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शनिवार, मार्च 10, 2012

हाथी पाँव की समस्या

डाँक्टर साहब,मुझे करीब तीन साल से हाथी पाँव (Left पैर मे)की समस्या है।मेरी उम्र 58 साल है।करीब तीन डाँक्टरो को दिखा चुका हु लेकीन कोई फायदा नही है।Left पैर मे काफी सुजन रहती है लेकीन कोई दर्द नही होता है और मे चल भी सकता हु।
आपसे निवेदन है की कोई तत्काल लाभ देने वाला आयुर्वेदिक उपचार बताईये खर्च कितना भी हो दवा महँगी भी हो तो चलेगा मे खरीद सकता हु।
सोहन लाल शर्मा पीसाँगन (अजमेर) 

प्रिय शर्मा जी आपकी परेशानी को देखा और समझा, एक बात आपको साफ़ बता देना सही मानता हूँ कि आप यदि ऐसा समझ रहे हैं कि कई साल की समस्या कुछेक दवाएं खाने से जादू से छू मंतर हो सकती हैं तो ये गलत है | आपको धैर्य पूर्वक दवाएं लेनी होंगी |  दवा के सस्ते या मंहगे होने से उसके गुणों पर कोई असर नहीं पड़ता है यदि धन से ही स्वास्थ्य ख़रीदा जा सकता तो कोई भी अमीर आदमी कभी बीमार ही नहीं होता | निम्न दवाएं नियमित रूप से लीजिये | यदि कोई दवा न मिले तो हमें बताइए |



१ . नित्यानन्द रस १ गोली + श्लीपदगजकेसरी वटी १ गोली + आरोग्यवर्धिनी १ गोली ,इन तीनों गोलियों को सुबह नाश्ते के बाद तथा रात में भोजन के आधे घंटे बाद ले लें । इस दवा को लाभ हो जाने के बाद भी लगातार तीन माह पूरे हो जाने तक जारी रखियेगा ।
२ . रात को सोने से पहले मेदोहर विडंगादि लौह की दो गोलियां गुनगुने जल से लें तथा यह भी तीन माह जारी रखियेगा ।
३ . सोंठ + छोटी पीपर(लेंडी पीपर या पिप्पली) + त्रिफला चूर्ण को बराबर वजन में सरसों के तेल में मिला कर लेप बना लें और प्रभावित अंगों पर लगाएं ।
४ . वृद्धिबाधिका बटी १-१ गोली सुबह शाम खाली पेट लिया करें ।


बुधवार, मार्च 07, 2012

क्या आप निम्न सेक्स समस्याओं से परेशान हैं?

क्या आप निम्न सेक्स समस्याओं से परेशान हैं?
. लिंग का आकार आदि सामान्य होने के बावजूद भी सेक्स की इच्छा ही न होना जिस कारण संगिनी का कुंठित व्यवहार आपके सामने आ रहा है या अकारण पत्नी झिड़कियाँ दे रही है?
. सेक्स करते-करते बीच में ही उत्तेजना समाप्त होकर लिंग का बिना वीर्य निकले ही ढीला पड़ जाना और पत्नी का असंतुष्ट रह जाना?
. सेक्स क्रिया शुरू करते ही वीर्य निकल जाना और पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़े?
. एक बार यदि सेक्स कर लिया तो कई-कई दिनों तक लिंग में सेक्स करने लायक उत्तेजना का ही न आना जिस कारण यदि पत्नी कमउम्र है तो अकारण काम का बहाना करना पड़ता है?
. वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, वीर्य का पानी की तरह पतला होना?
. सेक्स के बाद भयंकर कमजोरी महसूस होना जैसे बरसों से बीमार हों?
. लिंग में सेक्स करने लायक कठोरता का न आना और इच्छा होने पर भी थोड़ा सा उत्तेजित होकर पिलपिला बना रहना?
. जवानी शुरू होते ही हस्तमैथुन करके वीर्य का सत्यानाश करा और लिंग को भी बीमार बना डाला है?
. सेक्स के दौरान दम फूलने लगना जैसे अस्थमा का दौरा पड़ गया हो?
ऐसी तमाम समस्याएं हैं जिनके कारण वैवाहिक जीवन का सत्यानाश होता रहता है और कई बार तो साथी के कदम बहक जाने से परिवार तक टूट जाते हैं। ऐसे में पति बाजारू दवाओं का सेवन करके या नीम-हकीमों के चक्कर में अपनी मेहनत का पैसा लुटाते रहते हैं लेकिन ऐसी दवाओं से स्थायी समाधान हाथ नहीं आकर बस कुछ देर के लाभ का छलावा महसूस होता है। ऐसे में चाहिये कि शरीर का भली प्रकार पोषण करके शक्ति प्रदान करने वाली औषधि आपके पास हों न कि क्षणिक उत्तेजना देकर आँखों, किडनी व मस्तिष्क यानि दिमाग का नाश करे । आयुषवेद ने गहन अध्ययन और अनुभव के बाद एक परिपूर्ण सेट डिजाइन करा है जो कि शरीर की समस्त आवश्यकताओं को पूरा कर न सिर्फ़ कमजोरी दूर करता है बल्कि अतिरिक्त काम-क्षमता( सेक्स पावर) भी प्रदान करता है। आयुषवेद परिवार चूंकि इन दवाओं पर लाखों रुपये दिखावा करने वाले विज्ञापनों में खर्च नहीं करता है इसलिये मूल्य में हमें बाजारू दवाओं से अत्यंत कम दाम पर औषधि तैयार करने का मौका मिलता है। आयुषवेद परिवार सिर्फ़ मरीजों की जरूरत भर की दवाएं बनाता है हम कोई व्यापारिक उत्पादन नहीं करते हैं इसलिये सिर्फ़ आवश्यकता पर ही दवाएं मंगवाएं न कि बेचने के लिये। हम सिर्फ़ उतना ही पैसा लेते हैं जितना कि दवा के निर्माण में तथा आपको स्पीड पोस्ट से भेजने में खर्च आता है।
इस सेट में निम्नलिखित औषधियाँ हैं ---
कैप्सूल : स्वर्ण वर्क, हीरा भस्म, माणिक्य पिष्टी, पन्ना पिष्टी प्रत्येक .१५ मिग्रा.
         नागभस्म, कज्जली, चाँदी वर्क, अभ्रक भस्म प्रत्येक १.३५ मिग्रा
         तालमखाना, सालम मिश्री, लौंग, केसर, सौंठ, जायफल, जावित्री, विजया बीज, कौंच     बीज, दालचीनी, तेजपत्र, छोटी इलायची, अकरकरा, सफ़ेद जीरा, खुरासानी अजवायन, पीपर, रूमी मस्तंगी, मालकांगनी, शुद्ध धत्तूर बीज, शुद्ध वत्सनाभ, सफ़ेद मूसली, शुद्ध शिलाजीत, लाल बहमन प्रत्येक ४ मिग्रा.
टैबलेट : त्रिबंग भस्म, मुक्ताशुक्ति भस्म, कज्जली, अभ्रक भस्म, लोह भस्म, ताम्र भस्म, चाँदी भस्म, स्वर्ण वर्क, शुद्ध हिंगुल, शुद्ध हरताल, वैक्रान्त भस्म, शुद्ध कुचला, शुद्ध वत्सनाभ, विजया बीज, शुद्ध शिलाजीत, तोदरी, अश्वगंधा, शतावर, काला जीरा, सफ़ेद जीरा, केसर, जायफल, जावित्री, विदारीकंद, छोटी इलायची, सफ़ेद मिर्च, अकरकरा, दालचीनी, पीपर, सफ़ेद मूसली, काली मूसली, खुरासानी अजवायन, लौंग, सौंठ, वंशलोचन, जुन्दबेदस्त, गोखरू, सालमपंजा, मालकांगनी, काले तिल, मुलहठी
बसंत कुसुमाकर रस(विशेष-स्वानुभूत) : स्वर्ण तथा मोती से युक्त ये औषधि भी टैबलेट के रूप में है लेकिन इस शास्त्रोक्त औषधि को आयुषवेद परिवार ने अपने गहन अनुभवों के आधार पर विशेष कामशक्ति वर्धक औषधियों से भावना देकर तैयार करा है ताकि इस अत्यंत शक्तिशाली औषधि का प्रभाव कई गुना बढ़ सके।
मलहम(ऑइन्टमेंट) : मालकांगनी के तेल तथा अश्वगंधा के साथ लिंग को लौहलठ, पुष्ट तथा बलिष्ठ बनाने के लिये अनुभूत औषधियों के मेल से बना यह मलहम लिंग पर लगाने के लिये है।
इन चारों औषधियों के बने सेट को कुछ समय तक सेवन से स्थायी प्रभाव मिलता है। इसके प्रभाव से आप पिछली गलतियों को सुधार सकते हैं और नए जीवन की सफलता से शुरूआत कर सकते हैं।

सोमवार, मार्च 05, 2012

शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय


21. ढाकः- ढाक के 100 ग्राम गोंद को तवे पर भून लें। फिर 100 ग्राम तालमखानों को घी के साथ भूनें। उसके बाद दोनों को बारीक काटकर आधा चम्मच सुबह और शाम को दूध के साथ खाना खाने के दो-तीन घंटे पहले ही इसका सेवन करें। इसके कुछ ही दिनों के बाद वीर्य का पतलापन दूर होता है तथा सेक्स क्षमता में बहुत अधिक रुप से वृद्धि होती है।
• 22. जायफलः- 15 ग्राम जायफल, 20 ग्राम हिंगुल भस्म, 5 ग्राम अकरकरा और 10 ग्राम केसर को मिलाकर बारीक पीस लें। इसके बाद इसमें शहद मिलाकर इमामदस्ते में घोटें। उसके बाद चने के बराबर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। रोजाना रात को सोने से 2 पहले 2 गोलियां गाढ़े दूध के साथ सेवन करें। इससे शिश्न (लिंग) का ढ़ीलापन दूर होता है तथा नामर्दी दूर हो जाती है।
• 23. इलायचीः- इलायची के दानों का चूर्ण 2 ग्राम, जावित्री का चूर्ण 1 ग्राम, बादाम के 5 पीस और मिश्री 10 ग्राम ले लें। बादाम को रात के समय पानी में भिगोकर रख दें। सुबह के वक्त उसे पीसकर पेस्ट की तरह बना लें। फिर उसमें अन्य पदार्थ मिलाकर तथा दो चम्मच मक्खन मिलाकर विस्तार रुप से रोजाना सुबह के वक्त इसको सेवन करें। यह वीर्य को बढ़ाता है तथा शरीर में ताकत लाकर सेक्स शक्ति को बढ़ाता है।
• 24. सेबः- एक अच्छा सा बड़े आकार का सेब ले लीजिए। इसमें हो सके जितनी ज्यादा से ज्यादा लौंग चुभाकर अंदर तक डाल दीजिए। इसी तरह का एक अच्छा सा बड़े आकार का नींबू ले लीजिए। इसमें जितनी ज्यादा से ज्यादा हो सके, लौंग चुभाकर अंदर तक डाल दीजिए। दोनों फलों को एक सप्ताह तक किसी बर्तन में ढककर रख दीजिए। एक सप्ताह बाद दोनों फलों में से लौंग निकालकर अलग-अलग शीशी में भरकर रख लें। पहले दिन नींबू वाले दो लौंग को बारीक कूटकर बकरी के दूध के साथ सेवन करें। इस तरह से बदल-बदलकर 40 दिनों तक 2-2 लौंग खाएं। यह एक तरह से सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाला एक बहुत ही सरल उपाय है।
• 25. अजवायनः- 100 ग्राम अजवायन को सफेद प्याज के रस में भिगोकर सुखा लें। सूखने के बाद उसे फिर से प्याज के रस में गीला करके सुखा लें। इस तरह से तीन बार करें। उसके बाद इसे कूटकर किसी शीशी में भरकर रख लें। आधा चम्मच इस चूर्ण को एक चम्मच पिसी हुई मिश्री के साथ मिलाकर खा जाएं। फिर ऊपर से हल्का गर्म दूध पी लें। करीब-करीब एक महीने तक इस मिश्रण का उपयोग करें। इस दौरान संभोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। यह सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाला सबसे अच्छा उपाय है।


रविवार, मार्च 04, 2012

शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय

11. छुहारेः- चार-पांच छुहारे, दो-तीन काजू तथा दो बादाम को 300 ग्राम दूध में खूब अच्छी तरह से उबालकर तथा पकाकर दो चम्मच मिश्री मिलाकर रोजाना रात को सोते समय लेना चाहिए। इससे यौन इच्छा और काम करने की शक्ति बढ़ती है।
• 12. उंटगन के बीजः- 6 ग्राम उंटगन के बीज, 6 ग्राम तालमखाना तथा 6 ग्राम गोखरू को समान मात्रा में लेकर आधा लीटर दूध में मिलाकर पकाएं। यह मिश्रण लगभग आधा रह जाने पर इसे उतारकर ठंडा हो जाने दें। इसे रोजाना 21 दिनों तक समय अनुसार लेते रहें। इससे नपुंसकता (नामर्दी) रोग दूर हो जाता है।
• 13. तुलसीः- आधा ग्राम तुलसी के बीज तथा 5 ग्राम पुराने गुड़ को बंगाली पान पर रखकर अच्छी तरह से चबा-चबाकर खाएं। इस मिश्रण को विस्तारपूर्वक 40 दिनों तक लेने से वीर्य बलवान बनता है, संभोग करने की इच्छा तेज हो जाती है और नपुंसकता जैसे रोग भी दूर हो जाते हैं।
• 14. गोखरूः- सूखा आंवला, गोखरू, कौंच के बीज, सफेद मूसली और गुडुची सत्व- इन पांचो पदार्थों को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। एक चम्मच देशी घी और एक चम्मच मिश्री में एक चम्मच चूर्ण मिलाकर रात को सोते समय इस मिश्रण को लें। इसके बाद एक गिलास गर्म दूध पी लें। इस चूर्ण से सेक्स कार्य में अत्यंत शक्ति आती है।
• 15. सफेद मूसलीः- सालम मिश्री, तालमखाना, सफेद मूसली, कौंच के बीज, गोखरू तथा ईसबगोल- इन सबको समान मात्रा में मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें। इस एक चम्मच चूर्ण में मिश्री मिलाकर सुबह-शाम दूध के साथ पीना चाहिए। यह वीर्य को ताकतवर बनाता है तथा सेक्स शक्ति में अधिकता लाता है।
• 16. हल्दीः- वीर्य अधिक पतला होने पर 1 चम्मच शहद में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर रोजाना सुबह के समय खाली पेट सेवन करना चाहिए। इसका विस्तृत रुप से इस्तेमाल करने से संभोग करने की शक्ति बढ़ जाती है।
• 17. उड़द की दालः- आधा चम्मच उड़द की दाल और कौंच की दो-तीन कोमल कली को बारीक पीसकर सुबह तथा शाम को लेना चाहिए। यह उपाय काफी फायदेमंद है। इस नुस्खे को रोजाना लेने से सेक्स करने की ताकत बढ़ जाती है।
• 18. जायफलः- जायफल 10 ग्राम, लौंग 10 ग्राम, चंद्रोदय 10 ग्राम, कपूर 10 ग्राम और कस्तूरी 6 ग्राम को कूट-पीसकर इस मिश्रण के चूर्ण की 60 खुराक बना लें। इसमें से एक खुराक को पान के पत्ते पर रखकर धीरे-धीरे से चबाते रहें। जब मुंह में खूब रस जमा हो जाए तो इस रस को थूके नहीं बल्कि पी जाएं। इसके बाद थोड़ी सी मलाई का इस्तेमाल करें। यह चूर्ण रोजाना लेने से नपुंसकता जैसे रोग दूर होते हैं तथा सेक्स शक्ति में वृद्धि होती है।
• 19. शंखपुष्पीः- शंखपुष्पी 100 ग्राम, ब्राह्नी 100 ग्राम, असंगध 50 ग्राम, तज 50 ग्राम, मुलहठी 50 ग्राम, शतावर 50 ग्राम, विधारा 50 ग्राम तथा शक्कर 450 ग्राम को बारीक कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर एक-एक चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम को लेना चाहिए। इस चूर्ण को तीन महीनों तक रोजाना सेवन करने से नाईट-फाल (स्वप्न दोष), वीर्य की कमजोरी तथा नामर्दी आदि रोग समाप्त होकर सेक्स शक्ति में ताकत आती है।
• 20. गाजरः- 1 किलो गाजर, चीनी 400 ग्राम, खोआ 250 ग्राम, दूध 500 ग्राम, कद्यूकस किया हुआ नारियल 10 ग्राम, किशमिश 10 ग्राम, काजू बारीक कटे हुए 10-15 पीस, एक चांदी का वर्क और 4 चम्मच देशी घी ले लें। गाजर को कद्यूकस करके कडा़ही में डालकर पकाएं। पानी के सूख जाने पर इसमें दूध, खोआ और चीनी डाल दें तथा इसे चम्मच से चलाते रहें। जब यह सारा मिश्रण गाढ़ा होने को हो तो इसमें नारियल, किशमिश, बादाम और काजू डाल दें। जब यह पदार्थ गाढ़ा हो जाए तो थाली में देशी घी लगाकर हलवे को थाली पर निकालें और ऊपर से चांदी का वर्क लगा दें। इस हलवे को चार-चार चम्मच सुबह और शाम खाकर ऊपर से दूध पीना चाहिए। यह वीर्यशक्ति बढ़ाकार शरीर को मजबूत रखता है। इससे सेक्स शक्ति भी बढ़ती है।


शनिवार, मार्च 03, 2012

शक्ति को बढ़ाने वाले घरेलू उपाय


• 1. आंवलाः- 2 चम्मच आंवला के रस में एक छोटा चम्मच सूखे आंवले का चूर्ण तथा एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से सेक्स शक्ति धीरे-धीरे बढ़ती चली जाएगी।
• 2. पीपलः- पीपल का फल और पीपल की कोमल जड़ को बराबर मात्रा में लेकर चटनी बना लें। इस 2 चम्मच चटनी को 100 मि.ली. दूध तथा 400 मि.ली. पानी में मिलाकर उसे लगभग चौथाई भाग होने तक पकाएं। फिर उसे छानकर आधा कप सुबह और शाम को पी लें। इसके इस्तेमाल करने से वीर्य में तथा सेक्स करने की ताकत में वृद्धि होती है।
• 3. प्याजः- आधा चम्मच सफेद प्याज का रस, आधा चम्मच शहद तथा आधा चम्मच मिश्री के चूर्ण को मिलाकर सुबह और शाम सेवन करें। यह मिश्रण वीर्यपतन को दूर करने के लिए काफी उपयोगी रहता है।
• 4. चोबचीनीः- 100 ग्राम तालमखाने के बीज, 100 ग्राम चोबचीनी, 100 ग्राम ढाक का गोंद, 100 ग्राम मोचरस तथा 250 ग्राम मिश्री को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। रोजाना सुबह के समय एक चम्मच चूर्ण में 4 चम्मच मलाई मिलाकर खाएं। यह मिश्रण यौन रुपी कमजोरी, नामर्दी तथा वीर्य का जल्दी गिरना जैसे रोग को खत्म कर देता है।
• 5. कौंच का बीजः- 100 ग्राम कौंच के बीज और 100 ग्राम तालमखाना को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। फिर इसमें 200 ग्राम मिश्री पीसकर मिला लें। हल्के गर्म दूध में आधा चम्मच चूर्ण मिलाकर रोजाना इसको पीना चाहिए। इसको पीने से वीर्य गाढ़ा हो जाता है तथा नामर्दी दूर होती है।
• 6. इमलीः- आधा किलो इमली के बीज लेकर उसके दो हिस्से कर दें। इन बीजों को तीन दिनों तक पानी में भिगोकर रख लें। इसके बाद छिलकों को उतारकर बाहर फेंक दें और सफेद बीजों को खरल में डालकर पीसें। फिर इसमें आधा किलो पिसी मिश्री मिलाकर कांच के खुले मुंह वाली एक चौड़ी शीशी में रख लें। आधा चम्मच सुबह और शाम के समय में दूध के साथ लें। इस तरह से यह उपाय वीर्य के जल्दी गिरने के रोग तथा संभोग करने की ताकत में बढ़ोतरी करता है।
• 7. बरगदः- सूर्यास्त से पहले बरगद के पेड़ से उसके पत्ते तोड़कर उसमें से निकलने वाले दूध की 10-15 बूंदें बताशे पर रखकर खाएं। इसके प्रयोग से आपका वीर्य भी बनेगा और सेक्स शक्ति भी अधिक हो जाएगी।
• 8. सोंठः- 4 ग्राम सोंठ, 4 ग्राम सेमल का गोंद, 2 ग्राम अकरकरा, 28 ग्राम पिप्पली तथा 30 ग्राम काले तिल को एकसाथ मिलाकर तथा कूटकर बारीक चूर्ण बना लें। रात को सोते समय आधा चम्मच चूर्ण लेकर ऊपर से एक गिलास गर्म दूध पी लें। यह रामबाण औषधि शरीर की कमजोरी को दूर करती है तथा सेक्स शक्ति को बढ़ाती है।
• 9. अश्वगंधाः- अश्वगंधा का चूर्ण, असगंध तथा बिदारीकंद को 100-100 ग्राम की मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लें। इसमें से आधा चम्मच चूर्ण दूध के साथ सुबह और शाम लेना चाहिए। यह मिश्रण वीर्य को ताकतवर बनाकर शीघ्रपतन की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
• 10. त्रिफलाः- एक चम्मच त्रिफला के चूर्ण को रात को सोते समय 5 मुनक्कों के साथ लेना चाहिए तथा ऊपर से ठंडा पानी पिएं। यह चूर्ण पेट के सभी प्रकार के रोग, स्वप्नदोष तथा वीर्य का शीघ्र गिरना आदि रोगों को दूर करके शरीर को मजबूती प्रदान करता है।

मंगलवार, सितंबर 01, 2009

चश्मा लगता है.....

Namaskaar Sir..........

Mera naam mayank upadhyay hai.

Main B.Tech 1st year me hoo.. aur Indian Air Force me Jaana Chahta hoo.......par mujhe chashma laga hai........ -3.5 D ka.....aur ye badhta hi jaa rha hai..... kripya mujhe mere chashme se chutkaara dilaiye....... kuch aushadhiyaa bhi bata deejiye yogaasano ke saath sath........ dhanyawaad



प्रिय मयंक जी

नमस्कार

आपने नज़र की कमजोरी के बारे में लिखा है। आपने बताया कि दिन ब दिन ये कमजोरी बढ़ रही है तो कुछ औषधियां इस प्रकार लीजिये--

१. षड्बिन्दु तेल --- नाक में दिन में दो बार दोनो छिद्रों में तीन-तीन बूंद डालिये और कुछ देर तक सिर को पीछे की तरफ़ रख कर लेटिये ताकि तेल बाहर न आ जाए ध्यान रखे कि इसे मुंह में मत खींचियेगा नुकसान तो नहीं होगा लेकिन कम लाभ होगा इसे खुद ऊपर चढ़ने दीजियेगा।

२. सप्ताम्रत लौह ---- २५० मिग्रा. दिन में दो बार शहद में मिलाकर चाटिये।

गैस,धड़कन, पसीना, थकान, टेन्शन, शारीरिक व मानसिक कमजोरी,, शारीरिक व मानसिक कमजोरी,

श्रीमान जी, नमस्कार, में 48 साल का हूँ, वैसे सामान्यतया स्वस्थ हूँ, परंतु कुछ समय (3\4 साल) से कुछ भी खाने से गैसबनती हे, सिर में अंदर धमक म्ह्सुस होती हे, पसीना ज्यादा आता हे, "" गर्मी बहुत ज्यादा लगती हे, दिल कि धड़कन मह्सुस होती हे,सारे दिन थकान रहती हे, शारीरिक व मानसिक कमजोरी, एलर्जिक जुखअम (20 सालों से) , नींद सपनों भरी सुबह नींद के बाद भी थकान पिंडलीयों में दर्द, खाने के बाद थकान नींद , याद क्म होना, गुस्सा ज्यादा, थोड़ा भी काम करने से सारे शरीर बहुत पसीना व थोड़े टेन्शन से भी बहुत पसीना, बी। पी. , शुगर नार्मल हे, डा. के अनुसार यह " शारीरिक व मानसिक कमजोरी," हे कोई उपाय बताये? गर्म दवा न दे, काम धंदे के कारण पहरेज नही हो सकता हे,
विष्णु
प्रिय विष्णु जी
नमस्कार
आपने अपनी समस्या के जिन लक्षणों को बताया है उससे बिलकुल स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि ये मात्र पित्त विकार है जो कि जीर्ण हो जाने के कारण आपको अधिक कष्ट दे रहा है।। आपने कहा कि काम धंधे के कारण परहेज संभव नहीं है तो ये बात विचित्र है कि आप अपने काम को शरीर से अधिक महत्त्व दे रहे हैं। जब शरीर स्वस्थ नहीं रहेगा तो काम क्या मन और आत्मा से कर सकते हैं इस लिये भाई हम तो मानते हैं कि पहले शरीर स्वस्थ रखिए वरना मेहनत करके कमाया हुआ पैसा बीमारी के इलाज में चला जाता है। आप तेज-मिर्चमसाले दार खाना न खाएं, बासी भोजन न करें, शराब तम्बाकू आदि के सेवन से बचें, चाय काफ़ी आदि भी आपको नुकसान अक्रेंगे, बाजारू ठंडे पेय न लें ये आपके लिये विष समान हैं। आप निम्न औषधियां लीजिये-
१. गिलोय सत्व ५०० मिग्रा + प्रवाल पिष्टी १२५ मिग्रा + एक चम्मच गुलकंद दिन में दो बार लीजिये।
२. अश्वगंधारिष्ट दो दो चम्मच दिन में दो बार भोजन के आद बराबर पानी मिला कर लीजिये।
इस उपचार को चालीस दिन तक न्यूनतम लीजिये।

प्लीहा बढ़ी हुई है, बांयी किडनी में २० मि.मी. की पथरी है

NAMSTE DOCTOR JI
MERA NAAM RAJPAL HAI & MAIN UNMARRIED HOON. MAIN BAHUT PARESHAN HOON . MERI PLEEHA (SPLEEN) BADI HUI HAI . MERI LEFT KIDNEY MEIN 20 MM KI PATHRI & GALL BLADDER MEIN 14 MM KI PATHRI HAI. MERA HIMOGLOBIN (9.0) BHI BAHUT KAM HAI . SARIR KAM KARTE HUE JALDI TAKH JATA HAI . URIN YELLOW DARK & JALAN KE SATH THODA AATA HAI .. NIGHT MEIN NEEND BHI BAHUT KAM AATI HAI .CHEHRA NISTEJ & GAL ANDER DHASE HAI .DOCTOR SAHEB , PLEASE MERI PROBLEMS SOLVE KIJIYA. KOI UCHIT SAMADHAN BATIYA.
RAJPAL
प्रिय राजपाल जी,आपकी समस्या कि आपकी प्लीहा बढ़ी हुई है, बांयी किडनी में २० मि.मी. की पथरी है, पित्ताशय में १४ मि.मी. की पथरी है, हीमोग्लोबिन ९ है, जल्द थकान हो जाती है, पेशाब गाढ़ा पीला और जलन के साथ कम मात्रा में होता है, रात में नींद बहुत ही कम आती है, चेहरा निस्तेज है और गाल अंदर धंसे हुए हैं। राजपाल जी आपकी समस्या एक ही है न कि कई सारी; ये एक ही समस्या के अनेक लक्षण हैं। आप निम्न औषधियां लीजिये-
१. कलमी शोरा २० ग्राम + पपड़िया नौशादर २० ग्राम + मीठा सोडा(खाने वाला सोडा) २० ग्राम लेकर बारीक पीस लीजिये। इस मिश्रण में से ३ ग्राम दवा पुनर्नवासव के दो चम्मच के साथ दिन में दो बार लीजिये।
२.रसराज रस आधी रत्ती दिन में दो बार शहद से लीजिये।
३. मुक्ता शुक्ति भस्म २ रत्ती + पीपल चूर्ण दो ग्राम दूध में मिला कर दिन में दो बार सेवन करें।
इस उपचार को दो माह तक नियमित लीजिये आपको आनंददायक परिणाम देखने को मिलेगा।

रविवार, अगस्त 23, 2009

दोनो पैरोँ मेँ भयंकर दर्द रहता है,दर्द एड़ी से शुरु होता है फिर सूजन आ जाता है

सर नमस्कार।मेरी मम्मी की उम्र लगभग ४५ साल है।उन्हेँ लगभग ५ साल से दोनो पैरोँ मेँ भयंकर दर्द रहता है,दर्द एड़ी से शुरु होता है फिर सूजन आ जाता है जो पूरे शरीर मेँ घुटने तक हो जाता है। जिस वजह से न चल पाती हैँ न ही उठ पाती हैँ।फिर बुखार आ जाता है।पैरोँ के उँगलियोँ मेँ तथा जोड़ोँ मेँ कोई गाँठ नही है।दर्द के वजह से सूजन जरुर हो जाता है। इलाज मेँ हर प्रकार से जड़ी-बूटी, एलोपैथी, आयुर्वेदिक, एक्युपंचर सभी किए गए हैँ,कोई कहते हैँ गठिया हैँ कोई आर्थराइटिस कोई वात हैँ।समझ मेँ नहीँ आता है क्या है।हम लोग हार चुके हैँ ,क्या मम्मीजी कभी पूरी तरह से ठीक हो पाएंगी ?हम सभी इस बीमारी से अपना आपा खो चुके हैँ क्या करेँ?क्या मम्मीजी पूरी तरह से पहले जैसी ठीक हो जाएँगी ? इसका ईलाज जरुर बताएँ डाँक्टर साहब मैँ आपका जिँदगी भर आभारी रहूँगा।
आशू सिंह
आशू सिंह जी,आपकी माता जी के ऊपर अब तक चिकित्सकों ने ढेर सारे प्रयोग कर डाले हैं यानि कि आपकी माताजी एक प्रायोगिक जन्तु की भांति कष्ट भोगती रही हैं मुझे उनसे हार्दिक सहानुभूति है। आपने जो लक्षण लिखे हैं उनके आधार पर ये शत-प्रतिशत वात का ही विकार है। आप उन्हें निम्न औषधियां दीजिये-
१. रास्ना घनसत्व ५ ग्राम + एकांगवीर रस १० ग्राम + योगराज गुग्गुलु १० ग्राम+ शुद्ध कुचला चूर्ण २.५ ग्राम + आमवातेश्वर रस १० ग्राम + विषमुष्टिका वटी १० ग्राम इन सबको मिला कर कस कर घोंट लीजिये व एक ग्राम की मात्रा दिन में तीन बार गर्म जल या चाय के साथ दीजिये।
२. रास्ना घनसत्व १० ग्राम + महायोगराज गुग्गुलु १० ग्राम + शुद्ध कुचला १० ग्राम लेकर कस कर घोंट लीजिये व इसमें से एक-एक ग्राम मात्रा दिन में दो बार गर्म जल से लीजिये।
३. सप्ताह में एक बार रात में कब्ज न रहे इसलिये मीठे दूध में कैस्टर आयल(एरण्ड का तेल) एक चम्मच डाल कर पिलाएं।
दही, चावल, मिथाई, तैलीय पदार्थ, ठंडे खाद्य पदार्थ( जैसे फ्रोजन फ़ूड) व गरिष्ठ भोजन खाने में न दें। हल्का व सुपाच्य भोजन लाभ अधिक देगा इस बात का विशेष ध्यान रखें। इस उपचार को न्यूनतम तीन माह दें।

जो बाल कई बरसों में गिर गये हैं

Dear Dr.
I would like to thank you for giving me time on Sunday to discuss my health problems with you.
As suggested by you, I am mentioning my health problems as under:
I am 35 yers of age. I suffer from hyperacidity, heat flushes, high serum uric acid (gout). Apart from this, I suffer from constipation and gas problem. As soon as I eat even a little, my stomach gets distended and it gives me a lot of discomfort. I have observed that over the past 2 years, my semen has become thinner. I think it is because of pitta and body heat. I also suffer from pre mature ejaculation.
Alopecia: I suffer from male pattern baldness for the last 12 years. However, over the last 2-3 years, my hair has been falling at an alarming pace.
I take the following medicines daily:
A sustained release acid inhibitor, PAN 40 a day for hyperacidity
3 Zylorics (morning, noon and night) to control my uric acid levels
4 tablets of Medohar Guggulu thrice a day (12 tablets)
You have rightly diagnosed that my problems are because of Pitta imbalance. My pulse is very strong and gallops prominently. I suffer from body heat, anger, sweating and hyperacidity. Kindly suggest me remedies that correct this imbalance and correct the other problems like alopecia .
Awaiting your response on the medicines. I would like to consume the medicines prepared by your establishment as I have total faith in you. Please suggest further
Respectfully,
Abhiram Mishra
प्रिय अभिराम जी, आपकी समस्या की जड़ तो मात्र एक ही है किन्तु उसके लक्षण अनेक दिखने के कारण आपको प्रतीत हो रहा है कि ढेर सारी समस्याएं है। आपने फोन पर जो बातें बताई थीं और जो लक्षण लिखे हैं उनके आधार पर स्पष्ट दिखायी देता है कि आप पित्तविकार से ग्रस्त हैं जो कि समय के साथ गहराता चला गया और जटिल लक्षण प्रस्तुत करता गया है। आप परेशान हों और धैर्यपूर्वक निम्न औषधियां लीजिये
. आंवला घनसत्व + हरड़ घनसत्व + मुलैहठी घनसत्व + भृंगराज घनसत्व २०-२० ग्राम ले कर इस मिश्रण में २० ग्राम स्वर्णमाक्षिक भस्म मिला कर इसकी एक ग्राम मात्रा दिन में दो बार ठंडे जल के साथ लीजिये(इस दवा को बीज निकाले हुए खाली मुनक्के या खाली कैप्सूल में भर कर लिया जा सकता है)
. भृंगराज + आंवला + मिश्री + साबुत काले तिल २५-२५ ग्राम मिला कर रख लें इस योग को भी एक-एक ग्राम मात्रा दिन में दो बार ठंडे जल के साथ लीजिये।
. बालों में तेल इस समय लगाने का कोई उपयोग नहीं होता बल्कि समस्या उलझती ही जाती है अतः रात में (अथवा यदि शिफ़्ट ड्यूटी करते हों तो जब सोने का समय हो) बालों की जड़ों में उंगली के पोरों से हल्के तरीके से पंचतिक्त घृत लगायें(इतना अधिक नहीं कि चूने-टपकने लगे)और सुबह मुल्तानी मिट्टी या एलोवेरा शैम्पू से धो लें।
इस उपचार को नियमित रूप से न्यूनतम छह माह तक करा जाए तब आप देखेंगे कि नए काले छोटे-छोटे बाल खल्वाट त्वचा पर उग रहे हैं। चूंकि यह एक जिद्दी रोग है अतः बिना हताश हुए इलाज करना पड़ता है, यदि हम औषधियों से यह अपेक्षा रखें कि जो बाल कई बरसों में गिर गये हैं वे दवा लेते ही चमत्कारिक रूप से पुनः उग आएंगे तो यह बचपना ही होगा। घैर्य रखना ही इस उपचार का सबसे बड़ा धनात्मक पक्ष है।

बुधवार, अगस्त 05, 2009

३-४ बजे शाम से सर में बहुत तेज़ दर्द होने लगता है

डॉक्टर साहेब,मेरी माँ को ८-१० दिनों से ३-४ बजे शाम से सर में बहुत तेज़ दर्द होने लगता है, और उनका गला जैसे लगता है की कोई दाब रहा है और चक्कर भी आता है , कुछ दर्द की दवाएं खा रही है पर कोई फायदा नहीं हो रहा है, कृपया इस बीमारी के बारे में बताएं ये किस तरह की बीमारी है, इसे क्या कहते है और इसका क्या इलाज है कहीं इन्हें कोई बड़ी बीमारी तो नहीं हो गयी है मुझे बहुत घबराहट लगने लग रहा है उनकी उमर लगभग ४० साल की होगी, डॉक्टर साहेब कृपया कर मेरी माँ कौन सी बीमारी है और इसका क्या इलाज़ है वो भी कृपया कर बताएं
धन्यवाद
shyam kumar
प्रिय श्याम जी आपकी माता जी के बारे में आपने जो लक्षण बताए हैं उनसे कुछ विशेष स्पष्ट नहीं हो रहा है किंतु जैसा कि आपने बताया कि जो लक्षण हैं वे हैं - शाम को निश्चित समय पर सिर में तेज दर्द, गला दबाने जैसी अनुभूति और चक्कर आना। अपने अनुभव के आधार पर विचार करने पर समझा कि स्पष्ट सी बात है कि इतने समय तक सामान्यतः लोग दोपहर का भोजन कर चुके होते हैं और यह पेट में भोजन के पाचन का समय होता है। इस समय पित्त प्रबल रहता है किन्तु आपकी माता जी की समस्या के साथ में दर्द का होना वायु के प्रकोप को भी बताता है किन्तु वह उतना प्रबल नहीं है जब तक उस पर पित्त का आवरण नहीं आ जाता समस्या शुरू नहीं होती है। आपने ये नहीं बताया कि क्या ये लक्षण कुछ समय बाद स्वयं ही शांत हो जाते हैं या आप कोई उपाय करते हैं, उनका हाजमा कैसा है, क्या कब्जियत रहती है,मासिक धर्म आदि में कोई समस्या तो नहीं है आदि; यदि विस्तार से लिखें तो कोई दिक्कत न होगी और तत्काल सही व सटीक उपचार मिल जाएगा। फिलहाल आप निम्न उपचार माताजी को दें--
१. कपूर + मेन्थाल(पिपरमिंट, जिसे पान में ठंडक के लिये डाला जाता है) बराबर मात्रा में मिला लीजिये और टाइट ढक्कन की कांच की शीशी में रख लीजिये तथा दोपहर का भोजन करने के आधा घंटे बाद एक बूंद उंगली पर लेकर माताजी की नाभि पर लगा दीजिये।
२. दूब(दूर्वा) ये साधारणतया पायी जाने वाली हरी घास है इसे लाकर मिट्टी साफ़ करके इतनी मात्रा में पीसिये कि एक चम्मच रस निकल आए। इस तरह से ताजा निकाला हुआ रस माता जी को सुबह नाश्ते के बाद तथा रात्रि को भोजन के आधा घंटे बाद दीजिए और उसके बाद एक घंटे तक पानी न पिएं।
इस उपचार को एक सप्ताह तक दीजिये और आयुषवेद के संपर्क में रहिए, तेज मिर्च-मसालेदार भोजन, मांसाहार से परहेज कराइये।

मंगलवार, अगस्त 04, 2009

आप नपुंसक तो नहीं कहे जा सकते हैं

Mai, Rajkumar meri Samasya Hai ke mai Bahut Dubla-Patla hu, or
mughhe kabj ki sakayat rahti hai,mai 24 sal ka ho gaya hu kintu mary dadi-muchh
abi tak nahi aai hai mare dosht kahte hai ke mai namard hau, kyoki mai
7-8 sal tak hastmethun karta tha jho mane chhod diya aap mery samasya ka
samadhan batane ka kast kare taki mai mota or balawan, mard ban saku

Danywad
Rajkumar Chhavariya
राजकुमार जी,आपकी समस्या की गम्भीरता को समझ रहा हूं। इस उम्र तक यदि दाढ़ी-मूंछ न आएं तो सचमुच ये एक हार्मोनल समस्या है......
आगे पढ़े......शेष भाग पुरुषों के रोगों वाले खंड पर जाएं

सोमवार, अगस्त 03, 2009

Bilateral polycystic kidney की समस्या

Aadab bhai jan, bhai ki medical reports bhej raha hun ham sabhi ko apse bahut sari ashyen hain...

Present Condition:
Bilateral polysystic kidey with cholelithiasis
निम्न लक्षण हैं.......
१.दोनों पैर में सूजन है दाहिने पैर में ज्यादा व पंजे में अधिक है पैर की नसों व उँगलियों में दर्द,कुल्हे तक दर्द.
२.पेशाब रुक रुक कर होता है.कभी कभी पेशाब में जलन अधिक रहती है और जलन गले तक होती है.
३.पीठ में दोनों तरफ दर्द रहता है.बाएँ तरफ दर्द अधिक रहता है.
४.कभी कभी मतली होती है और कभी उलटी भी हो जाती है.
(करीब दस सालों से ये दिक्कत है. कमजोरी बहोत है और वज़न भी करीब ४७ किलो है.)
गुफ़रान सिद्दिकी,इलाहाबाद
प्रिय गुफ़रान भाई, आपके द्वारा भेजे गए पत्र में जो लक्षण और संलग्न रिपोर्ट्स थीं उन्हें जाना समझा। चूंकि जब रोग पुराना हो जाता है तो पुनः स्वास्थ्य आने में समय लगता है। इसलिये चिकित्सा काल में इच्छित परिणाम मे लिये धैर्य रखें। रोगी को निम्न उपचार दें-
१. शतावरी चूर्ण एक चम्मच + मुलैहठी चूर्ण एक चम्मच मिला कर एक कप दूध के साथ सुबह-शाम दें ध्यान रखिए कि दूध गर्म न करें सामान्य ताप पर ही दें।
२. अविपत्तिकर चूर्ण आधा चम्मच भोजन के आधे घंटे पहले जल से दीजिए दिन में दो बार दें।
३. क्षार पर्पटी एक ग्राम + सज्जीखार एक ग्राम + पुननर्वादि गुग्गुलु एक गोली को नींबू शर्बत या शहद के साथ दिन में तीन बार सुबह दोपह शाम को दीजिये(खाली पेट न दें)
४. त्रिफला २ ग्राम + कुटकी एक ग्राम + मुनक्का ३ ग्राम मिला कर मुनक्के को मसल कर बनाए शर्बत के साथ दें(इस शर्बत के स्थान पर हरीतक्यादि क्वाथ दें तो बेहतर परिणाम मिलते हैं)
भोजन में अधिकतम दूध रोटी या दूध चावल का सेवन हितकर है। नमक, तेल, मिर्च, अचार, दही,कुल्थी की दाल,मसूर आदि जैसे गर्म और भारी भोजन का त्याग करें। मांसाहार(अंडे भी) पूरी तरह सख्ती से बंद कर दें यह रोगी के लिए विष के समान है। फलों में पके केले, अनार, नारियल, मोसम्बी, आंवला दे सकते हैं; लौकी, परवल, करेला, कद्दू की सब्जी दीजिये किन्तु ध्यान रहे कि ये सब मसालेदार न हो। सब्जी में देसी घी और जीरे का छौंक दे सकते हैं।

सोमवार, जुलाई 20, 2009

गाल पे PIMPLE/ACNE के कारण कुछ गढ़े-गढ़े से निशान से बन गये हैं

सर नमस्कार,
हमें आपका ई- मेल अड्रेस आपके आयुष ब्‍लॉग से मिली |
हम भी रोग निदान की उम्मीद से अपनी दो समस्या लिख रहें हैं |

1.) मेरे सिर में गीला dandruffसा कुछ निकलता रहता है जो की डेली साबुन/संपू से साफ करने पर भी हरेक दिन आ जाता है जो की बदबू भी करता है और हल्की खुजलाहट भी रहती है | अगर चेहरे पर dandruff लग जाए तो पसवाले चकत्ते/Acne आ जाते हैं |

2.) मेरे गाल पे PIMPLE/ACNE के कारण कुछ गढ़े-गढ़े से निशान से बन गये हैं, क्या ये भर सकता है ?

मैं बहुत आभारी होऊंगा, अगर हमे भी कुछ सलाह/ चिकित्सा संबंधी परामर्श देने की कृपा करेंगे |

धन्यवाद और नमस्कार
संतोष
संतोष जी आपकी समस्या संबंधी सुझाव कई दिनों बाद दे पा रहा हूं क्षमा चाहता हूं। आप निम्न औषधियां नियमित रूप से तीन माह तक लीजिये-
. गंधक रसायन १०० मिग्रा.+रस माणिक्य १०० मिग्रा.+ गिलोय सत्व २०० मिग्रा. इन्हें घोंट कर एक कर लें तथा दिन में तीन बार खदिरारिष्ट + महामंजिष्ठादि काढ़े के दो चम्मच के साथ सेवन करें।
. त्रिफला चूर्ण दो चम्मच दिन में दो बार गुनगुने जल के साथ सेवन करें।
. यदि चाहें तो सोमराजी तेल रात में सोते समय हलके हाथ से प्रभावित अंग पर लगा लिया करें।
मसालेदार आहार से दूर रहें साथ ही बाजारू चायनीज आदि व्यंजन से भी बचें।

रविवार, जून 07, 2009

सफ़ेद दाग, सेक्स और बदन दर्द की समस्या भी है

vaidh ji,
om sai ram

meri age 36 year hai mujhe safed daag ho gaye hai neck per (backside 3 spot hai, left side ear ke paas ek bada sa spot hai. kya iska koi saral upchhar hai aur yadi aap medicine bhejte hai to kya kharcha aayega?second, mere left hand per near to elbow bhaut kharish hoti hai aur dane se ho gaye hai kripa karke ilaaj bataye
third, sex karen ke baad or na karene se bhi mere legs me ghutno se niche our uppar bhi and elbo se upar baju wale hisse may bahut pain hota hai jab mai koi kas kar kapda bandh kar soti hun tho nind aathi hai mai is baat se bahut pareshan hu kripa koi uppai battaye.
please do me mail
mrs. s. sharma
बहन जी, आपने कई समस्याओं को साथ में लिखा है इससे पता चलता है कि आप सचमुच स्वास्थ्य के प्रति गम्भीर हैं। आपकी देह की सारी समस्याओं का कारण मात्र कफ-पित्त-वात के विकार के कारण होता है और इनके साम्य से स्वास्थ्य बना रहता है। अनेक बीमारियों के लक्षणों का कारण मात्र एक ही होता है जबकि लक्षण ढेर सारे हो कर एक सिन्ड्रोम जैसा पैदा कर देते हैं। आप निम्न औषधियां लीजिये--
१. हल्दी ३०० मिग्रा. + काले तिल ३०० मिग्रा. + बाकुची चूर्ण ३०० मिग्रा. मिला कर एक मात्रा बनाएं व ऐसी तीन मात्राएं दिन में गर्म पानी से लीजिए।
२. श्वित्रारि वटी को पानी में घिस कर प्रभावित अंग पर लगाइये। कभी-कभी अधिक संवेदनशील लोगों को इस वटी से फुंसियां सी हो जाती हैं तो ऐसा होने पर अगली औषधि प्रयोग करें।
३. श्वित्रारि घी को प्रभावित अंग पर दिन में कई बार लगाएं।
४. विषतिंदुक वटी एक गोली दिन में तीन बार गर्म पानी से लीजिये।
इस औषधि व्यवस्था को चालीस दिन तक जारी रखिए व प्रभाव के अनुसार आवश्यकता पड़ने पर आगे जारी रखें।

Renal Calculi है

Dear sir
sir mera name sangeeta ha.mare bhai ki kidny ke right and laft side me 13mm and 14mm ki Renal Calculi ha. hame last week hi pata chala ha. ab se phle kabhi pain nahi hua tha. iske leye hame opration karana pdega ya kisi daise treatment se nikal jayegi. or kya ye bad me bhi ho sakti ha ya nahi. iske leye kya -2 pahraj rakna hoga, plz mujhe mail kare.
Sangeeta
संगीता बहन,परेशान न हों आप भाई को निम्न औषधियां दीजिये-
१. कलमी शोरा ५०० मिग्रा. + जवाखार ५०० मिग्रा + हजरुलयहूद भस्म १२५ मिग्रा इन्हें दो चम्मच पुनर्नवासव के साथ दिन में तीन बार लीजिये।
२. शूलगजकेशरी रस १२५ मिग्रा. + शीतल पर्पटी २५० मिग्रा. + श्वेत पर्पटी २५० मिग्रा. पानी से दिन में दो बार दीजिये।
इस उपचार को एक माह तक देने के बाद पुनः जांच करा लीजिये ताकि आपकी संतुष्टि हो जाए के पथरी घुल कर मूत्र से बाहर निकल गयी है।

गुरुवार, जून 04, 2009

मेरे गाल धसे हुए है, बहुत ही दुबला पतला हूं

5नमस्‍ते सर
मेरा नाम परमेश्‍वर है। मेरी उम्र 23 साल है वजन 42 किलो व लम्‍बाई 5 फुट है। मेरी समस्‍या है कि मै बहुत ही दुबला पतला हु। मै 10 से 12 घंटे कम्‍प्‍यूटर पर काम करता हूं। मै पहले कभी हस्‍तमैथुन कर लेता था। क्‍या इसकी वजह से दुबलापन है या कोई और वजह से है। कृपया इसका उपचार बताये जिससे कि मेरा शरीर हष्‍ट पुष्‍ट और मोटा हो जाय। मेरे गाल धसे हुए है। कृपया उस दवा का नाम बताये जिससे मै मोटा हो सकता हू। और वह दवा कब तक लेना और कैसे लेना है। और किस कम्‍पनी का लेना है। कृपया ई-मेल करे सर मै इसके लिए आपका हमेशा आभारी रहुंगा।
धन्‍यवाद
प्रिय परमेश्वर जी, आप निम्न दवाएं नियम पूर्वक तीन माह तक लीजिये और खूब काम करिये कोई परेशानी नहीं होगी साथ ही आपकी चाहत के अनुसार आपके पिचके गाल भी भर जाएंगे और वजन बढ़ कर शरीर सुंदर लगने लगेगा-
१. अश्वगंधा चूर्ण एक ग्राम + विधारा चूर्ण एक ग्राम इस मिश्रण को सुबह शाम शहद के साथ चाट कर ऊपर से अश्वगंधारिष्ट दो चम्मच पी लिया करिये।
२. लशुनादि वटी एक गोली + आरोग्यवर्धिनी वटी एक गोली दिन में दो बार गर्म पानी से लीजिये।
३. लौह भस्म(शतपुटी) १२५ मिग्रा. शहद के साथ दिन में दो बार लीजिये।
औषधियां खाली पेट न लें।

शीघ्रपतन की समस्या से वैवाहिक जीवन बर्बाद है

Sir,
Main ak 26 varshiy vivahit ladka hoon.meri samasya yeh hai ki
1. mere gupt ang mein thik se tanav nahi aata hai aur jo aata hai to kuch hi second mein chala jata hai
2. Maine kai baar sehwas kerne ki koshish ki par har baar 5-7 second mein discharge ho gaya.
3. pesaab mein bhi viry aata hai
4. kuch sochne pe bhi viry nikal jata hai
5. mere ling ka aage ka part bhaut jyada sensitive hai use chhute viry nikal jata hai

Kripya meri madam karan bhaut jyada pareshaan hain meri shaadui bas tootne ko hi hai. kripya koi jald se jald achook upchaar bataye.

Dhanyawad

Aapka ati aabhaari
Ravi
रवि जी, आपकी समस्या भी तमाम अन्य भाइयों जैसी ही है अतः आप परेशान न हों और निम्न उपचार लेना प्रारंभ करें व कम से कम तीन माह तक लें-
१. मकरध्वज वटी एक गोली + महामन्मथ रस एक गोली + पूर्णचंद्र रस एक गोली इन तीनो दवाओं की एक मात्रा बनाएं व इस तरह की तीन खुराक दिन में शहद मिले दूध से लें(खाली पेट न लें)
२. शुद्ध शिलाजीत २५० मिग्रा. दिन में तीन बार दूध से लें।
इस उपचार के दौरान मांसाहार, खटाई युक्त भोजन,मिर्च-मसालेदार पदार्थों का सेवन न करें, शराब या अन्य व्यसन बिलकुल बंद करें।

शराब छुड़ाने के बारे में

Sir, i want the medicine for stopping liquor.
Mere Bhai Ko Sarab Ki Jyadi Hi Lat Lag Gayi Hai. Main Uski Sarab Chudhana Chhahta Hoon. Mujhe Dawai Bhejne Ki Kripa Kare. Dawai Ki Fees Kya Hogi. Ye Bhi Bata De.

Thanks

Amit
अमित जी आपने जैसा बताया कि शराब की आदत भाई को लग चुकी है तो जाहिर है कि दवा उन्हें बिना उनकी जानकारी के ही देना होगा। वैसे यदि आप चाहें तो आयुषवेद के पेज पर दांयी तरफ लगे एक छोटे से सर्च इंजन का उपयोग कर सकते हैं जिस पर लिखा है "खुद तलाशिये", उसमें शराब टाइप करिये और संबंधित काफ़ी उपयोगी जानकारियां आपको मिल जाएंगी यदि कारगर उपाय मिल जाए तो बेहतर है क्योंकि पहले ही आयुषवेद पर शराब छुड़ाने के बारे में बहुत कुछ लिखा जा चुका है। यदि आपको लगे कि आपका कार्य सिद्ध नहीं हो रहा है तो फिर ई-मेल करें आपको अवश्य शराब छुड़ाने की आयुषवेद द्वारा निर्मित औषधि भेज दी जाएगी।

सेक्स सम्बन्धी भ्रम व हस्तमैथुन का दुष्परिणाम

डॉ साहब ,आपको सादर नमस्कार . मैंने आपके बहुत सारे ब्लोग्स पढ़े हैं । वहाँ से प्रेरित होकर मई भी आप को मेल कर रहा हू आशा रखता हू की आप मेरी समस्या का निवारण कर देगे । डॉ साहब मेरी समस्या ये है की मैंने भी बचपन से आब तक हस्त्मथुन किया था . अब मेरी उमर २५ साल है मेरी शादी होने वाली है (करीब 3-4 महीने बाद ). मुझे लगता है की मुझे bhi शीघ्र पतन की समस्या है मेरे वीर्य भी बहुत पतला आता है ।लिंग का भी नही पता की सही से तनाव आता है या नही . ऐसा भी लगता है की मेरे लिंग का साइज़ छोटा है . मुझे कोई उपाय बताइए की मेरा आने वाला विवाहित जीवन सही रहे .मैं आपका बहुत आभारी रहूगा . ऐसा भी हो सकता है की ये सारी मेरी शंका हो .मेरी राय में आप मुझे कोई उपचार बता दीजिये मे वो उपचार कर लुगा शयद मेरा भ्रम दूर हो जाय और वैसे भी आपका उपचार कोई साइड इफेक्ट तो करेगा नही सो आपनाने में कोई हर्ज नही है .
एक बात और डॉ साहब मुझे आपसे दवा भी चाहिए होगी क्योकि मे इंडिया से बाहर रहता हू ।प्लीज मुझे बताइए की वो मे कैसे माँगा सकता हू आपसे? प्लीज उपचार बता दीजिये
आपका आभारी
नाम प्रकाशित न करा जाए
प्रिय भाई, जैसा कि आपने लिखा है कि आप अब उस बुरी आदत से छुटकारा पा चुके हैं और बाकी आपका भ्रम ही है । संयम रखना बड़ी बात है लेकिन खुद ही सोचिये कि आप अपने शरीर के सार तत्त्व को निचोड़ कर नाली में फेंक दें तो ये अक्लमंदी तो हरगिज नहीं है। कुछ दुष्ट किस्म के नीच "सैक्सोलाजिस्ट" बन कर बैठे ठग आप जैसे भोले लोगों को मूर्ख बना कर आपका जीवन ये कह कर बर्बाद कर देते हैं कि इस दुष्कर्म से कोई नुकसान नहीं होता ये तो एक सामान्य सा काम है। आयुषवेद के पाठकों से निवेदन है कि ऐसे धूर्तों की बातों में आकर अपना जीवन चौपट मत करिए क्योंकि आपको हकीकत तो तब पता चलती है जब आप वैवाहिक जीवन में प्रवेश करते हैं और सब कुछ अंधकारमय प्रतीत होता है। आप निम्न औषधियां तीन माह तक लीजिये-
१. मकरध्वज वटी एक गोली + मन्मथ रस एक गोली + त्रिबंग भस्म १२५ मिग्रा. इन औषधियों की एक खुराक बना लें व दिन में इस तरह की तीन खुराक दूध के साथ लीजिए।
२. पुष्पधन्वा रस एक गोली दिन में दो बार शहद से लीजिये।
ध्यान रखें कि कब्जियत न रहे यदि कब्ज हो तो आवश्यकतानुसार त्रिफला चूर्ण ले लिया करें।

कफ जमने से उल्टी बहुत ज़्यादा होती है

आदर्निय श्रीमान ,
मुझे काफ़ी समय से जुकाम और कफ की प्राब्लम रहती हे, पूरे साल व किसी भी मौसम मे मुझे कफ जमा रहता हे जिसके कारण मुझे असिडिटी की भी प्राब्लम हो जाती हे और कुछ भी ख़ाता हूँ तो उल्टी हो जाती हे!अंग्रज़ी इलाज से कोई फाय्दा नही हुआ! कफ जमने से उल्टी बहुत ज़्यादा होती हे और छाती भी जलती हे!बार-बार उल्टी होती हे! साहब कोई अच्छा सा इलाज बताए जिससे की मेरी परेशानी का हमेशा के लिए इलाज हो जाए !
आपके सुझाव का इंतेज़ार रहेगा!
सध्न्यवाद
महेंद्र योगी
जय हिन्द
महेन्द्र जी सादर जय हिन्द, आपकी समस्या को समझा, समस्या पुरानी है किन्तु चिंता न करें निम्न औषधियां लीजिये-
१. कफ़कुठार रस एक-एक गोली दिन में तीन बार पान के पत्ते के रस में शहद मिला कर लीजिये।
२. गिलोय सत्त्व २५० मिग्रा. दिन में दो बार पानी से लीजिये
३. अभ्रक भस्म(शतपुटी) १२५ मिग्रा. दिन में दो बार शहद से लीजिये
४. दोपहर के भोजन के बाद एक गोली आरोग्यवर्धिनी वटी पानी से लीजिये
इस उपचार को चालीस दिनों तक जारी रखिए। एक सप्ताह बाद ही आराम आना शुरू हो जाएगा।