आदरणीय डाक्टर साहब,
नमस्ते
मैं आपसे आज पथरी के दो रोगीयों के बारे में इलाज जानना चाहता हूँ एक तो मेरे मामा जी है जिनकी उम्र लगभग 40 वर्ष है उन्हे गुर्दे में पथरी रहती है वह तीन- चार बार पथरी के लिए आप्रेशन करवा चूके हैं परन्तु उनको अब फिर पथरी हो गई है ऐसे ही मेरी बहन की बेटी हैं (भांजी) इसकी उम्र 10 वर्ष के लगभग है उसे बलैडर में पथरी हो गई । तो उसके लिए ईलाज क्या करें । धन्यवाद सहित ।
आपका आभारी
नवीन गुप्ता, मोहाली
प्रिय नवीन भाईसाहब
पहले आपके मामाजी के बारे में लिखता हूं। जैसा कि आपने बताया कि वे तीन-चार बार शल्य चिकित्सा करवा चुके हैं किंतु फिर से पथरी हो जाती है। ऐसी स्थिति में आवश्यक है कि जाना जाए कि मूल कारण क्या है, संभव है कि उनके खानपान की आदतें ऐसी हों जो कि बार-बार पथरी बन जाती है अथवा गुर्दे ही इस स्थिति में हों कि सम्यक कार्य न कर पा रहे हों। जो दवाएं लिख रहा हूं उन्हें लगातार छह माह तक सेवन कराइये।
१ . बहुत तेज दर्द होने पर ही ये दवाएं दीजिये किंतु घर पर अवश्य रखिये क्योंकि कब तेज दर्द होने लगेगा ये तो पता नहीं रहता है। शूलवज्रिणी वटी १ गोली + महाशूलहर रस १ गोली शहद से चटा दें और उसके ऊपर से तुरंत ही पच्चीस बूंद अहिफेनासव बराबर हल्के गर्म पानी में मिला कर पिला दें, दर्द में जल्दी ही राहत मिलेगी।
२ .हजरुलयहूद भस्म १० ग्राम + शुभ्रा भस्म १० ग्राम + जवाखार १० ग्राम + सुहागा १० ग्राम + कलमी शोरा १० ग्राम +नवसादर १० ग्राम + सफ़ेद जीरा १० ग्राम + बड़ी इलायची के बीज १० ग्राम + कबाब चीनी १० ग्राम इन सभी दवाओं को एकत्र कर बहुत कस कर घॊंट लीजिये और फिर इस मिश्रण में से दो ग्राम की मात्रा लेकर सुबह- शाम गोक्षुरादि क्वाथ के दो चम्मच से सेवन करें।
इन दवाओं के सेवन से उनकी समस्या हमेशा के लिये समाप्त हो जाएगी।
अब आपकी भांजी के बारे में बताता हूं।
बहुत तेज दर्द होने की स्थिति में उसे ये दवा दें।
१ . शूलवज्रिणी वटी आधी गोली + महाशूलहर रस आधी गोली + वृक्कशूलान्तक रस आधी गोली तीनों को मिला कर एक खुराक बनाएं व शहद से चटा दें और उसके ऊपर से तुरंत ही पंद्रह बूंद अहिफेनासव बराबर हल्के गर्म पानी में मिला कर पिला दें।
२ . बच्ची को सुबह नाश्ता तथा दोपहर का भोजन करा दें, इसके बाद उसे कुछ खाने को न दें बस प्यास लगने पर पानी दे सकते हैं। रात में सात बजे के आस पास उसे चार छोटे चम्मच शुद्ध जैतून का तेल पिलाएं फिर पंद्रह मिनट बाद एक चम्मच नींबू का रस पिलाएं। इसी तरह से बारी बारी से चार छोटे चम्मच शुद्ध जैतून का तेल पिलाएं फिर पंद्रह मिनट बाद एक चम्मच नींबू का रस पिलाएं जब लगभग सौ मिलीलीटर तक तेल पी ले तो बंद कर दें(कई बार रोगी ५० मिली. ही पी पाता है और उल्टी करने लगता है इस बात से परेशान न हों)। यही क्रम आप लगभग सात दिन तक चलाएं।
३ . कुटकी चार ग्राम + शंख भस्म १ ग्राम + मंडूर भस्म १ ग्राम में २० मिली गोमूत्र + २० मिली पुनर्नवासव + २० मिली मकोय का रस मिलाएं और कस कर घॊंट लें ताकि सूख कर गोली बनने लायक हो जाए इस की १२५ मिग्रा. की गोलियां बना कर धूप में सुखा लीजिये व एक एक गोली पानी के साथ सुबह नाश्ते के बाद रोज दीजिये।
यह उपचार मात्र पंद्रह दिन कर लेने से गाल-ब्लेडर की पथरी से मुक्ति मिल जाएगी। यदि पथरी यूरिन-ब्लैडर में है तो मामा जी को बतायी दवाएं बच्ची की उम्र के अनुसार आधी मात्रा में दीजिये। एक माह बाद एक्स-रे परीक्षण या सोनोग्राफ़ी करवा कर देख लीजिये, शत-प्रतिशत आराम आ जाएगा। यह दवाएं हजारों रोगियों को लाभ दे चुकी हैं अनुभूत हैं।
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कुछ सुझाव
गुरुवार, नवंबर 06, 2008
पथरी के दो केस
Published :
11/06/2008 06:53:00 am
Author :
डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)
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