सोमवार, अक्तूबर 27, 2008

पटाखों के धुंए से भयंकर परेशानी होती है



डा.साहब प्रणाम,मेरी बेटी १३ साल की है और जब भी दीवाली का त्योहार आता है तो सारी दुनिया खुश होती है लेकिन जब भी दीवाली का त्योहार आता है मेरी इकलौती बेटी को बहुत कष्ट हो जाता है। उसे पटाखों के धुंए से भयंकर परेशानी होती है, उसे दमा जैसा दौरा पड़ने लगता है और खांसी आती है, नाक बहने लगती है, पसलियों में दर्द और बुखार हो जाता है यानि कि हर बार दीवाली के अगले दिन ही हमें अस्पताल भागना पड़ता है जिस कारण हमारे लिये ये त्योहार बुरे सपने जैसा लगता है। यदि हम किसी को पटाखे चलाने से रोकूं तो लोग कहेंगे कि मैं परंपराओं का विरोध कर रहा हूं हमारा दुःख कोई नहीं समझता है। मेहरबानी करके आप हमारी मदद करें और हमारी बेटी को इस परेशानी से मुक्त कराएं।
संजय जागीरदार,दमण
संजय जी, मैं आपकी परेशानी को समझ रहा हूं । लोग परंपराओं के नाम पर आजकल त्योहारों पर जो कुछ भी करते हैं वह भले ही आपके लिये कष्टप्रद है किंतु आप किस किस को समझाएंगे, मेरी भी यही पीड़ा है। खैर आप अब चिन्ता न करें आप अपनी बेटी के लिये निम्न दवाएं ले आइये अस्पताल जाने की स्थिति हरगिज न आयेगी और यदि आपने छह माद लगातार दवाएं दी तो अगली दीवाली पर आपको परेशानी न होगी।
१ . दशमूल का क्वाथ सुबह - शाम एक-एक चम्मच दें।
२ . दो चुटकी हरड़ का चूर्ण चटा कर ऊपर से अगस्त्य हरीतकी अवलेह एक-एक चम्मच चटाइये।
३ . आधा ग्राम समशर्कर चूर्ण सुबह-शाम चाटने को दें।
इन दवाओं को आज ही ले आइये ताकि बच्ची को तकलीफ़ न हो और दीवाली का पर्व सुख से बीते।


1 आप लोग बोले:

बेनामी ने कहा…

sir namaskar, meri 13 sal ki beti ke chehre par or harir par kaphi bal hai .mere nahi hai ,sir kya ye htaye ja sakte hai ,bachchi badi ho rahi hai or wax karne ke liye pareshan karti hai,sir koi aayurvaidik nuskha ho to btane ki kripa kare