मेरी पत्नी को इन समस्याओं के चलते मैंने अस्पताल में दिखाया वहां एडमिट भी रखा गया पर जब कुछ दिन बाद घर आयी तो फिर सब वैसा ही होने लगा है। उपाय बताएं -
मुख्य लक्षण
(1) बुखार-107/105 (2) पेट में जलन के साथ दांयी तरफ़ दर्द (3) सिर व आंख में दर्द (4) हड्डियों में दर्द (5)उल्टी आती है (6) मासिक धर्म की गड़बड़ी
BLOOD REPORT
NE EPI CELL--2/3
FC--5700
HB--9.5
ESR--18
PCV--31
PLATELET COUNT--19
P-68 L-30 E-2
HIV--NEG.
MP--NEG.
FBS--93
URER--20
CRERT--0.9
SR BILL--1.3
SUPT--18
SUOT--30
दी गई दवाएं
(A)--CHOLOROQUINE PHOSPHATE 250mg
(B)--PROCHLORPERAZINE MALEATE I.P. 5mg
(C)RANITIDINE
(D)--PHENIRAMINE MALEATE I.P.25mg
(E)--ANEMIDOX( capsule of vitamins with iron)
(F)--MALA--N
सौरभ अस्थाना,मुंबई
प्रिय सौरभ, आपने जो रिपोर्ट साथ में भेजी है व टेलीफोन पर बात करी है उस आधार पर बहू को निम्न उपचार दें औषधियां लिख रहा हूं, यह वात पैत्तिक विकार की उपस्थिति है -
१ . सर्वज्वर हर लौह ( यह सामान्य व स्वर्णमिश्रित दो प्रकार का आता है किंतु स्वर्ण मिश्रित योग मंहगे होते है व आपातकालीन स्थिति में प्रयोग करे जाते हैं अतः अभी सामान्य ही योग लें) एक गोली + गिलोय सत्त्व दो रत्ती(२५० मिग्रा.) को अमृतारिष्ट के दो चम्मच के साथ दिन में तीन बार दें।
२ . मकरध्वज बटी एक गोली सुबह-शाम भोजन के बाद मिश्री मिले दूध के साथ दें ताकि रोग के कारण आयी व विटामिनों की कमी से आयी कमजोरी दूर हो जाए।
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कुछ सुझाव
शनिवार, नवंबर 22, 2008
बुखार की भयंकर स्थिति बार-बार आ जाती है
Published :
11/22/2008 11:18:00 pm
Author :
डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)
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भस्म/पिष्टी
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लौह
चंदनादि लौह
(ज्वर
व प्रमेह)
ताप्यादि लौह
(रजत/बिना
रजत)
धात्री लौह
नवायस लौह
प्रदरारि लौह
प्रदरान्तक लौह
पुनर्नवादि
मण्डूर
विषमज्वरान्तक
लौह
सर्वज्वरहर लौह
सप्तामृत लौह
शिलाजित्वादि लौह
यक्रदप्लीहारि
लौह
रक्तपित्तान्तक
लौह
शोथारि लौह
मेदोहर विडंगादि
लौह
अमृतादि गुग्गुल
आभा गुग्गुल
कांचनार गुग्गुल
कैशोर गुग्गुल,
गोक्षुरादि
गुग्गुल
पुनर्नवादि
गुग्गुल
लाक्षादि गुग्गुल
पंचतिक्तघृत
गुग्गुल
रास्नादि गुग्गुल
सप्तविंशतिको
गुग्गुल
सिंहनाद गुग्गुल,
त्रयोदशांग
गुग्गुल
त्रिफला गुग्गुल
योगराज गुग्गुल
महायोगराज
गुग्गुल
वातारि गुग्गुल,
मेदोहर(नवक)
गुग्गुल
अभ्रक पर्पटी
स्वर्ण पर्पटी
बोल पर्पटी
लौह पर्पटी
प्राणदा पर्पटी
ताम्र पर्पटी
पंचामृत पर्पटी
विजय पर्पटी
रस पर्पटी
शीतल पर्पटी
श्वेत पर्पटी
मकरध्वज
चंद्रोदय
मल्ल सिंदूर
मल्ल चंद्रोदय
रस सिंदूर
शिला सिंदूर
स्वर्णबंग
ताल सिंदूर
रसमाणिक्य,
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