बुधवार, मार्च 18, 2009

गर्भाशय अपने स्थान से खिसक कर नीचे आ गया है

hamari wife ki age 40 saal hai. ultrasound karane per malum huaa ki garbhsya (uteras) apni jagahse khiskkar neeche aa gaya hai aour mutrasya bhi neche aa gaya hai .sir koi aurvedic upchar batye.
dinesh dubey
दिनेश भाईसाहब जैसा कि आपने लिखा है कि गर्भाशय अपने स्थान से खिसक कर नीचे आ गया है और मूत्राशय भी नीचे आ गया है तो आपको बताउं कि अभी हाल ही में मेरे पास आयी एक बहन की हालत तो इसी बीमारी में इतनी भयंकर थी कि गर्भाशय का काफ़ी अंग योनि से बाहर आ गया था जिसे वह हाथ से अंदर धकेल लिया करती थी लेकिन बहुत कष्ट था। आप परेशान न हों आयुर्वेद में इसे गर्भाशय भ्रंश कहते हैं आप उन्हें निम्न उपचार दें-
१ . अशोक घनसत्व २० ग्राम + संगजराहत भस्म २० ग्राम + कुक्कुटाण्डत्वक भस्म १० ग्राम + लौह भस्म ५ ग्राम + बंग भस्म ५ ग्राम ; इन सबको मिला कर इनकी कुल साठ पुडि़या बना लीजिये। सुबह शाम एक - एक पुड़िया शहद के साथ चटा दीजिये।
२ . माजूफल १०० ग्राम + अश्वगंधा ५० ग्राम + आंवला ५० ग्राम + भुनी हुई फिटकरी २५ ग्राम + बबूल का गोंद २५ ग्राम मिला कर पीस लीजिये व सुबह-शाम तीन ग्राम की मात्रा भोजन के बाद पानी से दीजिये।
३ . पत्रांगासव २ चम्मच + अशोकारिष्ट २ चम्मच + अश्वगंधारिष्ट २ चम्मच को मिला कर बराबर पानी मिला कर दिन में दो बार भोजन के बाद दीजिये।
४ . योनि व मूत्र स्थान को फिटकरी के पानी से धो कर काशीशादि तेल दिन में दो-तीन बार लगा लिया करें ।

0 आप लोग बोले: