गुरुवार, जनवरी 29, 2009

सोरायसिस नामक स्किन डिसीज़ से बहुत परेशान हूं

डा.साहब मैं सोरायसिस नामक स्किन डिसीज़ से बहुत परेशान हूं होम्योपैथी से लेकर ऐलोपैथी तक का इलाज करवा चुका हूं एल्किन जब तक इलाज जारी रहता है समस्या खत्म रहती है लेकिन उपचार लेना बंद करते ही फिर से उभर कर आ जाती है। आत्महत्या करने का मन करता है क्या वाकई ये बीमारी लाइलाज है या आयुर्वेद में इसका सचमुच इलाज है? मेरी मदद करिये।शुक्रिया
अज़ीम खान,भुसावल
भाईसाहब बिलकुल परेशान मत होइये आपसे किस मूर्ख ने कह दिया कि सोरायसिस का कोई स्थायी इलाज नहीं है? यह एक जिद्दी हठीला सा रोग है लेकिन ऐसा नहीं है कि इलाज ही न हो। आप इस उपचार को लगातार कम से कम छह माह तक लीजिये और स्थायी लाभ के लिये आप एक साल तक लगातार लीजिये-
१ . आरोग्यवर्धिनी वटी १ गोली + पंचतिक्त घृत गुग्गुल १ गोली + कैशोर गुग्गुल १ गोली दिन में तीन बार खदिरारिष्ट+महामंजिष्ठादि कषाय के दो चम्मच के साथ लीजिये।
२ . गिलोय सत्व १ ग्राम + रस माणिक्य १०० मिलीग्राम + प्रवाल पिष्टी २०० मिलीग्राम मिला कर दिन में तीन बार पहली दवा के आधे घंटे बाद सारिवाद्यारिष्ट के दो चम्मच से लीजिये।
३ . प्रभावित अंग को नीम के पत्तों के उबाले हुए पानी से धोकर पंचतिक्त घृत दिन में दो बार लगाइये व रात में सोते समय जात्यादि तेल लगाइये। खाने में नमक का प्रयोग एकदम बंद कर दीजिये, दलिया, दूध, दूध-रोटी का सेवन ज्यादा करिये। इस उपचार को लेने से एक सप्ताह के अंदर ही आपको बहुत लाभ महसूस होगा।

मासिक धर्म(M.C.) महीने में दो-तीन बार तक हो जाता है

आदरणीय डाक्टर साहब
चरण स्पर्श
मेरी पत्नी की उम्र छत्तीस साल है। उसको समस्या पिछले छह माह से है कमर में दर्द, हाथ पैरों में थकान से एकदम गल जाने जैसा एहसास, सिर में हमेशा भारीपन बने रहना, शरीर में रूखापन सा आ जाने के साथ ही मासिक धर्म(M.C.) महीने में दो-तीन बार तक हो जाता है और काफ़ी ज्यादा मात्रा में बहाव होता है। उसे कमजोरी आती जा रही है बड़ी निराशा हो रही है। कोई आयुर्वेदिक इलाज बताइये।
सौहेल सैय्यद,बुरहानपुर
सौहेल भाई,परेशान मत होइये साथ ही निराश भी न हों। बाजारू आहार बिलकुल बंद करा दीजिये तीखा,मिर्च-मसालेदार भोजन से परहेज कराएं और निम्न उपचार दीजिये-
१ . पुष्यानुग चूर्ण २ ग्राम + आंवला चूर्ण १ ग्राम + मोचरस ५०० मिलीग्राम + नागकेशर १ ग्राम + प्रवाल पिष्टी २५० मिलीग्राम + स्फटिका(शुभ्रा)भस्म २५० मिलीग्राम ; कुल मिलाकर यह एक छोटा चम्मच खुराक हो जाएगी। इस एक मात्रा को वत्सकादि क्वाथ के दो चम्मचों के साथ दिन में दो बार भोजन के बाद दीजिये।
२ . चंद्रप्रभा वटी २ गोली रात को सोते समय पानी से दीजिये।
गरिष्ठ आहार न लें हल्का खाना खिलाएं ताकि पाचन सही बना रहे। इस उपचार को दो माह तक लगातार देने से और परहेज से रहने से हमेशा के लिये समस्या समाप्त हो जाएगी।

शनिवार, जनवरी 24, 2009

मेरी समस्या भी बच्चे न होने की ही है लेकिन मेरी बीमारी का नाम HYDROSPERMIA बताया

डाक्टर साहब,नमस्कार
आपके द्वारा दी गयी सलाहें काफ़ी समय से पढ़ रहा हूं इसलिए अब मेरा विश्वास जम गया है कि आप सही और लाभदायक सलाह देते हैं। मेरी समस्या भी बच्चे न होने की ही है लेकिन मेरी बीमारी का नाम HYDROSPERMIA बताया गया है। मेरी शादी को तीन साल हो चुके हैं मेरी पत्नी पूरी तरह से स्वस्थ है समस्या मेरी ही है पूछने पर पैथोलाजी वाले ने बताया कि इस बीमारी में वीर्य पतला हो जाता है बस इससे ज्यादा वह नहीं समझा सका। क्या आयुर्वेद में इस बीमारी का इलाज है?
अनिल कालेकर,ग्वालियर(म.प्र.)

अनिल जी आपने जो semen examination report भेजी है मैंने उसे देखा है, विशेष चिन्ता की बात नहीं है आप परेशान न हों। निम्न उपचार लीजिये-
१ . पुष्पधन्वा रस एक गोली के साथ एक-एक ग्राम अश्वगंधा चूर्ण, विदारीकंद,सालमपंजा मिला कर इसे एक चम्मच कौंचा पाक के साथ चाट कर ऊपर से दो चम्मच अश्वगंधारिष्ट पी लीजिये। ऐसा दिन में तीन खुराक लीजिये। औषधि भोजन करने के बाद करिये।
२ . गिलोयसत्त्व + वंशलोचन + छोटी इलायची के बीज + बंग भस्म + शिलाजीत प्रत्येक दस ग्राम लेकर इसमें मुक्तापिष्टी दो ग्राम मिलाएं व इस मिश्रण में से ५०० मि.ग्रा. की मात्रा लेकर गुलकंद के साथ सुबह-शाम सेवन करें।
३ . वानरी गुटिका एक-एक सुबह-शाम एक चम्मच शतावरी चूर्ण मिला पकाए गये एक गिलास मीठे दूध के साथ लीजिये(दूध को छानिये मत वैसे ही पी लीजिये)
४ . कामदेव घृत का आधा चम्मच दिन में दो बार ऊपर बताए गये दूध में ही मिला कर सेवन करें।
खट्टे,मिर्च-मसालेदार भोजन,चायनीज़,बाजारू पेय,शराब आदि नशे तथा मांसाहार से सख्त परहेज करें। मैथुन भी निषेध रखिये। हलका व सुपाच्य आहार लीजिये। इस उपचार को कम से कम चालीस दिन तक लीजिये।

शुक्रवार, जनवरी 23, 2009

पहले जैसी सेक्स की इच्छा नहीं रही

डॉक्टर साहब-नमस्कारमेरी उम्र 34 साल है और मेरी कुछ महीनों के बाद शादी होने वाली है।बचपन से लेकर अब तक जो गलतियां करी यानि कि हस्तमैथुन किया उसके कारण मुझे शीघ्रपतन की समस्या हो गयी है। अब मेरी पहले जैसी सेक्स की इच्छा नहीं रही। अब मेरी सेक्स में रुचि खत्म हो गई है। और सेक्स करने की कोशिश करता हूँ तो लिंग में पर्याप्त कठोरता नहीं आ पाती और बहुत जल्द ही दो-तीन सेकेंड में ही वीर्य स्खलन हो जाता है यानि शीघ्र पतन हो जाता है! सम्भोग के बाद मुझे तो अब भयंकर कमजोरी भी लगती है प्लीज़ आप मेरी मदद करिए ताकि मेरा वैवाहिक जीवन सुखमय रहे। धन्यवाद
आनंद कुमार
आनंद कुमार जी,बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आप विवाह से पूर्व ही शारीरिक संबंधों में उतर चुके हैं और अब जबकि समस्या मुंह फाड़ कर सामने आ गयी है तो औषधियां तलाशते और परेशान होते फिर रहे हैं। हारमोनल परिवर्तनों के कारण आपने हस्त मैथुन आदि जो गलतियां करी हैं उसका तो दुष्परिणाम आपके सामने कामेच्छा की न्यूनता के रूप में आपके सामने आ रहा है लेकिन विवाह से पहले ही आप जिस तरह के संबंधों में उतर चुके हैं उससे शारीरिक ही नहीं सामाजिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। आशा है कि आपको आपकी इस गलती का भी एहसास होगा, लीजिये उपचार प्रस्तुत है इसे कम से कम तीन माह तक लीजिये और तेलीय,मिर्च-मसालेदार,खट्टॆ भोजन से परहेज रखिये-
१ . पूर्ण चंद्र रस एक गोली + पुष्पधन्वा रस एक गोली + मन्मथ रस एक गोली की एक मात्रा बनाएं व हलके गर्म मीठे दूध से दिन में दो बार भोजन के बाद लें।
२ . वानरी वटी एक गोली + मूसली पाक एक चम्मच का सेवन दिन में दो बार अश्वगंधारिष्ट के दो चम्मच से भोजन के बाद करें।
३ . रात्रि भोजन के बाद त्रिफला चूर्ण एक चम्मच गर्म जल में घोल कर पीजिये ताकि कब्जियत न रहे।

मैं शायद बातों को भूल जाने लगा हूं

डाक्टर साहब नमस्कार
मेरी उम्र उनहत्तर साल है रिटायर हुए कई साल बीत चुके हैं अब तक मैं सामान्य जीवन जी रहा था लेकिन पिछले दो माह से मुझे कई बार इस बात का एहसास हुआ कि मैं शायद बातों को भुल जाने लगा हूं जिससे कि परेशानी होना स्वाभाविक है जैसे कि चाभी भूल जाना, किताबें या चश्मा भूल जाना और फिर घंटों तक तलाशना। क्या यह समस्या बढती हुई उम्र के कारण है या कोई अन्य कारण हो सकता है? कारण कुछ भी हो लेकिन मेरी मदद करिये मैं सठियाया हुआ कहलाना नहीं चाहता। मेहरबानी करके वनस्पतियों पर आधारित उपचार बतायें। अग्रिम धन्यवाद
देवदत्त ताम्रकार,अजनी
आदरणीय देवदत्त जी,आपने सही कहा कि कारण कुछ भी हो, आप तो बस लाभ के प्रति सचेष्ट रहिये। उम्र बढ़ने पर कई बार ऐसी समस्या देखी जाती है किन्तु आप परेशान न हों। आपके आदेशानुसार वनस्पति आधारित उपचार लिख रहा हूं जो कि अत्यंत प्रभावशाली है-
रसायन चूर्ण(गिलोय, गोखरू तथा आंवले को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण करने से बनता है) + अश्वगंधा चूर्ण + शतावरी चूर्ण + मुलैठी(यष्टिमधु अथवा जेष्ठमध भी कहलाती है) चूर्ण + ब्राह्मी चूर्ण + शखाहुली चूर्ण + त्रिकटु चूर्ण( सोंठ, काली मिर्च तथा छोटी पीपल को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण करने से बनता है) ; इन सब चूर्णों को ५०-५० ग्राम ले लीजिये इस मिश्रण में से पानी से एक चम्मच दिन में दो बार लीजिये।
आप स्वयं इसके गुणों की प्रशंसा करते थकेंगे नहीं ऐसी प्रभावी दवा है यह ऐसी स्थिति में याददाश्त बढ़ाने के लिये। सात्विक आहार लीजिये। ध्यान, प्राणायाम आदि का अभ्यास करें।

बच्चे न हो पाने का कारण मेरी बीमारी Oligospermia है

आदरणीय़ डाक्टर साहब मैं आपको अपनी रिपोर्ट्स की फ़ाइल भेज रहा हूं। मुझे शादी को पांच साल हो गये हैं लेकिन बच्चे न होने के कारण जब जांच कराने का सिलसिला शुरू हुआ तब पता चला कि दोष मेरी पत्नी में नहीं बल्कि मुझमें है। बताया गया कि मेरे वीर्य में शुक्राणुओं की कमी है और इतनी कमी है कि गर्भ स्थापना के लिये जितने शुक्राणु चाहिये उससे बहुत कम हैं। मुझे डाक्टर ने ये भी बताया कि इसका इलाज आयुर्वेद में ही है। मेहरबानी करके हमारी मदद करिये ताकि हमारे घर में भी बच्चा आ सके। हम जीवन भर आपका उपकार न भूलेंगे।
संजय सिक्का,कुवैत
संजय जी,आपके द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट्स की बड़ी मोटी सी फ़ाइल देखी है उसमें से अधिकांश टैस्ट तो अनावश्यक ही कराए गये हैं। मैं आपकी मनोस्थिति समझ रहा हूं कि कैसे आपका डाक्टर खून चूस रहे हैं। आपकी बीमारी आयुर्वेद के अनुसार "अल्पशुक्राणुत्व" कहलाती है जो कि कोई इतनी बड़ी बीमारी नहीं है कि जिसके लिये इतने परीक्षण करवाने के बाद भी अब तक आपके घर में संतान नहीं है। इस समय आपकी रिपोर्ट के अनुसार यह संख्या १० मिलियन/मिली. तथा गति २५% है, आप निम्न उपचार चालीस दिन तक लगातार लीजिये -
१. पुष्पधन्वा रस १ गोली + आमलकी रसायन २५० मिग्रा. + अश्वगंधादि चूर्ण १ ग्राम + गिलोय सत्त्व २५० मिग्रा. ; इन सबको एक करके देसी पान के बिना कुछ लगाये पत्ते पर रख कर सुबह -दोपहर-शाम को चबा लीजिये।
२ . धातुसंजीवन बटी १ गोली + वानरी वटी १ गोली + शुक्रमात्रिका वटी १ गोली + चंद्रप्रभा वटी १ गोली ; दिन में तीन बार मिश्री व एक चम्मच शहद मिला कर मीठे करे गये ठंडे दूध के साथ लीजिये।
३ . कामदेव चूर्ण ३ ग्राम + गोक्षुरादि चूर्ण ३ ग्राम + शिलाजित्वादि वटी १ गोली दिन में दो बार मलाई के साथ मिला कर चाट लीजिये।
दवाएं खाली पेट न लें। नियमित व्यायाम करें। देर रात तक न जागा करें।
इस बात का ध्यान रखिये कि कब्जियत न रहे इस लिये त्रिफला चूर्ण आदि का सेवन आवश्यकता होने पर अवश्य करें क्योंकि यदि दवाएं ठीक से पचेंगी ही नहीं तो लाभ कैसे करेंगी। तेलीय,खटाई, चटपटी मसाले दार व बाजारू साफ़्ट ड्रिंक्स, चायनीज व्यंजनों से बिलकुल दूर रहिये, औषधि सेवन काल में सम्भोग न करें।

बुधवार, जनवरी 21, 2009

तीन साल से नज़ला की तकलीफ़ है

सर, नमस्ते
मेरी समस्या है कि मुझे पिछले तीन साल से नज़ला की तकलीफ़ है जिसके कारण मैं बहुत परेशान हूं। मैंने बहुत दवाएं ली हैं लेकिन कोई भी आराम नहीं होता जब नजले की समस्या शुरू होती है तो सिर और गर्दन में बहुत दर्द होता है और मेरी आवाज भी बंद हो जाती है ऐसे में इशारों से काम करना पड़ता है। बलगम भी नहीं निकल पाता है खांसी बहुत होती है पूरी-पूरी रात निकल जाती है। मेरी उम्र ३५ साल है। मेरी दूसरी समस्या है कि मुझे अस्थमा(दमा) की समस्या भी शुरू हो गयी है। पिछले चार माह से खांसी होने के साथ ही सांस की भी तकलीफ़ होने लगती है। मैं बहुत कमजोर हो गयी हूं। सर, मैं पैरों से भी विकलांग हूं जिस कारण मैं इधर-उधर जाने में असमर्थ हूं मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं उनका कोई सहारा नहीं है आपके बारे में मेरे एक रिश्तेदार ने बताया था और मैं अपनी समस्या उनसे ही आप तक पहुंचा रही हूं। आपसे उम्मीद है कि आप मेरी समस्या को हल करेंगे मैं आपकी जीवन भर आभारी रहूंगी।
चमनलता
पलवल(हरियाणा)
बहन, आयुषवेद परिवार हर संभव प्रयास करेगा कि आपकी समस्या जल्द से जल्द समाप्त हो जाए। आप निम्न उपचार को पंद्रह दिन तक लीजिये और इस दौरान यदि मांसाहार करती हों तो उसका त्याग करें ताकि समुचित लाभ मिल सके-
१. कफकेतु रस एक गोली + कफचिन्तामणि रस एक गोली को सुबह-दोपहर-शाम अदरक के रस आधा चम्मच व शहद एक चम्मच मिला कर लीजिये।
२ . अभ्रक भस्म एक रत्ती + लौह भस्म एक रत्ती को देसी पान के पत्ते पर शहद लगाएं व दोनो भस्मों को बुरक कर उस पत्ते को चबा कर खा लीजिये लेकिन ध्यान रहे कि एक घंटे तक पानी न पियें। दिन में दो बार इस तरह पान का सेवन करें।
३ . मकरध्वज बटी एक-एक गोली दिन में दो बार सुबह शाम शहद से लीजिये।
इस उपचार को पंद्रह दिन तक लेने पर आपको चमत्कारिक लाभ होगा और स्थायी लाभ के लिये चालीस दिन तक जारी रखें ताकि समस्या दोबारा न हो सके। आयुषवेद परिवार ईश्वर से प्रार्थना करता है कि आप जल्दी से स्वस्थ हो जाएं ताकि आपकी औषधियों की आवश्यकता समाप्त हो जाए।

रविवार, जनवरी 18, 2009

भयंकर डायबिटीज है और पैरों में घाव हैं


My father in law is a patient of dibetis since 4 years. He has a weird problem; He gets ailment/injury on his legs.It pains.
After couple of weeks of medication it disappears.But the same ailment/skin injury reappears after a week.
I would be thankful to you if you could help him to cure this ailment permanantly.If possible plz contact me on my cellphone or reply to this email
address.
राजेश मुळे,पुणे
राजेश जी आपके ससुर जी से आयुषवेद परिवार के एक स्वयंसेवक की मुलाकात ट्रेन में हुई थी और उन्होंने ही मुझसे भी जिक्र करा था कि आज उन्होंने एक मधुमेह के मरीज को देखा जो कि पैरों में गहरे घाव से बुरी तरह से परेशान थे,आयुषवेद परिवार के स्वयंसेवक ने उनके पैरों को अपने हाथ में लेकर नजदीक से देखा है और उनकी पीड़ा को समझा है। बताया गया कि वे बाइस यूनिट इंसुलिन लेते हैं जो कि आपने अपने इस मेल में जिक्र नहीं करा है। आप उन्हें भरोसा दिलायें उससे पहले आप स्वयं आयुर्वेद पर विश्वास करें कि जो उपचार होगा वह स्थायी लाभ देगा किन्तु कुछ समय तक लगातार लेने पर ही परिणाम दिखेगा। आप उन्हें निम्न औषधियां दें-
१. सोमनाथ रस एक गोली + मधुमेह नाशिनी गुटिका एक गोली + स्वर्ण बंग एक रत्ती(१२५ मि.ग्रा.) की एक मात्रा बनाएं व कड़वी नीम के पत्तों के काढ़े के साथ दिन में तीन बार भोजन से पहले ही निगलवाएं व पंद्रह मिनट बाद भोजन कर सकते हैं।
२ . बसंत कुसुमाकर रस एक गोली + शिलाजित्वादि बटी एक गोली + मामज्जक घन बटी एक गोली की एक मात्रा बनाएं व भोजन के बाद एक कप जल में सात काली मिर्च,सात बेल के पत्ते व एक चुटकी सैंधव नमक(जो उपवास में खाया जाता है)पीस कर मिला लें व इसे मिश्रण से निगलवाएं।
३ . पैरों के जख्म पर स्थानिक लेप के लिये मेंहदी के पत्ते + बेल के पत्ते + कड़वी नीम के पत्ते + जामुन के पत्ते मिला कर पीस कर लेप बना कर दिन में चार-पांच बार लगाएं।
आप यकीन मानिये कि इस उपचार को यदि लगातार छह माह तक ले लिया जाए तो समस्या का स्थायी हल हो जाएगा और सहज लाभ तो आपको मात्र तीन-चार दिन में ही दिखाई देने लगेगा।

शनिवार, जनवरी 17, 2009

गर्भधारण न कर पाने की समस्या

सर नमस्ते, मेरी उम्र २८ साल है, सर मेरे एक बेटा है जिसकी उम्र चार साल है अब हम दूसरा बच्चा चाहते हैं लेकिन मैंने डाक्टर से तीन माह तक दवा भी ली है फिर भी कोई आराम नहीं है। डाक्टर ने जांच करके बताया कि सब सामान्य है, मेरा शरीर दुबला-पतला है, मासिक पाली भी बराबर आती है लेकिन गर्भधारण न कर पाने की समस्या के कारण मैं बहुत तनाव में रहती हूं साथ ही मेरे पति भी मुझसे नाराज बने रहते हैं आपकी वेबसाइट के बारे में एक दोस्त ने बताया था। मेहरबानी करके कोई अच्छा सा उपचार बताएं मेरी मासिक पाली की तारीख नजदीक आ रही है। ताकि मेरी समस्या समाप्त होकर मैं दोबारा गर्भधारण कर सकूं और इस तनाव भरी स्थिति से मुक्त हो सकूं। धन्यवाद
नेहा,उ.प्र.
नेहा बहन आपने जिस तरह से अपनी समस्या के बारे में बताया उससे कुछ विशेष स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि क्या हुआ है लेकिन मुझे पता है कि कई बार ऐसा हो जाता है कि किन्हीं कारणों से जैसे कि आपने जो उपाय इतने समय तक परिवार नियोजन के लिये अपनाया हो उसके दुष्प्रभाव से कोई विकार आ गया हो, लेकिन इन बातों को जाने दीजिये और प्रसन्न मन से इन औषधियों का सेवन करिये ताकि आपकी इच्छा जल्दी ही पूरी हो सके--
१. सन्तानदाता रस एक गोली + लक्ष्मणा लौह एक गोली की एक मात्रा बनाएं व दिन में तीन बार सुबह-दोपहर-शाम अशोकारिष्ट+लक्ष्मणारिष्ट के दो चम्मच के साथ सेवन करें। दवा खाली पेट न लें।
२ . सोंठ + काली मिर्च + छोटी पीपल + नागकेशर का चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर इस मिश्रण में से दो ग्राम चूर्ण गाय के घी के साथ दिन में दो बार सुबह-शाम चटायें।
३ . महाफल घी एक चम्मच दिन में दो बार लीजिए।
तेज मसाले दार और तीखा भोजन मत करें। इस उपचार को कम से कम चालीस दिन तक जारी रखें साथ ही ध्यान दें कि हो सकता है कि आपके पति किसी समस्या से ग्रस्त हों और आप एकदम स्वस्थ हों और आप बेकार ही खुद को जिम्मेदार मान रही हों इसलिये अपने पति को भी समझाइए कि वे अपनी भी जांच करवा ही लें क्योंकि गर्भस्थापना में उनका भी पूर्ण स्वस्थ होना जरूरी है।

एक साल से दर्द के कारण हिलना-डुलना ही बंद है तो काम धंदा बिल्कुल ही चौपट हो चुका है

डाक्टर साहब !नमस्कारकाफी दिनों के सोच विचार के बाद आपको अपनी व्याधि लिखने की हिम्मत जुटा पा रहा हूँ। वस्तुत: जब भी लिखने की सोचता हूँ तो समस्या विस्तार मांगती है...शायद इस बार मैं कुछ संक्षिप्त करके बताने में सफल हो सकूं।डॉक्टर साब ! मेरी आयु 49 वर्ष की है ! मुझे लगभग एक वर्ष से एक ऐसी व्याधि से गुजरना पड़ रहा है की जिसके चलते सम्पूर्ण जीवन ही अस्त व्यस्त होकर रह गया है ! मैं पूरे बदन में दर्द से ग्रसित हूँ ! शुरुआत कमर के निचले हिस्से से हुई थी , काफी तकलीफ थी अतः ओर्थोपेडिक सर्जन को दिखाया ... उन्होंने दो तीन एक्स रे किए और चंद पेन किल्लर दे कर उसने अपनी भूमिका का निर्वाह कर लिया ! दर्द गयी नही हालांकी फिसियो थेरेपी भी की 15-16 दिन ! इसके चंद महीनो बाद पैर की एडियों में भयंकर दर्द होना शुरू हो गया ! अबकी बार एक जानने वाले सज्जन मुझे आर्मी हॉस्पिटल के एक न्यूरो सर्जन के पास ले गए ...उन्होंने कहा- कुछ नही बस ज़रा वज़न कम करो...( 90 किलो वज़न ज्यादा तो है ही...लेकिन कम करने के लिए चलना बहुत ज़रूरी है जो मैं दर्द के कारण फिलहाल कर नही कर पा रहा था ) खैर फिर पेन किल्लर दी गयी...लेकिन समस्या मूलभूत तौर पर ना केवल बनी रही बल्की बढ गयी ! दर्द शरीर में दायीं ओर नीचे की सबसे आखिरी पसली में आ गया ! फिर कन्धों के जोडों में, पीठ में, और अभी सितंबर के महीने से जघन संधी में ( दोनों तरफ़ ) । होस्पिटल में डॉक्टर साहब को दिखाया तो उन्होंने कई टेस्ट लिख दिए ( मसलन थाईरेड, लिपिड प्रोफाइल, कोलेस्ट्रोल, शुगर , एंटी नयूक्लेअर एंटी बॉडी, Rheumatoid Factor Serum , IFA, ASKA , यूरिक एसिड , ANA /ANF और Rheumatoid Factor Serum आदि) लेकिन इनकी रिपोर्ट्स से उन्हें कोई दिशा नही सूझी ! लगभग सभी टेस्ट औने पौने रूप से सामान्य ही हैं ! ( वैसे अपनी दिशा हीनता को ढांपते हुए उन्होंने मुझे रयुमोटोलोजिस्ट को दिखाने कि सलाह दी है )दर्द इतना है की पेंट पहनने के लिए पैर उठाने में दिक्कत है और दोनों बाजू भी ठीक से उठ नहीं पाते ! दर्द कि प्रकृति कुछ ऐसी है जैसे कभी कभी जाडों के मौसम में गर्दन या पीठ अकड़ जाती है ...ज़रा सा हिलना भी दूभर हो जाता है ! सबसे ज़्यादा पसली के दर्द ने परेशान कर रखा है....लेटने में, लेट कर उठने में , सीड़ी चड़ने उतरने में खासी मुश्किल आती है...सोते सोते करवट बदलते हुए दर्द से नींद खुल जाती है। अब जबकि एलोपैथी daignose ही नही कर पा रही तो इलाज क्या होगा! सिर्फ़ वोवरोन जैसी गोलियों का सहारा है...जो मैं समझता हूँ कि अनुचित भी है और खतरनाक भी !एक साल से जबकि मोमेंट ही बंद हो गयी है तो काम धंदा बिल्कुल ही चौपट हो चुका है। पेशे से मैंफ्री लांस मिडिया प्रोफेशनल हूँ ....लेकिन अब लगता है कि हूँ नहीं - कभी था !आपके ब्लॉग पर आपको लोगों की समस्याएं सुलझाते देख कुछ आशा जगी है...शायद आयुर्वेद से ही कुछ निदानमिल सके। यदि ऐसा हो सका तो मानो मुझे नया जीवन ही मिल जाएगा ! मुझे विश्वास है कि आप जैसे स्हर्दये मेरी अवश्य ही मदद करेंगे !संक्षिप्त करते करते भी पत्र काफी लंबा हो गया है...क्षमा प्रार्थी हूँ।जल्द ही आपके उत्तर कि प्रतीक्षा में
सागर
आत्मन भाई, आपकी सारी समस्या को बहुत गहराई से जाना-समझा और जैसा कि आपने स्वयं ही बताया कि एलोपैथी कैसे अंधेरे में तीर चला कर आपको बस उपचार के नाम पर एक भरोसा ही दे पा रही है जो कि अब कारगर नहीं प्रतीत हो रहा क्योंकि न तो आधुनिकता के हिमायतियों की न एलोपैथी काम आती है न ही उनकी सिम्पैथी(सहानुभूति)....। आपकी समस्या बिना किसी संदेह के बता रहा हूं कि यह वात की ही परेशानी है अधिक विस्तार में न जाते हुए सर्वप्रथम आपको एक बात कहना चाहता हूं कि जिस भरोसे से आपने आयुषवेद के समक्ष समस्या रखी है हम आपके उस भरोसे को आयुर्वेद के बल पर कायम रखेंगे और आप पुनः पूरी ऊर्जा के साथ पत्रकारिता में जुट जाएंगे, आप निम्न उपचार लें-
१ . सर्वप्रथम इच्छाभेदी रस की एक गोली गर्म जल से रात में ले लें इससे आपकोहो सकता है कि सुबह कुछ पतले दस्त होंगे उससे तनिक भी न घबराएं बल्कि यदि दस्त न हों तो अगले दिन एक के स्थान पर दो गोलियां लीजिये जब एक सप्ताह तक पर्याप्त दस्त आकर देह हल्की महसूस होने लगे तब इसे बंद कर दीजिये व अगले दिन से गंधर्व हरीतकी दो चम्मच रात को सोते समय गर्म जल से लीजिये ताकि कब्जियत न रहा करे व जठराग्नि ऐसी बनी रहे कि आप जो दवाएं लें उनका सम्यक पाचन होकर आपको लाभ मिले। इस दौरान हल्का भोजन करें यदि गरिष्ठ आहार लेंगे तो लाभ न हो पाएगा।
२ . महावात विध्वंसन रस एक गोली + विषतिंदुक बटी एक गोली + रास्नादि गुग्गुल दो गोली ; इन सबकी एक मात्रा बनाएं व दिन में तीन बार महारास्नादि काढ़े के दो चम्मच के साथ सेवन करें।
३ . त्रिमूर्ति रस एक गोली + समीरपन्नग रस(साधारण) एक गोली + योगराज गुग्गुल एक गोली ; इन सबकी एक मात्रा बनाएं व दिन में तीन बार गर्म जल से लें। पहले वाली दवा के आधे घंटे बाद ले सकते हैं।
इस उपचार को न्यूनतम चालीस दिन तक लगातार लीजिये आप आश्चर्यजनक तरीके से अपने स्वास्थ्य में सुधार पाएंगे। इस पूरे उपचार को आप स्थायी लाभ हेतु तीन माह तक लीजिये। बाजारू खाने से परहेज करें साथ ही उपचार काल में नशे व मांसाहार वर्जित करें।

शनिवार, जनवरी 10, 2009

मैं premenstrual malaise से परेशान हूं,हार्मोन-उपचार नहीं चाहिये

डाक्टर साहब,
नमस्ते
मैं एक एयर होस्टेस हूं, मेरी उम्र २२ साल है, हर महीने माहवारी आने से पहले ही मेरी स्थिति अजीब सी होने लगती है; बदन में विचित्र सी उत्तेजना बनी रहती है, नींद गायब हो जाती है, सिर दर्द रहने लगता है, कब्जियत रहने लगती है,स्तनों और र्पैरों में सूजन सी चढ़ जाती है, मन खिन्न रहता है बिना किसी बात के उदासी छायी रहती है जिससे कि मेरे काम पर सीधा प्रभाव पड़ता है ये मेरे सहकर्मी मुझे बताते हैं कभी तो मुझे चक्कर और बेहोशी भी आ जाती है। क्या यह कोई सायक्लोजिकल प्राब्लम है या कुछ अन्य रोग है? मेरी एक गायनेकोलाजिस्ट दोस्त ने बताया कि इसे premenstrual malaise कहते हैं और इसका ऐलोपैथी में हार्मोनल उपचार है लेकिन उससे वजन बढ़ने की संभावना रहती है और किसी-किसी को तो माफ़िक भी नहीं पड़ता है तो अब ऐसे में अंधेरे में तीर चलवाना मैं सही नहीं मानती। आप ही आयुर्वेद के सागर से कोई मोती निकाल कर मेरी समस्या हल करिये।
लोपामुद्रा,मुंबई
बहन जी, माहवारी से पूर्व ऐसे लक्षणों का होना अक्सर आपकी मनोस्थिति के कारण ही होता है क्योंकि आप उससे सात-आठ दिन पहले से ही इस परिस्थिति पर मनन करना शुरु कर देती हैं और आप अनजाने में ही हर माह आपकी बीमारी का मानसिक धरातल तैयार कर लेती हैं। इसलिये पहला सुझाव कि आप माहवारी के संबंध में विचार करना छोड़ दीजिये जब हो जैसी हो तब ही विचार करें, दूसरी बात कि आपकी समस्या कोई लाइलाज तो है नहीं कि आप ज्यादा परेशान हों इसलिये बेफिक्र रहिये, मन लगा कर काम करिये और निम्न औषधियां तीन-चार माह तक माहवारी के समय ही तीन या चार दिन लीजिये और स्नान-शुद्धि के दो दिन बाद भी ले लीजिये बस फिर अगले माह लीजिये-
१ . आरोग्यवर्धिनी बटी दो गोली गर्म जल से सुबह एक बार नाश्ते के बाद लीजिये।
२ . अशोकारिष्ट + कुमार्यासव + लोहासव मिला कर तीन चम्मच बराबर गुनगुने जल में मिला कर सुबह नाश्ते के बाद लीजिये।
३ . शुद्ध नौसादर(नवसागर जो केमिस्ट के पास से अमोनियम क्लोराइड के नाम से मिल जाता है) दो चुटकियां गर्म जल से दोपहर व रात के खाने के बाद लीजिए।

शुक्रवार, जनवरी 09, 2009

पत्नी की बीमारी का नाम Acute catarrhal salpingitis बताया है

डाक्टर साहब,मेरी पत्नी की बीमारी से मैं बहुत परेशान हो गया हूं पिछले दो महीने से उसे अक्सर ठंड लग कर तेज १०३-१०४ डिग्री तक बुखार हो जाता है, जीभ एकदम सूखने लगती है, उल्टियां होने लगती हैं, पेट के निचले हिस्से में पेड़ू की तरफ बहुत दर्द होने लगता है जो कि चलने फिरने से अत्यधिक बढ़ जाता है। एम.सी. बहुत ज्यादा मात्रा में होता है, निचले पेट का हिस्सा छूने-दबाने पर कड़ा सा और फूला हुआ महसूस होता है, पेशाब भी बड़ी तकलीफ़ से होता है। छूने से असहनीय बताती है, सम्भोग में तो उसे इतना दर्द हुआ कि लगा अब दर्द से मर ही जाएगी। यहां के डाक्टर बस कभी ये टेस्ट कभी वो टेस्ट करा लो कर रहे हैं समझ नहीं आता क्या करें मुझसे उसकी तकलीफ़ देखी नहीं जाती। कोई उपाय बताइये ,डाक्टर ने उसकी बीमारी का नाम Acute catarrhal salpingitis बताया है।
संजय शुक्ल,अजनी
संजय जी, आपके द्वारा भेजी गयी सभी रिपोर्ट्स को देखा है आपकी पत्नी डिम्बाशय शोथ से पीड़ित हैं जिसका आप परीक्षण करवा चुके हैं। आप उन्हें निम्न उपचार दीजिये-
१ . पेट पर हल्का सा तारपीन का शुद्ध तेल लगा कर गर्म पानी की थैली से सेंक करें, ऐसा दिन में तीन चार बार करिये।
२ . गंधक रसायन एक गोली + आरोग्यवर्धिनी बटी एक गोली + शुद्ध शिलाजीत दो रत्ती(२५० मिलीग्राम) की एक खुराक बनाएं इस मात्रा को दशमूलारिष्ट + अशोकारिष्ट + अभयारिष्ट मिला कर दो चम्मच से निगलवाएं। सुबह-शाम नाश्ते के बाद दें, खाली पेट न दें।
३ . आमलकी रसायन दो रत्ती + पंचनिम्ब चूर्ण तीन ग्राम + कुक्कुटाण्डत्वक भस्म दो रत्ती की एक खुराक बनाएं व पुनर्नवासव के दो चम्मच से सेवन कराएं। सुबह - शाम दें।
४ . रात में सोते समय एक गोली सर्पगंधा घन बटी एक गोली गर्म जल से दीजिए।

ये उपचार दो माह तक दें वैसे आराम तो दो-तीन दिन में ही दिखने लगेगा। तली-भुनी मसालेदार चीजों से परहेज कराएं।

मोटापा बढ़ रहा है.....

sir mery age 29 year's hai aur mera weight 80kg. hai,may married hoo.sir mera digest theek nahi rahata hai. kyoki meri work officeal hai jo ki chear ka hai. aab sir marey stomach par fat hoti ja rahi hai jiskay karan stomach bhari-2 lagta hai. too sir aapsay request hai ki koi good upchar send karaney ki karpa karay aapkae atti karpa hogi.
thx.
satish
भाई आपकी समस्या को देखने से पता चलता है कि आप अपने दैनिक जीवन में कम ही शारीरिक श्रम करते हैं। यही कारण है कि कुछ विशेष अंगों पर मेद यानि चर्बी का जमाव होने लगता है इसके लिये आप को जो दवाएं बताई जाएं उनके साथ ही आप अपनी दिनचर्या में यदि कुछ नियमित व्यायाम जोड़ सकें तो आपको जल्दी लाभ होगा। आप निम्न दवाओं को कम से कम तीन माह अवश्य प्रयोग करें-
१ . मेदोहर विडंगादि लौह एक गोली + मेदोहर गुग्गुलु एक गोली + त्रिमूर्ति रस एक गोली की एक खुराक बनाएं इसे मेदारि पेय के दो चम्मच के साथ दिन में तीन बार लीजिये।
२ . अभयासव के दो चम्मच रात को भोजन के आधे घंटे बाद बराबर गर्म पानी के साथ लीजिये।
3 . अग्नितुंडी बटी एक गोली दिन में दो बार गर्म पानी से लीजिये।

बुधवार, जनवरी 07, 2009

एक साल से पाइल्स से बहुत परेशान हूं.......

आदरणीय डॉक्टर साहब,
प्रणाम
मैं पिछले एक साल से पाइल्स से बहुत परेशान हूं शुरू में तो समझ में ही नहीं आया लेकिन अब हमेशा कब्जियत रहती है, गुदा में खुजली होती रहती है, मस्से बन गये हैं, कभी कभी लैट्रिन करते समय खून भी आ जाता है। लोग कहते हैं कि आपरेशन के बाद दोबारा हो जाता है। कोई स्थायी इलाज बताइये अंग्रेजी दवाओं में कोई इलाज नहीं है आपरेशन को ही कहते हैं। मुझे आपरेशन से डर भी लगता है।
संजय राउत,अकोला
संजय जी, परेशान न हों लेकिन आपको लोगों ने सही ही बताया है कि आपरेशन के बाद दोबारा बीमारी हो जाती है उसका कारण है कि मूल कारण तो दूर होता नहीं। यही अंतर है एलोपैथी और आयुर्वेद में। आपकी बीमारी को पाइल्स(बवासीर) या मूळव्याध को जड़ से मिटाने का तरीका आपरेशन है ही नहीं इसलिये आप डरिए मत और इन औषधियों को तीन माह तक लगातार लीजिये आराम तो आपको दूसरे दिन से ही महसूस होने लगेगा।
१ . अर्शोघ्नी बटी दो गोली + अर्शकुठार रस एक गोली + प्राणदा बटी एक गोली(यदि रक्त अधिक आये तो इसके साथ बोलबद्ध रस की एक गोली और ले लीजिये)दिन में तीन बार गुनगुने गर्म पानी से लीजिये।
२ . पहली दवा के आधा घंटा बाद अभयारिष्ट दो चम्मच बराबर पानी में मिला कर दिन में तीन बार पिएं।
३ . रात को सोने से पहले सत ईसबगोल तीन चम्मच एक गिलास गुनगुने जल में घोल कर पिएं।
४ . मलद्वार पर गुदा के अंदर तक उंगली से हलके से कासीसादि तेल मल त्याग के बाद लगाइये व गुदा धोने के पानी में एक चम्मच पिसी हुई फिटकरी डाल कर गुदा धोएं।
मूंग,मसूर, मोटे अनाज की रोटियां, मूली, पालक आदि हरे पत्ते वाले साग, लौकी , परवल, पपीता, करेला, कुंदरू, मट्ठा जैसा सुपाच्य आहार लीजिये। मैदा, खोया , डालडा(वनस्पति घी), गुड़, तेलीय पदार्थ, अरबी(घुईंया), मटर, लाल मिर्च, अचार आदि से परहेज करें।

मंगलवार, जनवरी 06, 2009

बीमारी का नाम SPASMODIC DYSMENORRHOEA.......मेरी पत्नी दर्द से तड़प जाती है

आदरणीय डॉक्टर साहब,
प्रणाम
मैं अपनी पत्नी की समस्या को लेकर बहुत चिंतित हूं। उसकी उम्र २४ साल व बदन इकहरा है। उसे मासिक पाली(M.C.) में बहुत दर्द होता है। मासिक धर्म शुरू होने से एक दिन पहले से वह दर्द से तड़पने लगती है नाभि के निचले हिस्से में भयंकर कुचलने-मसलने जैसा दर्द बताती है। दूसरे दिन तक पेनकिलर्स लेने से कम होता जाता है लेकिन तब तक वह अधमरी सी हालत में आ जाती है। मेरे विवाह को चार माह हुए हैं लेकिन सच बताऊं तो मुझे उससे बहुत प्यार है और मैं उसे किसी भी पीड़ा में नहीं देख सकता इसलिये मुझे लगता है कि शायद उसे सहवास में भी अगर ऐसा ही कष्ट हुआ तो मै अपने आपको जीवन भर अपराधी मानता रहूंगा। आप मेरी स्थिति समझ रहे होंगे मेरी सहायता करें जिंदगी भर आपका उपकार नहीं भूलूंगा। यहां एक लेडी डॉक्टर ने उसकी बीमारी का नाम SPASMODIC DYSMENORRHOEA बताया है।
राजन सिंह, सतना
राजन जी,मैं आपकी पत्नी की स्थिति को समझ रहा हूं कि उन्हें इतनी पीड़ा सहन करनी पड़ रही है और निःसंदेह यह समस्या उन्हें मासिक धर्म की शुरूआत से ही होगी लेकिन हमारे परिवारों में अक्सर बहन बेटियां इन तकलीफ़ों को सहन करती जाती हैं और किसी से बताती नहीं हैं खास तौर पर उन परिवारों में जहां मां या बड़ी बहन न हों तब ज्यादा परेशानी होती है। आप भी अब परेशान न हों और उन्हें नियमित रूप से मासिक पाली आने से चार दिन पूर्व इन औषधियों का सेवन कराएं फिर मासिक पाली शुरू हो जाने पर बंद कर दें, इसी प्रकार फिर अगले माह पुनः ऐसा ही करें व इस प्रक्रिया को छह माह तक जारी रखें आप यकीन मानिये कि आपकी पत्नी की सारी समस्या स्थायी तौर पर हल हो जाएगी और आपका वैवाहिक जीवन आप सामान्य तरीके से बिता सकते हैं बस दवाएं शुरू तो करें-
१ . भोजन से आधा घंटा पहले हिंग्वादि चूर्ण दो ग्राम गर्म जल से दें।
२ . नष्टपुष्पान्तक रस एक गोली + रजोदोषहरी बटी दो गोली + योगराज गुग्गुलु दो गोली की एक मात्रा बनाएं और इसे महारास्नादि काढ़े के साथ निगलवा दें। ये मात्रा दिन में तीन बार सुबह-दोपहर-शाम को दें। खाली पेट दवा न दें।
३ . भोजन के आधा घंटा बाद दशमूलारिष्ट + कुमार्यासव को १०-१० मिली. लेकर समान भाग जल मिला कर पिलाएं।
४ . रात में सोने से पहले अजमोदादि चूर्ण दो ग्राम गर्म जल से दें।

गांजा,भांग,शराब आदि के नशे से जिंदगी बर्बाद कर ली है........

Dear Sir,
main apne jivan se nirash ho chuka hun. shayad mujh jaise ka jeena hi bekar hai. meri kahani suniye aur ho sake to mujhe bacha lijiye.. bachapan me hi GUTKHA aur BHANG khane ki aadat lag gayi, karib 10 sal tal GUTKHA aur BHANG khane ke baad chhod diya. pura muh nahi khulta hai ho sakta hai muh mein cancer ho gaya ho. ab CIGRETT ME GANJA bhar kar pine ki lat lag chuki hai. last 2 years se CIGARET , GANJA AUR DARU ka sewan kar raha hun. sach puchhiye to ab mera LING bhi khada nahi hota. BIWI hai uske samne bar-bar sharm se gardan jhuk jati hai. NASHA chhodana chahata hu lekin chhod nahi pa raha hun. mere ek pair me hamesha dard bana rahta hai. har 30 minute bad PESHAB lag jata hai. bar -bar peshab karne jana padata hai. kya main NAPUNSAK ban chuka hun? ab to ATMHATYA karne ka man karta hai. mere dost ne apke baare mein bataya to mujhse raha nahi gaya. unhi ke madhyam se apni jindagi apke hawale kar raha hun. agar bacha lenge to bacha lijiye... nahi to ab andh era hi dikhai de raha hai.. jindagi ko bhulane chala tha ab khud ko bhul chuka hun.
yours
DIPAK
भाईसाहब आपकी समस्या के बारे में इतना बताना चाहता हूं कि आप यदि आत्म-नियंत्रण नहीं रखेंगे तो आप खुद को दवा खाने से भी रोक लेंगे। एक हाथ से दवा खाते रहना और दूसरे हाथ से जहर खाते रहना तो एकदम घोर मूर्खता है इसलिये आवश्यक है कि आप स्वयं पर अभ्यास से नशे को कम करने का प्रयास करें और इसी अभ्यास के साथ औषधियां लेना जारी रखिये ताकि जल्द से जल्द ठीक हो सकें। आप निम्न दवाओं को लीजिये-
१ . आरोग्यवर्धिनी वटी एक-एक गोली सुबह-दोपहर-शाम जल के साथ लीजिये।
२ . गोक्षुरादि गुग्गुलु एक गोली + मकरध्वज बटी एक गोली + रस सिंदूर १२५ मिलीग्राम को मिला कर एक मात्रा बना लीजिये और इसे दिन में तीन बार अश्वगंधारिष्ट के दो चम्मच के साथ सेवन करें।
३ . कौंचा पाक एक-एक चम्मच दिन में दो बार दूध के साथ सेवन करें।
दवाएं खाली पेट न लें। औषधि सेवन करने के दौरान यदि आप मांसाहार का सेवन करते हों तो उसे बंद कर दें। इन दवाओं का सेवन धैर्यपूर्वक करें क्योंकि यदि आप अगर चाहें कि आपने अपने शरीर का जो भयंकर नुकसान इतने समय में करा है वह मात्र कुछ दिन में पूरा हो जाए तो यह संभव नहीं है इसलिये कम से कम एक माह दवाएं लेने के बाद ही किसी परिवर्तन की उम्मीद करें,इस उपचार को कम से कम तीन माह तक लीजिये। अधिक तेल-मसाले का सेवन न करें। निराश न हों आप अवश्य ही स्वस्थ हो जाएंगे।

रविवार, जनवरी 04, 2009

मेरी समस्या थायराइड की है

डाक्टर साहब नमस्कार मेरी समस्या थायराइड की है, आपको अपनी रिपोर्ट्स भेज रहा हूं। चमड़ी के नीचे सूजन सी बनी रहती है, ताकत एकदम कम हो गयी है,भौंहों के बाल भी कम हो गये हैं, भूख कम हो गयी है और कब्जियत रहती है, खून में हीमोग्लोबिन कम हो गया है, याददाश्त कमजोर हो गयी है, बदन में शिथिलता बनी रहती है,सैक्सुअल लाइफ़ भी एकदम खत्म हो चुकी है, जीभ कुछ मोटी सी लगती है,नाखून अपने आप टूट जाते हैं, हाथ पैर ठंडे बने रहते हैं गरमी में रहने का मन करता है। मुझे डाक्टर जो दवाएं दे रहे हैं वो हैं--
1 Dried extract of thyroid 2 Thyroxin sodium 1mg. twice a day 3 Steroides 4 Vitamin B-12
मैं इन दवाओं से तंग आ गया हूं लेकिन डाक्टर कहते हैं कि ये दवाएं जीवन भर लेनी पड़ेंगी क्योंकि इन्हें बंद करते ही मेरी हालत खराब होने लगती है। क्या आयुर्वेद में मेरे लिये कोई उपाय है कि जिससे मैं पूरी तरह से स्वस्थ हो सकूं? मेरी उम्र 46 साल है। बीमारी का नाम एक बार मैंने डाक्टर से पूछा था तो उन्होंने Myxoedema बताया था।
संगम आव्हाड,शारजाह
संगम जी, आपकी सारी रिपोर्ट्स को देखा और समझा। आप एलोपैथी के डाक्टरों की मजबूरी समझिये कि जब उनके पास इलाज है ही नहीं तो वो क्या कर सकते हैं तो जो उन्हें समझ में आता है वे आपको बताते हैं और अपनी क्षमता के अनुसार आपकी सहायता करने की कोशिश करते हैं। कोई चिकित्सक अपने मरीज का बुरा नहीं चाहता। लीजिये आपकी समस्या का आयुर्वेद में जो समाधान है वो आपकी सेवा में प्रस्तुत है। इन दवाओं को आप नियमित रूप से लगभग चालीस दिन तक लें और फिर चालीस दिन तक बंद रखें इसके बाद फिर से चालीस दिन तक लें और चालीस दिन बंद कर दें ऐसा तीन बार करिये ताकि आपकी समस्या का स्थायी उपचार हो जाए। निम्न औषधियां लीजिये-
१ . रास्नादि गुग्गुलु १ गोली + कैशोर गुग्गुलु १ गोली + पुनर्नवा मण्डूर १ गोली दिन में तीन बार एक चम्मच दशमूलारिष्ट + एक चम्मच पुनर्नवादि काढ़े के साथ लीजिये।
२ . धात्रीलौह २५० मिग्रा. + प्रवाल पिष्टी १२५ मिग्रा.+ श्रंग भस्म १२५ मिग्रा. + अभ्रक भस्म(शतपुटी) १२५ मिग्रा. + अर्जुन घनबटी १ गोली को मिला कर एक मात्रा बनाएं व इस एक मात्रा को अश्वगंधारिष्ट के साथ पहली दवा के लेने के आधे घंटे बाद लीजिये दिन में दो बार।
३ . रात में भोजन के बाद हरड़ का चूर्ण एक चम्मच गर्म जल से लीजिये।
४ . हृदयार्णव रस एक-एक गोली सुबह शाम अर्जुनारिष्ट के एक चम्मच के साथ लीजिये। इस दवा को दूसरी दवा के साथ ही ले सकते हैं।
मांसाहार का सेवन न करें साथ ही बाजारू पेय पदार्थों का सेवन भी न करें। ठंडी और बासी खाने की चीजों का इस्तेमाल न करें।

गुरुवार, जनवरी 01, 2009

गैस ट्रबल से परेशान हूं....

Dr. Saheb mera naam mahendra singh hai. mere pet mai hamesha gas bahut banati hai. pahale to mahine do mahine mai hoti thee ab to hamesha pet mai gurgur rahati hai. kabhi-kabhi khatti Dakarei bhi aati hai. thora bahut kabj ki shikayat bhi rahati hai. or kabhi-kabhi sir bhari tatha ankhon mei jalan bhi rahati hai. pet mai gas rukane par bahut dard hota hai. bahut pareshan ho gaya hnu kripaya samadhan batayan.tambaku tatha dhumrapan ki bhi aadat bhi hai. subaha se sham tak baithane ki hi Duti hai ghumane phirane ka time nahi rahata
mahendra bisht.

महेन्द्र जी आप यदि ये बताते कि आपकी दिनचर्या क्या है तो कुछ आहार-विहार संबंधी निर्देश दे सकता था लेकिन कोई बात नहीं। आप निम्न औषधियां एक माह तक सेवन करें आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा--
१ . आक(मदार नीला या सफेद कोई भी चलेगा) के सूखे हुए फूल १० ग्राम + लहसुन १० ग्राम + काली मिर्च ढ़ाई ग्राम + अजवायन ढ़ाई ग्राम + काला नमक ढ़ाई ग्राम + अदरख १० ग्राम + थाइमोल(ये अजवायन का सत्व होता है जो कि आयुर्वेदिक दवाएं बेचने वालों के पास आसानी से मिल जाता है) ५ ग्राम + सोंठ ढ़ाई ग्राम + छोटी पीपर ढ़ाई ग्राम + सेंधानमक ढ़ाई ग्राम + हींग एक ग्राम इन सबको मिला कर एक कर लें और एक चम्मच गर्म जल से भोजन के बाद दोनो समय लीजिये आपकी समस्या खत्म हो जाएगी।

बहन चंद्रलेखा शर्मा की ढेरों समस्याएं.....

dear dr.
you solved lots of problem and lots of people happy god bless you, please help me i am begging for that.
dr. i been married 22 years since my wife been sick her problems are folowing.
she dont get hungry no aptite
dizzinyness
if she eat something she throw up vomit after some time
nouzia
ashthma she cant cook she hate any smells anything perfume agarbatti etc
she complaint that all food is stuck in chest and after she vomit
she got fever but no timing day or evening or night
and headache most of time migrane etc
she did not sleep at all
she get some blue scars on her body day or night it happens some time and main problem is she get
cut on her vigina 2 times per month some time before pms or some time after pms and we cant make sex
i got same thing i got cut wthought intercourse it been happing with us sinnce we got married. she is 42 and iam 56
i am sugar patient no sex power and we cant make sex cause her cut in her vagina sometime i have cut too.
so please help me what i supose to do can you save us or what you think we able to make baby.
THANKS

ललित शर्मा
भाई ललित शर्मा जी, अपके द्वारा भेजी गयी अत्यंत विस्तरित रिपोर्ट्स के गहन अध्ययन व लाक्षणिकता को जान समझ कर इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि चंद्रलेखा बहन पित्त के बढ़ जाने से इन तमाम लक्षणों से परेशान हैं आप बिलकुल परेशान न हों जब तक बीमारियों का मूल कारण समझ में नहीं आता तब तक सुझाई गयी औषधि मात्र अंधेरे में तीर की भांति होती है। आप उन्हें निम्न औषधियां दीजिये-
१ . स्वर्ण सूतशेखर रस १ गोली + चंद्रकला रस १ गोली + अग्नि संदीपन रस १ गोली सुबह दोपहर शाम पर्पटाद्यारिष्ट के एक चम्मच के साथ निगलवाएं।
२ . गिलोय सत्व २५० मिलीग्राम + प्रवाल पिष्टी २५० मिलीग्राम + कामदुधा रस(मौक्तिक) १२५ मिलीग्राम अम्रतारिष्ट के दो चम्मच के साथ दें दिन में दो बार सुबह और शाम को पहली दवा के दस मिनट बाद दे सकते हैं।
३ .आधा चाय का चम्मच अविपत्तिकर चूर्ण दिन में दो बार ठंडे पानी से दें।
४ . गुलाब शर्बत का सेवन दिन में तीन बार दो - दो चम्मच करा करें।
इस उपचार को एक माह जारी रख कर आप पुनः संपर्क करें आशा है पर्याप्त आराम हो जाएगा। ईश्वर आप लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करें।
आपकी समस्या के बारे में अगले पोस्ट में लिखने वाला हूं। धन्यवाद