प्रिय डाक्टर साहिब,
नमस्कार ।
मैंने आप से पहले पत्र के माध्यम से अपनी बिमारी के बारे में जानकारी ली थी और आपने जो दवा जैसे लेने को कहा मैंने वैसे उसे लेना शुरू कर दिया । लगभग मुझे वह दवा लेते हुए डेढ महीना हो चला है । यह दवा बहुत मंहगी पड़ रही है परन्तु इससे मुझे फायदा तो हुआ है कृपया मैं आपसे इससे कोई सस्ता विकल्प जानना चाहता हूँ । और मैं अपने एक परिचित के बेटे की बिमारी के बारे में जानकारी लेना चाहता हूँ वह जन्म से थोड़ा सा मंदबुद्धि है उसकी उम्र 5 वर्ष से ऊपर है । वह स्कूल में नर्सरी स्टैंर्ड में पढ़ता है । और साफ नहीं बोल पाता है । कृपया आप इसके बारे में बतायें कि हम कौन सा इलाज करें ।
धन्यवाद सहित ।
आपका आभारी
नवीन कुमार गुप्ता
The doctors called this diseases "MYELITIES".
Dear Sir,My name is Naveen Gupta and I live in Kharar (Punjab) Near Chandigarh, I read your website Aayushved.On Oct. 28, 2007 , suddenly I felt pain in my back(spinal cord i.e. lumber area). then after few hours , the full area below stomach(i.e. both legs, urine and stool passing) stopped working means legs were not taking the weight and I was enable to move and urine and stools passing was not in control. Then I got the allopathic treatment from Chandigarh( Neuron Surgeon). The doctors called this diseases "MYELITIES". At that time only, I came to know that I am diabetic patient also. Earlier I was completely on wheel chair, Then I have taken some ayurvedic medicines(Vatchintamani Ras, Yoginder Ras with Honey and two time Massage with Dabur Lal Tail mixed with Ajvain, Affim, Mushak Kapur) due to which I started walking with the help of Stick. No doubt, There is a great improvement but, still I cannot walk properly like a normal man. There is a major problem in my left leg ( I feel as if there is a strain and sprain in left thigh).
Please tell me the best treatment for my problem.ThanksNaveen Kumar GuptaH.No 3323, W.No-9,Kharar(Punjab)-140301Naveenkhoney@hotmail.comAkshitnaveen@yahoo.co.inMobile 9888169656
नवीन जी आपकी समस्या को समझा और इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि अब आपको योगेन्द्र रस का सेवन बंद कर देना चाहिये तथा वृहत वात चिन्तामणि रस एक-एक गोली दिन में तीन बार दूध के साथ लें। महानारायण तेल की पांच मिली तेल का दिन में एक बार (बस्ति)एनिमा लें,यह काम करने के लिये आप नित्य कर्म से फारिग हो कर नाश्ता करने के बाद एक 10 ML वाली डिस्पोजेबल सिरिंज ले लीजिये व उसमें निडिल न लगाएं तथा ५ मिली तेल को गुदा मार्ग से अंदर ले लीजिये।
नवीन जी आपने लिखा है कि दवा का सस्ता विकल्प बता दूं, इस बारे में कहना चाहता हूं कि आयुषवेद की तरफ से अनेकों रोगियों के ऐसा बताने पर कि दवाएं बाजार से मंहगी पड़ती हैं यह निवेदन करा गया कि आयुषवेद ही दवाएं उपलब्ध कराए। इसलिये सूचित करना है कि सेवाभावी आयुषवेद दल ने स्वयं ही दवाएं बना कर मात्र लागत मूल्य व पोस्टेज पर मरीजों को भेजने का प्रबंध ईश्वर की दया से अब कर लिया है इसलिये मेहरबानी करके सूचित करें कि आप दवा किस मूल्य से खरीद रहे हैं आशा है कि वह लागत मूल्य से कहीं बहुत ज्यादा होती है। दवा मंगाने हेतु आप अपना पोस्टल एड्रेस व मोबाइल नंबर(यदि हो तो) देना न भूलें। याद रखिये कि यह कोई व्यवसाय नहीं मात्र रोगियों की सेवा हेतु चलाया गया उपक्रम है अतः फायदा-नुकसान जैसे विषय से दूर रखा गया है। दूसरी बात कि आपने बच्चे के बारे में लिखा है कि वह मंदबुद्धि है तो क्या कोई परीक्षण कराया है या बस अनुभव मात्र से बता रहे हैं? बच्चे को अष्टमंगलघृत आधा चम्मच गाय के दूध के साथ सुबह-शाम दीजिये तथा सुबह-दोपहर-शाम को एक-एक गोली ब्राह्मी बटी सारस्वतारिष्ट के दो चम्मच के साथ दीजिये,खाली पेट न दें।
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