भाशय की दुर्बलता के कारण गर्भ धारण नहीं हो रहा,...
- मल से खून और पस(मवाद) आता है,बीमारी का नाम ulcerat...
- हाथों और पैरों के जोड़ों में सूजन व तेज चुभने जैसा ...
-
▼
दिसंबर
(22)
लोकप्रिय पोस्ट
-
Hello sir main saudi arabia main job karta hoon meri problem sex se related hai .sir maine do baar sex kiya hai dono bar main 4 sec ke andar...
-
Sir, Main ak 26 varshiy vivahit ladka hoon.meri samasya yeh hai ki 1. mere gupt ang mein thik se tanav nahi aata hai aur jo aata hai to kuc...
-
नमस्कार महोदय उम्र २९ वर्ष वजन ४३ केजी कद १६५सेमि ५'५'' दुबला शरीर, अविवाहित, अध्यनरत महोदय मै बहुत हि दुबला व कमजोर हू. कृपया म...
-
Namaskar Doctor Shahab. Me aapse apni samasya ka samadan chahta ho. sabse pahle me aapko apne bare me batana chahta ho meri aayo 21 year he ...
-
प्रणाम डॉक्टर साहब, सर्वप्रथम तो आपका बहुत-बहुत शुक्रिया जो आपने मेरी समस्या पर इतनी तत्परता से प्रतिक्रिया दी. आपको मैं थोड़े से विस्ता...
-
डॉ साहब ,आपको सादर नमस्कार . मैंने आपके बहुत सारे ब्लोग्स पढ़े हैं । वहाँ से प्रेरित होकर मई भी आप को मेल कर रहा हू आशा रख...
-
यह सभी वर्गों के पुरुषों के लिये अत्यंत उत्तम स्वास्थ्यवर्धक वटी ( टैबलेट) है जो कि बेहद प्रभावी तथा बहुमूल्य जड़ी-बूटियों का बेहतरीन मिश्रण ...
कुछ सुझाव
मंगलवार, दिसंबर 09, 2008
हस्तमैथुन किया उसके कारण मुझे शीघ्रपतन की समस्या हो गयी
Published :
12/09/2008 08:38:00 am
Author :
डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Read in English
आप इन औषधियों को मात्र उत्पादन मूल्य पर हमसे मंगवा सकते हैं
अग्निकुमार रस
अर्शोघ्नी बटी
आनंद भैरव रस
अजीर्ण कंटक रस
अर्शकुठार रस
आमवातेश्वर रस
आमवातारि रस
अश्वकंचुकी(घोड़ाचोली)रस
अग्नितुंडी बटी
अमरसुंदरी बटी
आरोग्यवर्धिनी
बटी
आमलकी रसायन
इच्छाभेदी रस
उपदंश कुठार रस
उन्माद गजकेशरी
रस
एकांगवीर रस
एलादि वटी
कनकसुंदर रस
कफ़कुठार रस
कुष्ठकुठार रस
कफ़केतु रस
कुमारकल्याण रस
कामदुधा रस
कृव्यादि रस
कफ़कर्तरी रस
कल्पतरू रस
कामधेनु रस
कृमिकुठार रस
कृमिमुग्दर रस
कफ़चिंतामणि रस
कांकायन बटी
कन्यालोहादि बटी
खैरसार बटी
खदिरादि बटी
गंधक बटी
गंधक रसायन
गर्भपाल रस
गुड़मार बटी
गुल्मकुठार रस
ग्रहणीकपाट रस
ग्रहणी गजेन्द्र
रस
चंद्रप्रभा बटी
चतुर्भुज रस
चंद्रामृत रस
चंदनादि बटी
चंद्रान्शु रस
चतुर्मुख रस
चित्रकादि बटी
चिंतामणि
चतुर्मुख रस
चंद्रकला रस
चिंतामणि रस
चौंसठ प्रहरी
पीपल
जवाहरमोहरा
दंतोद्भेदगदान्तक
रस
हिंगुलेश्वर रस
हृदयार्णव रस
हिंग्वादि बटी,
ज्वरांकुश रस
जयमंगल रस
लघुमालिनी बसंत
रस
लहशुनादि बटी
लवंगादि बटी
लक्ष्मीनारायण रस
लक्ष्मीविलास रस
लक्ष्मीनारायण
रस(नारदीय)
लाई रस
लीलाविलास रस
लोकनाथ रस
मधुमेहनाशिनी बटी
महाज्वरांकुश रस
महाशंख बटी
महामृत्युंजय रस
महावात विध्वंसन
रस
महालक्ष्मी विलास
रस
मकरध्वज बटी
मन्मथाभ्र रस
मूत्रकृच्छान्तक
रस
मरिच्यादि बटी
मृत्युन्जय रस
नृपतिवल्लभ रस
नागार्जुनाभ्र रस
नष्टपुष्पान्तक
रस
नित्यानंद रस
पीयूषवल्ली रस
पूर्ण चंद्र रस
प्रदररिपु रस,
प्रवाल पंचाम्रत
रस
प्रतापलंकेश्वर
रस
प्रमेहगज केशरी
रस
पुष्पधन्वा रस
प्रदरारि रस
प्रदरान्तक रस
रसपीपरी रस
रसराज रस
रामबाण रस
रजःप्रवर्तिनी
बटी,
रसादि रस
रक्तपित्तान्तक
रस
संजीवनी बटी
संशमनी बटी
समीरपन्नग रस
सारिवादि बटी
सर्पगंधाघन बटी
सूतशेखर रस
श्रंगाराभ्र रस
स्मृतिसागर रस
सिद्धप्राणेश्वर
रस
सोमनाथ रस
शिलाजीत बटी,
शिलाजित्वादि बटी
शिलासिंदूर बटी,
शिरःशूलादिवज्र
रस
शिरोवज्र रस
शूलवज्रिणी बटी
शंख बटी
शंकर बटी
शूलगजकेशरी रस
श्वास कुठार रस,
श्वासकास
चिंतामणि रस
शीतांशु रस
शुक्रमात्रिका
बटी
त्रिभुवन कीर्ति
रस
त्रिमूर्ति रस,
त्रैलोक्य
चिंतामणि रस
तारकेश्वर रस
बोलबद्ध रस
ब्राह्मी बटी
वात गजांकुश रस
वातकुलान्तक रस
बसंत कुसुमाकर रस
वृहत वातगजांकुश
रस
वृहत बंगेश्वर रस
विरेचन बटी
वृहत वातचिंतामणि
रस
वृहत
गर्भचिंतामणि रस
वीर्यशोधन बटी
वृद्धिबाधिका बटी
व्योषादि बटी
विषतिंदुक बटी
व्याधिहरण रसायन,
वृहत कामचूड़ामणि
रस
योगेन्द्र रस
अभ्रक भस्म
(साधारण,शतपुटी,सहस्त्रपुटी)
अकीक पिष्टी/भस्म
हजरुलयहूद
भस्म/पिष्टी
गोदन्ती भस्म
जहरमोहरा खताई
भस्म/पिष्टी,
कुक्कुटाण्डत्वक
भस्म
कहरवा पिष्टी
कान्तसार लौह
भस्म
कपर्द(वराटिका)भस्म
कासीस भस्म
लौह भस्में
(तीन
प्रकार)
मण्डूर भस्म
श्रंग भस्म
मुक्ताशुक्ति
भस्म/पिष्टी,
नाग भस्म
प्रवाल
पिष्टी/भस्म
शंख भस्म
शुभ्रा(स्फटिका)
भस्म
स्वर्णमाक्षिक
भस्म
ताम्र भस्म
टंकण भस्म
त्रिबंग भस्म
बंग भस्म
यशद भस्म
कासीस गोदन्ती
भस्म
संगेजराहत भस्म
संगेयेशव
भस्म/पिष्टी
गोमेदमणि
भस्म/पिष्टी
माणिक्य
भस्म/पिष्टी
मुक्ता(मोती)भस्म/पिष्टी
नीलम भस्म/पिष्टी
पुखराज
भस्म/पिष्टी
चांदी(रजत)भस्म
पन्ना(तार्क्ष्य)भस्म/पिष्टी
लाजावर्त
भस्म/पिष्टी
अम्लपित्तान्तक
लौह
चंदनादि लौह
(ज्वर
व प्रमेह)
ताप्यादि लौह
(रजत/बिना
रजत)
धात्री लौह
नवायस लौह
प्रदरारि लौह
प्रदरान्तक लौह
पुनर्नवादि
मण्डूर
विषमज्वरान्तक
लौह
सर्वज्वरहर लौह
सप्तामृत लौह
शिलाजित्वादि लौह
यक्रदप्लीहारि
लौह
रक्तपित्तान्तक
लौह
शोथारि लौह
मेदोहर विडंगादि
लौह
अमृतादि गुग्गुल
आभा गुग्गुल
कांचनार गुग्गुल
कैशोर गुग्गुल,
गोक्षुरादि
गुग्गुल
पुनर्नवादि
गुग्गुल
लाक्षादि गुग्गुल
पंचतिक्तघृत
गुग्गुल
रास्नादि गुग्गुल
सप्तविंशतिको
गुग्गुल
सिंहनाद गुग्गुल,
त्रयोदशांग
गुग्गुल
त्रिफला गुग्गुल
योगराज गुग्गुल
महायोगराज
गुग्गुल
वातारि गुग्गुल,
मेदोहर(नवक)
गुग्गुल
अभ्रक पर्पटी
स्वर्ण पर्पटी
बोल पर्पटी
लौह पर्पटी
प्राणदा पर्पटी
ताम्र पर्पटी
पंचामृत पर्पटी
विजय पर्पटी
रस पर्पटी
शीतल पर्पटी
श्वेत पर्पटी
मकरध्वज
चंद्रोदय
मल्ल सिंदूर
मल्ल चंद्रोदय
रस सिंदूर
शिला सिंदूर
स्वर्णबंग
ताल सिंदूर
रसमाणिक्य,
शिलाजीत(गीला/सूखा)
स्वर्णबंग क्षार
2 आप लोग बोले:
मुझ को हिरदय रोग पी एस वी टी के वारे में और उसके निवारण के बारे में बताने का कास्ट करे
atul196051@yahoo.com
कई युवकों का अनुभव है कि यदि कामुक चिन्तन के बाद लैंगिक अति उत्तेजना हो जाती है और वे मन को अन्य विषय में बदल लेते हैं तथा संभोग या वीर्यपात नहीं करते तो कुछ देर बाद उनके अण्डकोषों में तथा कमर की कुछ नसों में भारी दर्द का अनुभव होने लगता है।
इसका क्या कारण है और निवारण का क्या उपाय है?
एक टिप्पणी भेजें