शनिवार, दिसंबर 06, 2008

सर्वाइकल स्पोन्डिलायटिस हुआ है


आदरणीय डा.साहब,नमस्ते
मैं पिछले कुछ महीनों से गर्दन के पीछे के हिस्से में दर्द व अकड़न महसूस करती हूं। यदि गरदन हिलाने का या घुमाने का प्रयास करती हूं तो दर्द ज्यादा हो जाता है। आपको रिपोर्ट्स भेज रही हूं। बताया गया है कि मुझे सर्वाइकल स्पोन्डिलायटिस हुआ है जबकि एक वैद्य ने मुझे मुख अलग ही नाम बताया था बीमारी का "मनियास्तम्भ" या ऐसा ही कुछ; किंतु मेरे पति ने उनसे इलाज नहीं करवाया कि बिना किसी परीक्षण के क्या ये शक्ल देख कर बीमारी बताएगा,मेरे पति आधुनिक विचारों के हैं। सर्दी के मौसम के कारण शायद ज्यादा तकलीफ़ है। डाक्टर कहते हैं कि गले में पट्टा(कालर) बांधना पड़ेगा। मैं मर जाउंगी लेकिन पट्टा न बंधवाऊंगी। मेरी सहायता करें ताकि आयुर्वेदिक दवा से बीमारी जड़ से समाप्त हो जाए।
अलका रोहिल्ला,आगरा
अलका बहन,आपकी बीमारी को जिस वैद्य ने बताया था वह बिल्कुल सही है उसे आयुर्वेद में "मन्यास्तम्भ" और आधुनिक चिकित्सा में सर्वाइकल स्पोन्डिलायटिस ही कहते हैं,आधुनिकता में आकर अपनी पारंपरिक चिकित्सा का अनादर करना सही नहीं है। लीजिये मैं भी आपको वैसा ही इलाज बता रहा हूं जैसा कि शायद वो वैद्य जी बताते।
१ . धतूरे के बीज १२ ग्राम + रेवंदचीनी ८ ग्राम + सोंठ ७ ग्राम + गर्म तवे पर फ़ुलाई हुई सफ़ेद फिटकरी ६ ग्राम + इसी तरह फ़ुलाया हुआ सुहागा ६ ग्राम + बबूल का गोंद ६ ग्राम इन सब औषधियों को बारीक पीस लें और धतूरे के पत्तों के रस से गीला करके उड़द के दाने के (१२५ मिलीग्राम) बराबर गोलियां बना लीजिए। इस गोली को दिन में केवल एक बार गर्म जल से लीजिये दोपहर का भोजन करने के बाद ही लें काली पेट दवा हरगिज न लें।
वातगजांकुश रस १ गोली दिन में दो बार सुबह-शाम दशमूल क्वाथ के दो चम्मच के साथ लें।
३. आभादि गुग्गुलु १ गोली दिन में दो बार सुबह-शाम रास्नादि क्वाथ के दो चम्मच के साथ लें।
४. महामाष तेल की तीन-तीन बूंदे दोनो कानों व नाक में सुबह-शाम डालिये।
तीखे भोजन से सख्त परहेज करिये। आपकी समस्या मात्र एक माह में किधर गायब हो जाएगी आपको आश्चर्य होगा और पहले ही दिन से लाभ प्रतीत होन लगेगा।


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